Monday, June 9, 2025
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रायगढ़ में कलागुरू वेदमणि सिंह ठाकुर का निधन: छत्तीसगढ़ की कला बिरादरी के लिए अपूर्णीय क्षति, मुख्यमंत्री साय ने जताया शोक – Raigarh News


पिछले कुछ समय से कलागुरू वेदमणि सिंह ठाकुर अस्वस्थ्य थे।

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में कलागुरू के नाम से पहचाने जाने वाले संगीत शिरोमणि वेदमणि सिंह ठाकुर का आज अचानक निधन हो गया। उनके निधन से छत्तीसगढ़ की समूचे कला बिरादरी को अपूर्णीय क्षति हुई और सभी ने अपनी शोक संवेदन प्रगट की है।

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सोमवार दोपहर को कलागुरू संगीत शिरोमणि वेदमणि सिंह ठाकुर दरोगापारा स्थित अपने निवास लक्ष्मण संगीत महाविद्यालय में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर मिलते ही संगीत कला क्षेत्र के कलाकार उनके निवास स्थाना पहुंचने लगे। राज्य सरकार ने 2022 में कलागुरू वेदमणि सिंह ठाकुर को संगीत साधना के लिए चक्रधर सम्मान से नवाजा था।

वेदमणि सिंह ठाकुर अपना तखल्लुस यानि उपनाम बेदम लिखते थे। उनकी कई रचनाएं स्थानीय और क्षेत्रीय पत्र पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशित होती रही हैं। कलागुरू वेदमणि सिंह बीते कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे, लंबे इलाज के बाद आज 90 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।

कलागुरू वेदमणि सिंह ठाकुर ने हजारों बच्चों, युवाओं को शास्त्रीय संगीत की तालीम दी

भवानी शंकर मुखर्जी स्मृति कला सम्मान मिला

कलागुरू वेदमणि सिंह ठाकुर को साल 2019 में पहला भवानी शंकर मुखर्जी स्मृति कला सम्मान भी दिया गया था। रायगढ़ की संपूर्ण कला बिरादरी वेदमणि सिंह ठाकुर का भरपूर सम्मान करती है, रायगढ़ इप्टा के साथ तो उनके रिश्ते पेरेंट्स तुल्य रहे हैं। इप्टा के नाटकों को देखकर उसकी समीक्षा भी उनके द्वारा समय समय पर की जाती रही है।

पिता की विरासत को सहेजा

वेदमणि सिंह ठाकुर ने लक्ष्मण संगीत महाविद्यालय को अपने दिवंगत पिता जगदीश सिंह दीन मृदंगार्जुन की विरासत के तौर पर ना केवल सहेजा संभाला, बल्कि इस संस्थान से हजारों बच्चों युवाओं को शास्त्रीय संगीत की तालीम दी। उनके द्वारा प्रशिक्षित तमाम शिष्य देश दुनिया में संगीत साधना के जरिए नाम कमा रहे हैं।

कला बिरादरी को अपूर्णीय क्षति

कलागुरू वेदमणि सिंह ठाकुर का नाम रायगढ़ में चक्रधर समारोह की नींव रखने वालों में लिया जाता है। आज उनके निधन से रायगढ़ ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की समूची कला बिरादरी को अपूर्णीय क्षति हुई है।रायगढ़ के संदर्भ में अगर देखें तो शास्त्रीय संगीत की परंपरागत शिक्षा के लिहाज से एक समृद्ध युग का अंत हो गया।

मुख्यमंत्री ने जताया शोक

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने एक्स पर लिखा कि चक्रधर सम्मान से सम्मानित, संगीत साधना के महान पुरोधा, कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर बेदम जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। गुरुजी ने अपना सम्पूर्ण जीवन संगीत की सेवा में समर्पित कर दिया।

रायगढ़ की सांस्कृतिक राजधानी की प्रतिष्ठा को संजोए रखने में उनका योगदान अविस्मरणीय है। देशभर के अनेक प्रतिष्ठित मंच उनकी प्रतिभा से आलोकित हुए। उनकी कला, साधना और व्यक्तित्व की छाया देश के सांस्कृतिक जीवन में सदैव बनी रहेगी। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवार व शिष्यों को इस दुख की घड़ी में संबल प्रदान करें।



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