Clock Near Bed : अक्सर लोग अपने बेड के पास अलार्म घड़ी या दीवार पर लगी घड़ी रखते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना शुभ होता है या अशुभ? बहुत कम लोग इस बात को समझते हैं कि घड़ी सिर्फ समय देखने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारे घर की ऊर्जा, मन की स्थिति और भाग्य पर भी असर डाल सकती है. वास्तु और ज्योतिष दोनों ही इस विषय पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घड़ी का स्थान बहुत मायने रखता है. यह सिर्फ समय की जानकारी नहीं देती बल्कि घर में ऊर्जा का प्रवाह भी तय करती है. सही दिशा में लगी और चालू हालत में रहने वाली घड़ी जीवन में सकारात्मकता लाती है, जबकि रुकी हुई या गलत दिशा में लगी घड़ी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. यही कारण है कि घड़ी को हमेशा साफ, सही समय पर और सही दिशा में रखना जरूरी होता है.
वास्तु के अनुसार बेड के पास घड़ी रखना शुभ नहीं माना गया है. इसका पहला कारण है – ‘टिक-टिक’ की आवाज. यह आवाज भले ही हल्की हो, लेकिन रात के समय यह दिमाग पर असर डालती है. इससे नींद में खलल हो सकता है, जिससे अगली सुबह थकान, चिड़चिड़ापन और बेचैनी महसूस हो सकती है. सोते वक्त शांति और स्थिरता का माहौल होना बेहद जरूरी है.
इसके अलावा, घड़ी की लगातार चलती सुइयां मानसिक बेचैनी का संकेत देती हैं. यह उस ऊर्जा को दर्शाती है जो बिना रुके चल रही हो – यानी मानसिक दौड़, चिंता और अनावश्यक तनाव. बेड के पास ऐसी चीज़ रखने से मानसिक तनाव और चिंता बढ़ सकती है.
वास्तु के अनुसार बेड के सामने या बेड के ऊपर घड़ी लगाना भी सही नहीं है. ऐसा माना जाता है कि अगर सोते समय व्यक्ति का प्रतिबिंब घड़ी पर पड़ता है तो यह नकारात्मक ऊर्जा को खींचता है. यह वैवाहिक जीवन में अनबन, संवादहीनता या रिश्तों में दूरी की वजह बन सकता है. लगातार घूमती सुइयां यह संकेत देती हैं कि रिश्तों में स्थायित्व की कमी है.
क्या हो सकते हैं इसके और भी नुकसान?
-बेड के पास घड़ी रखने से घर में वास्तु दोष पैदा हो सकता है.
-इससे आर्थिक तंगी, खर्चों में अनियंत्रण और धन की रुकावटें आ सकती हैं.
-पारिवारिक तनाव, झगड़े और आपसी मतभेद भी बढ़ सकते हैं.
-मानसिक अवसाद, बेचैनी और अकेलापन महसूस हो सकता है.