राज्य सूचना आयुक्त मोहम्मद नदीम रामपुर पहुंचे। वहीं जिले में पेंडिंग सूचनाओं पर सूचना अधिकारियों को निर्देश दिए। इस मौके पर मोहम्मद नदीम ने कहा कि सूचना दिलाना आज जितनी बड़ी चुनौती है। उससे कहीं बड़ी चुनौती इस कानून की पवित्रता बनाए रखने की है। कानून
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राज्य सूचना आयुक्त द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की विभिन्न धाराओं के तहत पंजीकृत प्रकरण, निस्तारण व निस्तारण के दौरान आने वाली समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। राज्य सूचना आयोग द्वारा उप्र राज्य सूचना का अधिकार नियमावली-2015 के तहत आरटीआई आवेदन पत्र रजिस्टर और अन्य अभिलेखों की जांच के साथ ही जनपद में दो तहसीलों और दो विकास खण्डों के जन सूचना प्रकोष्ठ का भी निरीक्षण किया।
6 महीने में 50 फीसद मामलों का निस्तारण
बैठक के बाद उन्होंने प्रेस प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम की मॉनिटरिंग कर इसमें लगातार सुधार की कोशिश की जा रही है। जिले के सूचना अधिकारियों को भी इसके लिए लगातार अपडेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा जब से आयोग का गठन हुआ तब से आयोग की कोशिश है कि जो सूचनाएं पेंडिंग हैं। उन्हें फौरन निस्तारण किया जाए। साथ ही जो सूचनाएं देने योग्य नहीं हैं, उनका भी समाधान किया जाए। साथ ही ऐसे लोग जिन्हें इनफॉर्मेशन देना जरूरी हैं। उन्हें सूचनाएं पहुंचाने का काम किया जाए। जो सूचना अधिकारी सूचना देने में कोताही बरतते हैं। उन पर आयोग का शिकंजा कसा जाए। उन पर कार्रवाई की जाए। जिन सूचना अधिकारियों पर जुर्माना पेंडिंग हैं। उसे ढूंढ कर जुर्माना अदा कराया जाएगा। 6 महीने के अंदर 50 फीसद सूचना मामलों का निस्तारण हुआ है।