धार जिले में सरकारी राशन प्राप्त करने के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने 30 अप्रैल 2025 तक सभी राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य किया है। जिले में अब तक 12 लाख 85 हजार लोगों की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है। लेकिन अभी भी 2
.
जिले के 13 ब्लॉकों की 761 पंचायतों और 10 नगरीय निकायों के वार्डों में विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं। साथ ही टीमें घर-घर जाकर भी ई-केवाईसी कर रही हैं। वर्तमान में 836 शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से राशन वितरण किया जा रहा है। प्रदेश स्तर पर धार जिले की स्थिति 29वें स्थान पर है। हालांकि संभाग में धार की स्थिति अन्य जिलों की तुलना में बेहतर है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो लोग 30 अप्रैल तक ई-केवाईसी नहीं कराएंगे, उन्हें राशन की सुविधा से वंचित होना पड़ेगा।
अपात्र लोगों के हटेंगे नाम दरअसल शासन द्वारा गरीब परिवारों को उचित मूल्य की दुकानों से हर महीने मुफ्त में राशन का वितरण किया जा रहा है, जिसकी आड़ में कई अपात्र लोग भी लंबे समय से राशन पा रहे थे। इनमें कई मृतकों और डबल नाम जुड़े हुए थे। ऐसे करीब साढ़े 8 हजार लोगों के नाम हटाए गए हैं। इससे राशन की कालाबाजारी रूकेगी। साथ ही वास्तविक लोगों को उसका लाभमिलेगा। जानकारी के अनुसार जिले में तीन लाख 67 हजार 852 परिवारों के लगभग 15 लाख 78 हजार सदस्यों को राशन का वितरण होता है।
ये सभी परिवार अलग अलग श्रेणी में होकर मुफ्त अनाज ले रहे थे। जिले में करीब 82 प्रतिशत परिवारों की आईडी की केवाईसी का काम पूरा हो चुका है। इसमें 8 हजार 508 लोगों के नाम गलत तरीके से समग्र आईडी में जुड़े पाए गए। इन्हें वास्तविक सूची से हटाया गया है इन लोगों नाम पर हर महीने 425 क्विंटल अनाज का वितरण होता था, जो गलत और अपात्र लोगों के हाथों में जा रहा था। एक तरह से अनाज की चोरी हो रही थी, जिस पर कुछ हद तक अंकुश लगेगा।
अनाज का वितरण जानकारी के अनुसार पात्र हितग्राहियों को प्रत्येक महीने में पांच किलो अनाज का वितरण किया जा रहा है। जिले में वर्तमान में 15 लाख 70 हजार 678 सदस्यों के हिसाब से 9 हजार मीट्रिक टन अनाज का वितरण हो रहा है। पहले 425 क्विंटल अधिक अनाज दिया जाता था। एसएमडब्लू सर्वे के आधार पर राशन वितरण में विसंगति और गड़बड़ी पता चली। कई सदस्य जिनकी पूर्व में मृत्यु होने के बाद भी राशन कार्ड में नाम जुड़े हुए थे, उन्हें विलोपित किया गया है।
पर्ची से नाम हट सकता है पिछले दिनों इसको लेकर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने बैठक में कहा है कि जिन लोगों ई-केवाईसी नहीं हो पाई है, उसके लिए जिले में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए पंचायतों में कैंप लगाए जा रहे हैं और पीओएस मशीनें घर-घर भेजकर ई-केवाईसी कराई जा रही है। इसके अलावा लोग राशन विक्रेता को जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराकर पीओएस मशीन के माध्यम से अपनी ई-केवाईसी करवा सकते हैं। अगर राशन लेने वालों द्वारा अपनी ई-केवाईसी नहीं की जाती है तो भविष्य में राशन पर्ची से नाम हट सकता है।
खाद्य आपूर्ति अधिकारी श्रीराम बरडे का कहना है कि ई-केवाईसी को लेकर कैम्प लगाकर हितग्राहियों के ई केवाईसी बना रहे हैं। वहीं जिले भर में इसका कार्य चल रहा हैं। वहीं अभी 12 लाख 85 हजार से अधिक हितग्राहियों ई केवाईसी का काम पूरा हो गया है। वहीं बचे हुए हितग्राहियों के घर घर जा कर दस्तक देकर टीम कार्य कर रही है।