इस मामले में पुलिस ने आरोपी मनोज कुमार ध्रुव और उसके दोस्त योगेंद्र कुमार भारती को गिरफ्तार कर लिया है।
रायपुर में इस्कॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सुपरवाइजर ने अपने दोस्त की मदद के लिए 20 लाख की लूट की साजिश रची। कंपनी के पैसों को खुद ही लूट लिया। पुलिस को कहानी सुनाई की बाइक सवार धक्का-मुक्की कर बैग में रखे कैश को लेकर भाग गया। मामला मुजगहन थाना क्ष
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रायपुर पुलिस ने बताया कि सुपरवाइजर को सीन रीक्रिएशन के लिए लेकर गए। इस दौरान आरोपी सुपरवाइजर पुलिस को गुमराह करने लगा, लेकिन क्रॉस क्वेश्चन में पहले राइट हैंड कहा फिर लेफ्ट हैंड कहा। आरोपी इसी कन्फ्यूजन में फंस गया। आरोपी ने दैनिक भास्कर को भी सुनाई मनगढ़ंत कहानी। कहा था कि लुटेरे से धक्का मुक्की में बाइक का एक्सीलेटर घूम गया।
इस पूरी घटना का सीन रिक्रिएशन करवाया गया था।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, मुख्य आरोपी खुद सुपरवाइजर मनोज कुमार ध्रुव है। मनोज कुमार ध्रुव रायपुर के कमल विहार स्थित इस्कॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का सुपरवाइजर है। उसने पुलिस को गुमराह करते हुए बताया था कि 17 अक्टूबर को मुजगहन थाना क्षेत्र के कमल विहार में उसके साथ लूट हो गई।
सुपरवाइजर के बयान में पुलिस को शक
एक बाइक सवार ने 20 लाख रुपए से भरा बैग लूट लिया। वारदात के बाद पुलिस अलर्ट हो गई। लुटेरे की खोजबीन की। वहीं सुपरवाइजर से भी पूछताछ की। शुरुआती छानबीन में सुपरवाइजर मनोज कुमार ध्रुव के बयान के बाद पुलिस को शक हुआ।
कैमरे में लूट की सुनाई मनगढ़त कहानी
इस बीच दैनिक भास्कर को भी मनोज कुमार ध्रुव ने पूरी घटना कैमरे में सुनाई, जिसमें वह कह रहा था वह रुपए लेकर घर से बाइक पर ऑफिस के लिए निकला था। उसने रुपए का बैग गाड़ी के आगे टंकी पर रखा हुआ था।
इसी दौरान पीछे से एक युवक बाइक पर आया। उसने मोबाइल छीनने का प्रयास किया। वह राइट हैंड की तरफ था, लेकिन मनोज ने मोबाइल को अपने हाथ में पकड़ लिया। तभी लुटेरे ने बाइक को लात मारी और बैग को छीनकर भाग गया।

आरोपी मनोज कुमार ध्रुव दैनिक भास्कर के वीडियो में लुटेरों के साथ धक्का मुक्की में उसका एक्सीलेटर घूम गया। हालांकि बाद में वह राइट हैंड और लेफ्ट हैंड में कन्फ्यूज होकर फंस गया।
आरोपी ने कहा- सब कुछ राइट हैंड तरफ ही हुआ
पुलिस मनोज को उस जगह पर लेकर गई जहां घटना हुई थी। इस पूरी घटना का सीन रिक्रिएशन करवाया गया। मिली जानकारी के मुताबिक, मनोज इसी दौरान फंस गया। उसने मीडिया को दिए बयान में कहा कि उसके हाथों से गाड़ी का एक्सीलेटर घूम गया और गाड़ी जाकर नाली में गिर गई।
जब पुलिस के अधिकारियों ने बारीकी से पूछताछ की तो पता चला कि उस वक्त राइट हैंड में मोबाइल था। बाइक का एक्सीलेटर भी राइट हैंड में होता है। बयान में लुटेरे का जिक्र भी राइट साइड ही था। इसके अलावा उसकी बाइक नाली में भी अपोजिट डायरेक्शन में गिरी है।
राइट तरफ से धक्कामुक्की और झुकाव होने के समय संभव नहीं है। इस मनगढ़ंत कहानी के बाद पुलिस का शक यकीन में बदल गया। कड़ाई से पूछताछ करने पर मनोज ने लूट की झूठी काल्पनिक कहानी की बात कबूल कर ली।

पुलिस ने आरोपियों के पास से 18 लाख 54 हजार और चार मोबाइल फोन समेत बाइक बरामद कर ली है।
दोस्त को पैसों की जरूरत थी
मनोज ने पुलिस को बताया कि इसका एक दोस्त योगेंद्र कुमार भारती है। उसको व्यापार में भारी नुकसान हुआ था। योगेंद्र ने उसे रोते हुए पैसों की जरूरत बताई थी। इसके बाद मनोज कुमार ध्रुव ने दोस्त की मदद करने के लिए अपने कंपनी के 20 लाख रुपए लूट लेने की योजना बनाई।
इसके लिए बाकायदा वह घर से निकाला और घटनास्थल पर भी गया। लूट की जगह उसने रकम अपने दोस्त के हाथ में थमा दी।
झूठी रिपोर्ट पर अलग मुकदमा, दोस्त भी गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने आरोपी मनोज कुमार ध्रुव और उसके दोस्त योगेंद्र कुमार भारती को गिरफ्तार कर लिया है। मनोज फिंगेश्वर का रहने वाला है वही योगेंद्र आरंग का निवासी हैं। पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से 18 लाख 54 हजार और चार मोबाइल फोन समेत बाइक बरामद कर ली है।
पुलिस ने मनोज पर झूठी FIR करने के लिए अलग मुकदमा दर्ज किया है।