Thursday, March 13, 2025
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रायपुर के बूढ़ातालाब में चौपाटी बनाने का विरोध: NGO ने कहा- गार्डन में धंधा बंद करो, गार्डन-तालाब में लोगों को साफ हवा लेने दें – Raipur News


रायपुर के बूढ़ातालाब में पाथ-वे पर चौपाटी बनाने के विरोध में स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाएं भी आगे आ गई हैं। रविवार को ग्रीन आर्मी छत्तीसगढ़ ने बूढ़ातालाब पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया और अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की।

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सभी ने एक स्वर में तालाब किनारे बने पाथ-वे से चौपाटी के लिए बनाए गए लोहे और स्टील के स्टॉल को हटाने की मांग की है।

पाथ-वे में चौपाटी खोलने का विरोध करते लोग।

गार्डन में धंधा बंद करो

ग्रीन आर्मी के लोगों ने कहा कि, आज शहर में तालाब और गार्डन सुरक्षित नहीं है। लगातार शहर के गार्डन और तालाब को कमाई का जरिया बनाया जा रहा है। जिसके चलते रायपुर शहर के लोगों ले लिए शहर में बहुत कम ही गार्डन और तालाब बचे है। जहां वे खुले में साफ हवा ले सके। इसलिए गार्डन में धंधा बंद होना चाहिए। बूढ़ा-तालाब में तैयार हो रही चौपाटी नहीं खुलनी चाहिए।

सियासी बयानबाजी भी तेज

शनिवार को महापौर एजाज ढेबर और सभापति प्रमोद दुबे और कांग्रेस पार्षद दल ने बूढ़ातालाब पहुंचकर चौपाटी का निरीक्षण किया। महापौर ने कहा कि, क्या इसीलिए तालाब किनारे की सड़क खोली गई है कि लोग आसानी से चौपाटी तक पहुंचे और व्यापार हो सके।

पाथ-वे में जाकर नारेबाजी करते लोग।

पाथ-वे में जाकर नारेबाजी करते लोग।

मेयर एजाज ढेबर ने क्या कहा

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एक तरफ तो स्कूल-कॉलेज के लिए रास्ता खोलवाने का दिखावा किया गया। अब क्या उन बच्चियों की चिंता नहीं है। रूफटॉप रेस्टोरेंट खोलने की तैयारी है, यहीं ऊपर से बच्चियां खेलेंगी वो दिखेगा। बाथरूम दिखता है। क्या ये प्राइवेसी पर सवाल नहीं है।रास्ता तो इसलिए खोला गया कि, सीधा सीधा आप गाड़ी लो और चौपाटी पर पहुंचो। इनकी पहले से ही ऐसी प्लानिंग थी। चौपाटी के माध्यम से यहां अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाएंगे। जिस तरीके से तेलीबांधा में किया गया, सब जानते हैं कौन किसका व्यवसाय कर रहा है।

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सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने क्या कहा-

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सिर्फ विरोध करना है यह उचित नहीं है। प्राइवेट एजेंसी वहां चौपाटी तैयार कर रही है पहले की वह प्लानिंग थी। चौपाटी से बच्चियों को कोई परेशानी नहीं होने वाली है। लोगों को अगर बेहतर सुविधाएं देंगे तो उस जगह के लिए पैसा भी जनरेट करना होगा। दानी स्कूल की दीवार से लगकर चौपाटी नहीं बननी चाहिए हमने इसे हटवा दिया है। कांग्रेस ने करोड़ों रुपए खर्च करके फाउंटेन लगाया गया जो 15 मिनट भी नहीं चलता है क्या उसका जवाब वो देंगे??

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रायपुर नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे ने क्या कहा-

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रायपुर में गिने चुने तालाब बचे हैं, जहां लोग सुबह चैन से मॉर्निंग वॉक करके अच्छी सांस ले सकें, लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि पर्यटन विभाग को यह तालाब ट्रांसफर कर दिया गया है। अब पर्यटन विभाग के द्वारा इसमें चौपाटी लगाई जा रही है। इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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रोजाना पोस्टर लगाकर कर रहे विरोध।

रोजाना पोस्टर लगाकर कर रहे विरोध।

एक तरफ चौपाटी हटाने की बात करते हैं, दूसरी तरफ खोलने की

प्रमोद दुबे ने कहा कि इससे पहले यह नगर निगम में था। जब मैं महापौर था, तब हमने दुकानें खोलने वाली कंपनी का एग्रीमेंट निरस्त किया था। जिस जगह चौपाटी खुल रही उसके ठीक पीछे दानी स्कूल है, जहां बहुत सारी बच्चियां पढ़ती हैं।

दुबे ने कहा कि रायपुर के एक विधायक कहते हैं कि हम कॉलेज के पास एजुकेशन हब में चौपाटी नहीं लगाने देंगे, लेकिन बूढ़ा तालाब में स्कूल के पास चौपाटी लगाई जा रही है। यह कैसी राजनीति है? दुबे ने कहा कि चौपाटी के नाम पर रायपुर शहर के तालाबों और धरोहरों को नष्ट नहीं किया जाना चाहिए।

चौपाटी का विरोध करते स्थानीय लोग।

चौपाटी का विरोध करते स्थानीय लोग।

30 करोड़ रुपए खर्च कर किया सौंदर्यीकरण

रायपुर स्मार्ट सिटी ने करीब 5 साल पहले बूढ़ातालाब का सौंदर्यीकरण किया था। शहर के ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब के सौंदर्यीकरण पर अलग-अलग चरणों में 30 करोड़ से ज्यादा खर्च किए गए। तालाब के चारों ओर बाउंड्री, म्यूजिकल फाउंटेन, भव्य गेट लगाए गए।

बूढ़ा तालाब में 2 परिक्रमा पथ बनाए

कांग्रेस शासनकाल में रायपुर स्मार्ट सिटी ने बूढ़ा तालाब में 2 परिक्रमा पथ बनाए और गाड़ियों के आने जाने को बंद कर दिया। भाजपा की सरकार आते ही पथ को आम लोगों और वाहनों के आने-जाने के लिए खोल दिया गया। तालाब और पूरे परिसर को संवारने के बाद स्मार्ट सिटी ने इसे नगर निगम को हैंडओवर कर दिया। निगम ने इसे छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग को सौंप दिया।

पहले भी चौपाटी को लेकर विवाद

बूढ़ा तालाब के सौंदर्यीकरण और चौपाटी को लेकर कई बार विवाद हो चुका है। पहले बूढ़ा तालाब के अंदर नीलाभ उद्यान में चौपाटी शुरू की जा रही थी। इसे 15 साल के लिए एक निजी कंपनी को दिया गया था। कंपनी ने तालाब के पानी को भरना शुरू कर दिया।

इस बारे में एनजीटी में शिकायत की गई थी। यहां वाटर स्पोर्ट्स भी हो रहा था। कंपनी की योजना बाहर दुकानें बनाने की भी थी। विरोध के बाद ठेका रद्द कर दिया गया।



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