न तो 0.5 एफएआर मिल रहा न स्टाम्प ड्यूटी में छूट
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भोपाल में पांच नंबर स्टॉप स्थित रविशंकर शुक्ल मार्केट के रीडेवलपमेंट का काम करीब 6 माह पहले शुरू हुआ। मकानों और दुकानों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन इसे बीच में ही रोक दिया गया। असल में रीडेवलपमेंट पॉलिसी में किए वादे अधूरे होने से डेवलपर्स ने हाथ खींचने शुरू कर दिए हैं।
हाउसिंग बोर्ड और बीडीए जैसी संस्थाओं और निजी डेवलपर्स की पुरानी कॉलोनियों को रीडेवलप करने के लिए साल 2022 में जारी हुई रीडेवलपमेंट पॉलिसी के तहत प्रदेश में काम शुरू हो गए हैं। लेकिन पॉलिसी के तहत डेवलपर्स को 0.5 एफएआर अतिरिक्त देने और स्टाम्प ड्यूटी में छूट देने जैसे मुद्दों पर अब तक निर्णय नहीं हो सका है।
भोपाल में ही शास्त्री नगर-सरस्वती नगर, ऐशबाग और हाउसिंग बोर्ड के पुराने दफ्तर के रीडेवलपमेंट के प्रोजेक्ट अभी फाइलों में ही हैं। इंदौर की एलआईजी कॉलोनी के अलावा सुभाष नगर महाराजपुर जबलपुर के प्रोजेक्ट भी साधिकार समिति ने मंजूर किए थे।
50% मकान मालिक सहमत, तभी शुरू हो सकता है प्रोजेक्ट
रीडेवलपमेंट पॉलिसी में एक शर्त यह है कि 50% मकान मालिकों की सहमति के बाद ही प्रोजेक्ट शुरू हो सकता है। लेकिन यहां बड़ी संख्या ऐसे रहवासियों की है जिनके पास मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं हैं। इसके अलावा बुजुर्ग मकान मालिक मकान खाली करने को राजी नहीं होते हैं। अतिक्रमण कर मकान बना लेने जैसे मामले भी इन कालोनियों में हैं।
ये थी शर्त… 20 फीसदी बड़ा फ्लैट मुफ्त दिया जाना था
- पॉलिसी के तहत मौजूदा ऑनर को 20% बड़ा फ्लैट मुफ्त में दिया जाना है। रजिस्ट्री की स्टाम्प ड्यूटी से भी छूट दी जानी है। यह सुविधा देने के लिए डेवलपर को 0.5 एफएआर अतिरिक्त देना था।
- 40% अतिरिक्त ग्राउंड कवरेज, 0.75% कमर्शियल डेवलपमेंट सहित कुछ अन्य सुविधाएं देने की बात भी पॉलिसी में लिखी गईं हैं। इन्हीं के आधार पर हाउसिंग बोर्ड ने ऑफर बुलाए थे।
- भोपाल का रविशंकर शुक्ल मार्केट प्रदेश का पहला प्रोजेक्ट था, जिस पर धरातल पर काम शुरू हुआ। शास्त्री नगर और सरस्वती नगर प्रोजेक्ट पर अभी टेंडर प्रक्रिया चल रही है।
मास्टर प्लान के साथ ही लागू हो सकते हैं…
रीडेवलपमेंट पॉलिसी में जो प्रावधान किए गए हैं उनमें ज्यादातर ऐसे हैं, जो मास्टर प्लान के साथ ही लागू हो सकते हैं। भोपाल, इंदौर और जबलपुर तीनों शहरों में मास्टर प्लान तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है।
-सीके साधव, डिप्टी सेक्रेटरी, नगरीय प्रशासन