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- Reliance Market Cap Update; HDFC SBI ICICI Bank Top 10 Market Capitalization 2024
मुंबई8 मिनट पहले
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मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 9 की वैल्यू बीते हफ्ते के कारोबार में कंबाइंड रूप से 95,523 करोड़ रुपए बढ़ी है। इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज टॉप गेनर रही। कंपनी का मार्केट कैप 29,634.27 करोड़ रुपए बढ़कर 20.30 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इससे पहले कंपनी का मार्केट कैप 20 लाख करोड़ रुपए था।
रिलायंस के अलावा, LIC, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस, भारती एयरटेल, ICICI बैंक की वैल्यूएशन में भी पिछले हफ्ते के कारोबार के दौरान बढ़ोतरी देखने को मिली। वहीं, HDFC बैंक का मार्केट कैप इस दौरान 4,835 करोड़ रुपए कम हुआ है।
पिछले हफ्ते सेंसेक्स में 650 की तेजी रही
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन 23 अगस्त को शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली। हफ्ते के आखिरी कारोबारी सेंसेक्स 33 अंक की तेजी के साथ 81,086 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 11 अंक की तेजी रही, ये 24,823 के स्तर पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 15 में तेजी और 13 में गिरावट रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 22 में तेजी और 28 में गिरावट रही। NSE के सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो ऑटो सेक्टर छोड़कर सभी में गिरावट रही।
ऑटो सेक्टर में 1.12% की तेजी रही। जबकि, निफ्टी रियल्टी में सबसे ज्यादा 2.43% की गिरावट रही। वहीं, मीडिया में 1.29% और IT में 1.00% की गिरावट रही।
मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटल नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है।
मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है, ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।
मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)
मार्केट कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है।
कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है, उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।
मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।