शहरभर में400 से ज्यादा ITMS कैमरे लगे हुए है।
केस-1: आमानाका इलाके में 15 जुलाई को नरेश नाम के युवक की हत्या हुई। तीन नाबालिगों ने नशे की हालत में विवाद किया और फिर मर्डर करके भाग निकले। चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे खराब होने से केस सुलझने में 15 दिन लग गए।
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केस-2: खम्हारडीह क्षेत्र में 18 अगस्त को शराब दुकान में पैसे की विवाद को लेकर 5 लोगों ने मिलकर 2 युवकों को चाकू मार दिया। चौक पर लगे CCTV खराब होने से पुलिस को आरोपियों के भागने का रूट तलाश करने में काफी समय लग गया।
केस-3: टिकरापारा में अप्रैल में कांग्रेस कार्यकर्ता के बेटे की हत्या कर दी गई। पुलिस को शक था कि हत्यारे भाठागांव की तरफ भागे है। CCTV सही नहीं होने से धुंधली तस्वीर मिली। इसके चलते आरोपियों तक पहुंचने के लिए दर्जनों कैमरे चेक करने पड़े।
मेंटेनेंस की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी की
ये 3 केस यह बताने के लिए हैं कि रायपुर में सड़कों पर लगे CCTV कैमरे खराब होने का खामियाजा आमजन के साथ ही पुलिस को भी भुगतना पड़ रहा है। सुरक्षा और ट्रैफिक उल्लंघन रोकने के लिए 400 से ज्यादा ITMS कैमरे लगाए गए हैं। इनमें 80 से ज्यादा खराब हैं।
ये मेंटेनेंस नहीं होने और अन्य कारणों से खराब हैं। इनके मेंटेनेंस की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी की है। हालांकि इन कैमरों पर नजर स्मार्ट सिटी और पुलिस संयुक्त रूप से रखती है। इस मामले में प्रशासन का कहना है कि शासन से फंड की मांग की गई है। इसके बाद कैमरों को ठीक कराया जाएगा।

शहर में हो चुके है कई बड़े अपराध
इन सीसीटीवी के खराब होने का सीधा फायदा वारदात को अंजाम देकर भाग रहे अपराधियों को होता है। चौक-चौराहों के सीसीटीवी कैमरे खराब होने से वह किस तरफ फरार हुए, यह साफ नहीं हो पाता है। पुलिस को उस पूरे रूट में दुकानों या अलग-अलग जगह लगे प्राइवेट सीसीटीवी कैमरे चेक करने पड़ते हैं। इसमें काफी समय भी लग जाता है।

जय स्तंभ चौक पर भी लगे चार में से एक कैमरा खराब है।
कुछ केस बड़े केस, जिसमें CCTV से मिला सुराग
- तेलीबांधा PRA ग्रुप के ऑफिस में फायरिंग कर 2 शूटर भागे थे। पुलिस ने इन्हीं सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से आरोपियों की पहचान की थी। उनके भागने के रूट को ट्रेस करते हुए, गिरफ्तार कर रायपुर लाया गया।
- रायपुर में अगस्त महीने में चार बदमाशों ने मिलकर एक युवक का अपहरण कर लिया। उसकी मंदिर हसौद इलाके में ले जाकर जमकर मारपीट की। पुलिस ने इस मामले में CCTV कैमरों की मदद से जिस कार का इस्तेमाल हुआ था उसका नंबर ट्रेस कर लिया। इसी से आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।
- जुलाई महीने में सिविल लाइन और राजेन्द्र नगर थाना क्षेत्र में 2-3 महिलाओं से चेन स्नेचिंग हुई। इस वारदात को एक ही आरोपी ने अंजाम दिया था। पुलिस ने कैमरों की मदद से आरोपी की पहचान कर ली।
- खमतराई और मोवा थाना इलाके में घरों में हुई चोरियों में भी चोरों की पहचान इन कैमरों से हुई थी। देर रात सड़कों में निगरानी के लिए ये कैमरे पुलिस के लिए मददगार रहते हैं।

तेलीबांधा PRA ग्रुप के ऑफिस में फायरिंग करके 2 शूटर भागे थे।
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से जुड़े हजारों मामले
रायपुर में पुलिस इन्हीं कैमरों की मदद से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर चालान भेजती है। रायपुर में हर महीने हजारों लोग रेड लाइट जंप, रॉन्ग साइड ड्राइविंग और बिना हेलमेट के इन कैमरा की निगाह में आते हैं। इसके बाद पुलिस उन पर चालानी कार्रवाई करती है।
अगर सभी कैमरे सही से काम करें तो अपराध को कंट्रोल करने में और ज्यादा मदद मिल सकती है। ट्रैफिक DSP गुरजीत सिंह ने बताते हैं- इस साल शुरुआती 3 महीनों में ही 21 हजार 642 लोगों पर कार्रवाई की गई है। इसमें 1 करोड़ 36 लाख 4 हजार 6 सौ रुपए का चालान काटा गया है।


रायपुर में 4 लोग एक स्कूटी पर बैठकर घूम रहे थे। पुलिस ने कैमरे से नंबर निकालकर एक्शन लेते हुए 2000 रुपए का चालान काट दिया था।