आउटसोर्स कर्मचारियों को बहाल करने की मांग को लेकर रीवा में फिर अनशन शुरू हो गया है। अगस्त क्रांति मंच फाउंडेशन के नेतृत्व में आयुक्त कार्यालय के सामने कर्मचारी आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।
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अनशनकारियों का कहना है कि इससे पहले भी इन कर्मचारियों ने धरना दिया था। तब मुख्य अभियंता ने 15 दिन का समय लेकर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। इसी कारण अब फिर से आंदोलन की राह चुनी गई है।
तीन दिन में बहाली और सेमी स्किल्ड दर्जा अनशन पर बैठे कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि सभी 26 आउटसोर्स कर्मचारियों को तीन दिन के भीतर बहाल किया जाए और उन्हें सेमी स्किल्ड श्रेणी में ही रखा जाए। इसके अलावा जुलाई 2024 में कनिष्ठ अभियंता द्वारा तैयार किए गए लेटर के आधार पर ही काम दिया जाए।
भ्रष्टाचार का आरोप, मजबूरी में आमरण अनशन अगस्त क्रांति मंच के कुंजबिहारी तिवारी ने कहा, “आउटसोर्सिंग में काम कर रहे ये मीटर रीडर्स पहले 2000 रुपए में काम कर रहे थे। जब सरकार ने न्यूनतम वेतन 12,230 रुपए + PF + ESIC देना शुरू किया तो कुछ अधिकारियों ने भ्रष्टाचार कर 50 से 80 हजार रुपए में बाहर के लोगों को भर्ती कर लिया और पुराने कर्मचारियों को निकाल दिया।” उन्होंने कहा, “हम 10 महीने से जबलपुर से लेकर रीवा तक भटकते रहे। अब जब सरकार सुनवाई नहीं कर रही तो आमरण अनशन ही विकल्प बचा है।”
विभाग ने दी सफाई मुख्य अभियंता का कहना है कि विभागीय निर्णय नियमों और न्यायिक प्रक्रिया के तहत लिए जाते हैं। पूरी पारदर्शिता रखी जाती है।