छत्तीसगढ के चर्चित शराब घोटाला और कोयला घोटाला मामले में शनिवार को ईडी की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। शराब घोटाले मामले में पहली बार कोर्ट ने शराब निर्माता कंपनियों और शराब कारोबार से जुड़ी लोग पेश हुए।
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कोयला घोटाले मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस नेता आरपी सिंह विनोद तिवारी समेत अन्य की पेशी हुई। सुनवाई के बाद देवेन्द्र कोर्ट रूम से मुस्कुराते हुए बाहर निकले। वहीं, शराब घोटाले मामले में सुनवाई की तारीख आगे बढ़ गई है।
कोर्ट रूम से मुस्कुराते हुए बाहर निकले विधायक देवेन्द्र यादव।
शराब निर्माता कंपनी ने 1200 करोड़ कमाए
छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले मामले में ED ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि घोटाले में 1200 करोड़ रुपए की राशि शराब निर्माण कंपनियों ने कमाए हैं। अनवर ढेबर की अर्जी को स्वीकार करते हुए स्पेशल कोर्ट ने शराब निर्माता कंपनियों समेत 8 लोगों को आरोपी बनाया और उन्हें पेश होने कहा था।

सस्पेंड IAS रानू साहू की अग्रिम जमानत खारिज
छत्तीसगढ़ की चर्चित IAS अफसर रहीं रानू साहू को फिर हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। उनकी ओर से लगाई दो अग्रिम जमानत याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया गया। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि, आरोपी अफसर के खिलाफ जांच एजेंसी के पास पर्याप्त सबूत हैं।
दरअसल, निलंबित IAS रानू साहू रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है। उनके खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने दो अलग-अलग FIR की है। इन मामलों में भी उन्हें गिरफ्तारी की आशंका लग रही है। इससे बचने के लिए उसने अग्रिम जमानत अर्जियां लगाई थी। इसके लिए केजरीवाल और सिसोदिया केस का हवाला भी दिया गया।
क्यों नहीं मिली अग्रिम जमानत?
रानू साहू कोल, DMF घोटाले के अलावा आय से अधिक संपत्ति में भी आरोपी है। इसमें 2015 से 2022 के बीच उसने 3.93 करोड़ रुपए की बेमानी संपत्तियां अर्जित की है। ऐसे में आरोपी अग्रिम जमानत की शर्तें पूरी नहीं करता। अपराध की गंभीरता और गवाहों से छेड़छाड़ की संभावना है।