रात के अंधेरे में गांव पहुंचा हाथी।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वनमंडल में एक हाथी ने दो घरों को तोड़ दिया है। हाथी जंगल से निकलकर रात करीब ढाई बजे खरगौन पहुंचा। उस समय लोग अपने घरों पर सो रहे थे, लेकिन जब हाथी के आने की सूचना मिली तो ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया।
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हाथी ने गांव के अकुल साहू और लीला बाई के मकान को धान खाने के लिए तोड़ दिया। ग्रामीणों ने टॉर्च जलाकर और कई तरह की आवाजें निकालकर उसे भगाने का प्रयास किया, लेकिन हाथी काफी देर तक गांव में ही विचरण करता रहा।
देर रात हाथी मक्के के खेत में पहुंचा। वहां मक्के खाने के बाद वह जंगल की ओर चला गया। इसके बाद उसने कोयलार गांव में एक किसान के खेत में लगी धान की फसल को भी नुकसान पहुंचाया।
लीलाबाई के घर को धान खाने के लिए किया क्षतिग्रस्त।
दो दिन पहले 4 घरों को तोड़ा था
बताया जा रहा है कि, यह हाथी एक गांव से दूसरे गांव पहुंच रहा है। धान खाने के लिए घरों को क्षतिग्रस्त कर रहा है। दो दिन पहले भी हाथी ने खलबोरा और दर्रीडीह में चार घरों को क्षतिग्रस्त किया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे वहां से जंगल की ओर खदेड़ दिया।

हाथी रात में जंगल से गांव में आया और घरों को तोड़ दिया।
हाथी ने परिसर रक्षक को दौड़ाया
हाथी को भगाने के लिए परिसर रक्षक शिवा ठाकुर भी वहां पहुंचा, लेकिन हाथी ने उसे भी दौड़ा दिया। किसी तरह भाग कर उसने अपनी जान बचाई। बताया जा रहा है कि, जिन घरों को हाथी ने क्षतिग्रस्त किया है, उसी के पास परिसर रक्षक का भी क्वार्टर है।
निगरानी कर रहे वन कर्मचारी
धरमजयगढ़ एसडीओ बाल गोविंद साहू ने बताया कि, यह हाथी सिर्फ घर तोड़ रहा है। इसलिए इस पर लगातार निगरानी की जा रही है। हाथी की मौजूदगी को देख आसपास के गांव में मुनादी भी कराई जा रही है। ग्रामीणों को जंगल की ओर जाने से मना किया जा रहा है।