हाउसिंग बोर्ड दफ्तर (फाइल फोटो)
रिटायरमेंट से पहले भोपाल गृह जिले से बाहर विदिशा में पदस्थ किए गए हाउसिंग बोर्ड के सहायक यंत्री अशोक गुप्ता ने आरोप लगाया है कि बोर्ड के अफसर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं।
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प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास को जनसुनवाई में दिए आवेदन में गुप्ता ने लिखा है कि यदि गृह नगर से बाहर पदस्थ कर इस तरह प्रताड़ित किया जा रहा है, तो क्या वे आत्महत्या कर लें, तब अधिकारी समझेंगे? अगर ऐसा होता है, तो इसके लिए हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त जिम्मेदार होंगे।
हार्ट प्रॉब्लम्स के बावजूद 150 किमी सफर को मजबूर
गुप्ता का कहना है कि पिछले पांच महीनों में उन्होंने कई बार आवेदन देकर अपनी पोस्टिंग होम टाउन भोपाल में करने की मांग की है। उनका आरोप है कि भोपाल में हाउसिंग बोर्ड के संभाग क्रमांक-2 और संभाग क्रमांक-6 में सहायक यंत्री के पद रिक्त हैं, लेकिन वहां जूनियर अफसरों को डबल चार्ज और अतिरिक्त प्रभार देकर रखा गया है।
उन्होंने कहा कि ब्लड प्रेशर और हार्ट संबंधी समस्याओं के बावजूद वे रोज 150 किलोमीटर की यात्रा करने को मजबूर हैं, जबकि उनकी जगह विदिशा में जूनियर इंजीनियरों की पोस्टिंग की जा सकती है।
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
अशोक गुप्ता ने इस मामले को लेकर सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की है। उन्होंने आरोप लगाया कि रिटायरमेंट के पहले उन्हें पहले गुना और फिर विदिशा ट्रांसफर कर दिया गया, जो सीनियर अधिकारियों की मनमानी का नतीजा है।
उन्होंने बताया कि सहायक यंत्रियों की सीनियरिटी लिस्ट में वे कई इंजीनियरों से सीनियर हैं, लेकिन उन्हें उन्हीं के अधीन काम करने को मजबूर किया जा रहा है, जिससे उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
गुप्ता ने लिखा है कि उन्होंने विदिशा ट्रांसफर के लिए कोई आवेदन नहीं किया था, फिर भी उन्हें वहां पदस्थ कर दिया गया। अब जब रिटायरमेंट में केवल आठ महीने शेष हैं, तो नियमानुसार उन्हें भोपाल में पदस्थ किया जाना चाहिए, क्योंकि नियम के अनुसार रिटायरमेंट से 18 माह पहले गृह जिले में पोस्टिंग मिल सकती है।
डबल चार्ज दिया गया है विवादित इंजीनियर को
गुप्ता द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को दिए आवेदन में जिक्र है कि भोपाल के संभाग क्रमांक-6 में उपयंत्री प्रकाश संगमेनकर सहायक यंत्री और कार्यपालन यंत्री, दोनों का डबल चार्ज संभाल रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि वे नियमित सहायक यंत्री हैं और उन्हें यहां पदस्थ किया जा सकता है। संभाग क्रमांक-2 में भी पद रिक्त हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश भर के 15 विभागों में उपयंत्री कार्यपालन यंत्री का प्रभार संभाल रहे हैं, लेकिन नियमित सहायक यंत्रियों को चार्ज नहीं दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि प्रकाश संगमेनकर ने अपने अधीन कार्यरत सहायक यंत्री प्रवीण पोरवाल को हाउसिंग बोर्ड मुख्यालय के रेनोवेशन कार्य में ठेकेदार से कमीशन न लेने के कारण 39 लाख की रिकवरी थोप दी थी। यह आदेश अधीक्षण यंत्री एक्का के साथ मिलकर जारी किया गया था।
बाद में सहायक यंत्री पोरवाल ने आयुक्त हाउसिंग बोर्ड को पत्र लिखकर पूरे मामले का खुलासा किया और लिखा कि चूंकि उन्होंने ठेकेदार से कमीशन नहीं मांगा, इसलिए उन्हें टारगेट किया गया, जबकि सभी कार्य उच्च अधिकारियों के अनुमोदन के बाद किए गए थे।