लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार की पलायन रोको-नौकरी दो पदयात्रा के लिए बेगूसराय आए थे। सोशल मीडिया पर आए वीडियो और फोटोज में दिखा कि काफी संख्या में लोग पद
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अगर भीड़ की बात करें तो 7 विधानसभा क्षेत्र वाले बेगूसराय के दो विधानसभा क्षेत्र से सबसे अधिक लोग आए थे। इनमें से पहला बेगूसराय सदर विधानसभा था, जहां से विधायक रह चुकी महिला कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अमिता भूषण ने शानदार भीड़ जुटाया। दूसरा विधानसभा क्षेत्र बछवाड़ा था, जहां से साल 2025 में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट के प्रबल दावेदार यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव प्रकाश गरीबदास (पूर्व मंत्री स्व. रामदेव राय के बेटे) हैं। इस दोनों के अलावा अन्य विधानसभा क्षेत्र से भी कुछ न कुछ लोग जरूर पहुंचे।
भीड़ के लिहाज से देखे तो माना जा सकता है कि क्राउड जुटाने के जरिए ही दो नेताओं ने टिकट की दावेदारी कर दी। ये तो कांग्रेस के कार्यकर्ता थे, बात समझ आती है। लेकिन सूत्रों की मानें तो भीड़ जुटाने के टास्क से अलग भाजपा के एक नेता ने इस पदयात्रा के लिए अच्छी खासी फंडिंग की। उन्होंने न केवल 2000 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लस्सी और पानी पिलाया, बल्कि राहुल गांधी पर पुष्प वर्षा करने के लिए तीन क्विंटल फूल भी कोलकाता से मंगाए थे। सबसे बड़ी बात कि पदयात्रा की हर पहलू पर उक्त बीजेपी नेता की नजर थी।
भाजपा नेता के बारे में कांग्रेस अंदरखाने में क्या चर्चा?
भाजपा नेता की ओर से की गई फंडिंग की जानकारी के बाद कांग्रेस अंदर खाने में चर्चा है कि जब भाजपा नेता को लगा कि इस बार टिकट मिलना मुश्किल है, तो वे ये सब करके बेगूसराय से कांग्रेस का टिकट लेने की जुगत लगा रहे हैं। वहीं, राजनीतिक सूत्रों की मानें तो जिस भाजपा नेता ने फंडिंग की है, उसे अगर मौका मिला तो वो भाजपा को बाय-बाय, टाटा, खत्म बोलकर बेगूसराय या बछवाड़ा विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
राहुल की पदयात्रा में भीड़ को लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग दावे
राहुल गांधी की इस पदयात्रा में शामिल होने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश हाई लेवल पर है तो वहीं बीजेपी नेताओं के सोशल मीडिया पर भीड़ की संख्या गिनने की चर्चा ने बेगूसराय के राजनीतिक तापमान को गर्म कर दिया है। एक ओर मौसम की गर्मी तो दूसरी ओर बीजेपी नेताओं की ओर से संख्या गिनकर यात्रा को फ्लॉप बताए जाने की चर्चा हर सोशल मीडिया पर हो रही है।
बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री और विधान पार्षद रह चुके रजनीश कुमार ने अपने घर की छत से पदयात्रा का एक वीडियो बनाकर जब सोशल मीडिया पर वायरल किया और कैप्शन में लिखा- 500 लोगों की भीड़।
रजनीश कुमार की पोस्ट को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने न केवल शेयर किया, बल्कि यात्रा को फ्लॉप भी साबित करने में जुट गए। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा-
ये है बेगूसराय का सुभाष चौक। जहां से राहुल गांधी की पदयात्रा शुरू हुई, उनकी पदयात्रा में एक हजार लोग भी शामिल नहीं हुए। राहुल गांधी का बेगूसराय दौरा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मुंह पर तमाचा साबित हुआ। कार्यकर्ताओं ने पेट काटकर स्टेज बनाया, युवाओं ने 15 दिन मेहनत की और नेता जी आधे घंटे में बिना किसी से मिले, बिना जनसभा किए निकल लिए, ये दौरा नहीं, अपमान था। बेगूसराय को उनसे वैसे ही कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन उनके हिट एंड रन की राजनीति ने राजनीति को और भी शर्मसार किया है। बेगूसराय में उन्हें कोई मुद्दा नहीं मिला तो वे अपना तय कार्यक्रम भी छोड़कर भाग निकले।
भाजपा जिला अध्यक्ष बोले- कांग्रेस के जमीनी सिपाहियों से भद्दा मजाक
इधर, भाजपा के जिलाध्यक्ष राजीव कुमार वर्मा का कहना है कि राहुल गांधी का बेगूसराय दौरा न केवल निराशाजनक रहा, बल्कि कांग्रेस के जमीनी सिपाहियों के साथ एक भद्दा मजाक साबित हुआ। जिन लोगों ने अपनी रोज की रोटी छोड़कर, अपना खून-पसीना बहाकर इस दौरे को सफल बनाने की कोशिश की उन्हें सिर्फ 24 मिनट का एहसान मिला।
गरीब जनता ने स्टेज बनाया, युवा कार्यकर्ताओं ने दिन-रात एक किया, लेकिन राहुल गांधी न किसी से मिले, न किसी की सुनी, न कोई जनसभा की, न बेगूसराय की हालत समझने की कोशिश की और चुपचाप चले गए। यह दौरा नहीं, बल्कि कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान पर तमाचा था। क्या कांग्रेस आलाकमान को जमीनी सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं रहा। क्या यह पार्टी अब केवल ट्विटर और इवेंट मैनेजमेंट तक सीमित होकर रह गई है। 15 दिन की मेहनत को राहुल गांधी ने 24 मिनट में रौंद दिया। कोई स्पष्टीकरण नहीं, कोई माफी नहीं, बस उपेक्षा और घमंड। अगर नेतृत्व इतना बेपरवाह हो गया है, तो कार्यकर्ताओं से किस मुंह से समर्पण की उम्मीद की जा रही है।
राजीव वर्मा ने कहा कि बेगूसराय ने राहुल गांधी से कुछ नहीं मांगा था, लेकिन ये बेरुखी और अपमान भी नहीं मांगा था। इतनी तैयारी के बाद भी मुश्किल से 1000 की संख्या भी जुटा पाने में सफल नहीं हुए राहुल गांधी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हिट एंड रन की राजनीति में माहिर हैं और देश की जनता इनकी राजनीति को समझ चुकी है। जिस कांग्रेस के शासन में न जाने कितनी फैक्ट्रियां बंद हुई और कितने उद्योग व कारखाने बंद हुए, वह आज किस मुंह से नौकरी देने व पलायन रोकने की बात कर रहे हैं। उनके मुंह से यह बात शोभा नहीं देता है। जबकि धरातल पर सच्चाई यह है कि आज देश में नरेंद्र मोदी की सरकार लगातार रोजगार के भी अवसर पैदा कर रही है। मजबूती के साथ युवाओं को हर क्षेत्र में बढ़ावा देने का काम कर रही है।
वामदल से जुड़े युवा हिमांशु बोले- राहुल संदेश देने आए थे, मैं आपके साथ खड़ा हूं
इस संबंध में वामदल से जुड़े युवा हिमांशु कुमार कहते हैं कि राहुल गांधी को संविधान से संबंधित कार्यक्रम में पटना आना था। इसी बीच में एक सप्ताह पहले कन्हैया कुमार के पदयात्रा में बेगूसराय में शामिल होने का समय दिया गया। अंदर खाने के अनुसार 35 से 40 मिनट का समय राहुल गांधी की ओर से दिया गया था। राहुल गांधी आए, पदयात्रा में शामिल हुए, वह संदेश देने आए थे कि मैं भी आपके साथ खड़ा हूं। सरकार की नीति के खिलाफ मैं आपके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार हूं। भाजपा सोशल मीडिया पर ही टिकी हुई है। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री और पूर्व विधान पार्षद रजनीश कुमार ने लिखा था कि 500 की भीड़ है। अब भीड़ 500 की हो या फिर 5 कार्यकर्ता की, वह कांग्रेस जाने, दूसरे के घर में तांक-झांक करने की क्या जरूरत है।
हिमांशु ने कहा कि विपक्ष अपना सकारात्मक भूमिका निभा रहा है, इसमें उनको तांक-झांक नहीं करना चाहिए। कांग्रेस का 5 कार्यकर्ता ही काफी है। राहुल गांधी की पदयात्रा में 15 से 20 हजार लोगों की भीड़ चिलचिलाती धूप में जुटी हुई थी। लोगों को पता था कि पैदल चलना था, उसमें इतना भी बहुत सफल रहा। भीड़ में अधिकांश युवा वर्ग 25 वर्ष के थे, उसके बाद पुराने कांग्रेसी भी शामिल हुए। हमने देखा कि मरनासन्न स्थिति में रहने वाले कांग्रेसी भी सड़क पर उतर आए थे और राहुल गांधी के साथ पैदल चल रहे थे।
उन्होंने कहा कि युवा की भीड़ रहने का सबसे बड़ा कारण है कि यात्रा का नाम था पलायन और नौकरी से रिलेटेड था। वर्तमान भारत सरकार की ओर से जब अग्निवीर योजना लाया गया था तो उससे पहले जॉइनिंग लेटर इश्यू कर दिया गया था। लेकिन आज तक उन्हें ज्वाइन नहीं कराया गया, 4 साल से यह लोग परेशान है। यह मुद्दा था जो धीरे-धीरे उठ रहा है और विधानसभा चुनाव में और जोर-जोर से यह मुद्दा उठेगा। पदयात्रा से स्पष्ट लगा की बात निकली है तो दूर तक जाएगी, हो ना हो इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव पर भी इफेक्ट करे। हम कांग्रेस कार्यकर्ता नहीं हैं, वामदल से जुड़ा हूं, लेकिन उनका जो मुद्दा था, तो वह मुझे पसंद था, इसलिए हम उनके साथ थे। अब तो बीजेपी वाले भी इसकी चर्चा कर रहे हैं। जिले के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता कह रहे थे की शानदार मुद्दा उठाया है कन्हैया ने। भाजपा वाले भी स्वीकार कर रहे हैं कि जिस मुद्दा को लेकर यात्रा कर रहे हैं, वह बेहतरीन है।
कांग्रेस नगर अध्यक्ष बोले- युवाओं का हौसला बढ़ाने बेगूसराय आए थे राहुल
कांग्रेस के नगर अध्यक्ष ब्रजेश कुमार प्रिंस कहते हैं कि राहुल गांधी कब आए, कब गए, इससे लोगों को कोई शिकायत नहीं है। राहुल गांधी का जो कार्यक्रम था वह कांग्रेस का कार्यक्रम नहीं, पलायन रोको-नौकरी दो पदयात्रा का था। उसमें राहुल गांधी युवाओं का हौसला बढ़ाने के लिए बेगूसराय की धरती पर आए थे। आम जनता और बेगूसराय वासियों, श्रीबाबू और राष्ट्रकवि दिनकर की धरती के लोगों ने काफी मर्यादित होकर उनका स्वागत-अभिनंदन किया। पदयात्रा थी, सभा तो थी नहीं, इसमें संबोधित करने का कोई प्रश्न नहीं है। जिला प्रशासन ने चार दिन पहले लेटर जारी किया था कि इस पदयात्रा में विपक्ष के नेता शामिल होंगे। सुभाष चौक से शामिल होंगे और रिफाइनरी गेट से पहले निर्धारित समय के अनुसार पटना के लिए रवाना हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अब कुछ लोगों का बना बनाया मुद्दा है की नुक्कड़ सभा करनी थी, लेकिन भाग गए। सुभाष चौक से जीरोमाइल तक दर्जनों जिस पर दो-ढाई सौ लोग फूल माला लेकर पदयात्रा के स्वागत में खड़े थे। अब कोई एक जगह का फोटो खींच ले और कहे की भीड़ नहीं था तो उसने क्या कहा जा सकता है। ऐसी मानसिकता का कोई इलाज नहीं है। जो तस्वीर वायरल हो रही है, वह सुभाष चौक के समीप की है, जब लोग जमा हो रहे थे। उसके आगे जीरोमाइल तक हर जगह काफी भीड़ जुटी थी। यह कोई सभा नहीं था कि लाख-50 हजार की भीड़ जुटती। पदयात्रा में अधिकतर युवा थे, अन्य लोग तो उनके स्वागत के लिए खड़े थे। यह कांग्रेस नहीं, पलायन और बेरोजगारी का मुद्दा था। किसी के द्वारा भीड़ जुटाने का प्रयास नहीं किया गया। राहुल गांधी आए तो हम लोग तो हजारों की संख्या में एयरपोर्ट से सुभाष चौक तक लाए थे। यहां से कितने संख्या में लोग आगे बढ़े यह तो गिनती मुश्किल है।
गिरिराज सिंह की ओर से यात्रा को लेकर सवाल उठाए जाने पर ब्रजेश कुमार प्रिंस ने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सिर्फ भाषा के बल पर आगे बढ़ते हैं। गिरिराज सिंह बड़े नेता हैं, सांसद हैं, उनके बारे में हर कोई जानता है, उनकी बात पर क्या टीका-टिप्पणी करें। सभी जगह देखा जा सकता है कि कितने लोगों की भीड़ उमड़ी थी। भीड़ बेरोजगारों और युवाओं को थी, पलायन से परेशान लोगों की थी, रोजगार के लिए परेशान युवाओं की थी। बड़ी संख्या में युवा उनसे मिले, राहुल जी में उनसे खुलकर बात की, उनका दर्द जाना। विधानसभा चुनाव इसी वर्ष होना है, इस यात्रा को चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। यात्रा तो पलायन की समस्या को लेकर था, बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां का मजदूर पूरे देश में कहीं भी मिल जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब बिहार में इतना ही विकास हुआ तो पलायन क्यों नहीं रुका, पलायन का प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है, इसका मतलब है कि बेरोजगारी है। देश के बड़े नेता राहुल गांधी आए और राहुल गांधी ने बिहार जाकर बिहार सरकार को जगाने का काम किया है कि हमारे दल का दो युवा कन्हैया और शिव प्रकाश बिहार की समस्या को लेकर पैदल चल रहे हैं। बिहार और केंद्र सरकार जागे, इस समस्या का समाधान करे। कुछ न कुछ फायदा तो विधानसभा चुनाव में इसका होगा ही। वोट प्रतिशत बढ़ने के सवाल पर कहा कि विधायक पर वोट प्रतिशत की गिनती मत कीजिए।
आज भी बेगूसराय जिले के सात में से चार सीट महागठबंधन है। राहुल गांधी के आने से हम लोगों को भी ताकत और एनर्जी आया है। जब कोई बड़े नेता आते हैं तो ऐसा ही होता है। मोदी जी आते हैं तो बीजेपी में एनर्जी आता है, तेजस्वी आते हैं तो राजद के लोगों में एनर्जी आता है, नीतीश जदयू वालों को एनर्जी देते हैं, चिराग लोजपा वाले को एनर्जी देते हैं। हमारे यहां प्रधानमंत्री के बाद देश के दूसरे चेहरे राहुल गांधी आए थे। आज भाजपा वाले भी दिन रात राहुल गांधी-राहुल गांधी जपते रहते हैं।