मोस्को24 मिनट पहले
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यूक्रेन ने जिन 4 एयरबेस पर हमला किया है उनमें से एक बेलाया एयरबेस भी है जो रूस के इरकुत्स्क क्षेत्र में स्थित है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने रविवार को पुष्टि की कि यूक्रेन द्वारा किए गए ड्रोन हमलों में देशभर के 5 सैन्य एयरबेस को निशाना बनाया गया, जिससे कई विमानों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, कितने विमान क्षतिग्रस्त हुए हैं, इसका सटीक आंकड़ा नहीं बताया है।
अपने बयान में रूसी रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन पर आरोप लगाया कि उसने मुरमान्स्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रयाजान और अमूर क्षेत्रों में स्थित हवाई अड्डों पर FPV (फर्स्ट पर्सन व्यू) ड्रोन से आतंकी हमला किया। मंत्रालय ने कहा कि इवानोवो, रयाजान और अमूर क्षेत्रों के सैन्य एयरबेसों पर सभी आतंकी हमलों को नाकाम कर दिया गया।
पहली बार आधिकारिक रूप से यह भी पुष्टि की गई है कि कुछ ड्रोन हमले एयरबेस के बहुत पास से ही किए गए थे। रूसी अधिकारियों के मुताबिक, मुरमान्स्क क्षेत्र के ओलेनोगोर्स्क एयरबेस और इरकुत्स्क (साइबेरिया) के स्रेद्नी एयरबेस को ट्रेलर ट्रकों की मदद से पास के इलाकों से ड्रोन लॉन्च करके निशाना बनाया गया।

इरकुत्स्क में इसी ट्रक से ड्रोन लॉन्च किए गए थे।

ड्रोन लॉन्च होने के कुछ देर बाद इसमें आग लग गई।
यूक्रेन का दावा- रूस के 41 विमानों को तबाह किया
यूक्रेन ने रविवार को दावा किया था उसने रूस के 41 लड़ाकू विमानों को तबाह किया। यूक्रेनी वेबसाइट कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन ने रूस के मरमंस्क में ओलेन्या एयर बेस, इरकुत्स्क में बेलाया एयर बेस, इवानोवो में इवानोवो एयर बेस और डायगिलेवो एयर बेस को निशाना बनाया।
रूस का बेलाया एयरबेस यूक्रेनी सीमा से 4 हजार किमी से भी ज्यादा दूर है। यह रूस के साइबेरिया इलाके में स्थित है। रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी (SBU) ने इस हमले को अंजाम दिया, जिसमें FPV (फर्स्ट-पर्सन-व्यू) ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया। इसमें A-50, TU-95 और TU-22 जैसे स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स को निशाना बनाया गया।
SBU के एक अधिकारी ने कहा कि यह हमला उन्होंने खुद के बचाव में किया है, क्योंकि ये रूसी विमान अक्सर यूक्रेनी शहरों पर बम गिराते हैं। रूस ने इस हमले की पुष्टि की है। शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, नुकसान की लागत 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (17 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा) हो सकती है।
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब इस्तांबुल में सोमवार को शांति वार्ता होनी है और सीमा पार झड़पें तेज हो गई हैं।

रूस के चार एयरबेस की यूक्रेन से दूरी
- बेलाया एयरबेस, इरकुत्स्क ओब्लास्ट (4300 किमी दूर)
- ओलेन्या एयरबेस, मुरमांस्क ओब्लास्ट (3674 किमी दूर)
- डायगिलेवो एयरबेस, रियाजान ओब्लास्ट (2161 किमी दूर)
- इवानोवो एयरबेस, इवानोवो ओब्लास्ट (2000 किमी दूर)
ओलेन्या एयरबेस में आग लगी
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने कहा कि उनके ड्रोन रूस के अंदर बहुत दूर तक गए और Tu-95, Tu-22 जैसे बड़े बमवर्षक विमानों और A-50 जैसे महंगे जासूसी विमानों को नुकसान पहुंचाया। A-50 विमान बहुत ही रेयर हैं, और रूस के पास ऐसे सिर्फ 10 विमान हैं। एक विमान की कीमत करीब 350 मिलियन डॉलर (3000 करोड़ रुपए) बताई जाती है।
इस हमले में ‘बेलाया’ नाम का एयरबेस खास तौर से निशाने पर था, जो रूस के इर्कुत्स्क क्षेत्र में है। वहीं, ‘ओलेन्या’ एयरबेस में भी आग लगने की खबरें आई हैं, लेकिन इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
Tu-95 और Tu-160 जैसे विमान पुराने जरूर हैं, लेकिन ये लंबी दूरी तक उड़ सकते हैं और कई मिसाइलें ले जा सकते हैं। ये रूस की वायुसेना के सबसे ताकतवर हथियारों में गिने जाते हैं। इन्हें गिराना यूक्रेन के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
यूक्रेन बोला- रूस नहीं रुका तो और हमले करेंगे
यूक्रेनी एजेंसी ने कहा कि उन्होंने यह हमला इसलिए किया ताकि रूस की बमबारी रुक सके, क्योंकि लगभग हर रात रूसी विमान यूक्रेनी शहरों पर हमला करते हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस हमले से रूस को काफी नुकसान पहुंचा होगा। यूक्रेन ने यह भी कहा है कि उसके ड्रोन मिशन आगे भी जारी रहेंगे।
ओलेन्या एयरबेस रूस के मरमंस्क क्षेत्र में है। वहां के गवर्नर ने बताया कि दुश्मन के ड्रोन ने हमला किया, लेकिन उन्होंने भी ज्यादा जानकारी साझा नहीं की। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें एक ट्रक से एफपीवी ड्रोन को उड़ान भरते हुए देखा जा सकता है।
डेढ़ साल से तैयारी कर रहा था यूक्रेन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक SBU इस हमले के लिए लगभग 18 महीने से तैयारी कर रही थी। उन्होंने इस ऑपरेशन का नाम ‘स्पाइडर वेब’ रखा गया था। इस मिशन की निगरानी खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की कर रहे थे। वहीं, यह SBU चीफ वासिल मालियुक की देखरेख में हो रही थी।
यूक्रेनी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ड्रोन को पहले रूस में चोरी-छिपे भेजा गया और फिर उन्हें लॉरियों में रखे लकड़ी के केबिनों के नीचे छिपाया गया। जब हमला करना था, तो इन्हीं ट्रकों से ड्रोन लॉन्च किए गए।
एक्सियोस ने यूक्रेनी अधिकारी का हवाला देते हुए कहा कि हमले से पहले यूक्रेन ने ट्रम्प प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस ऑपरेशन में कई खास चीजें शामिल थीं…
- यूक्रेनी एजेंटों ने एफपीवी (FPV) ड्रोन और लकड़ी के मोबाइल केबिन को चोरी-छिपे रूस के अंदर पहुंचाया।
- ये ड्रोन ट्रकों की छतों के नीचे छिपाए गए थे, जिन्हें दूर से कंट्रोल किया जा सकता था।
- जब हमला शुरू हुआ, तो ट्रकों की छतें खुल गईं और कामिकेज ड्रोन (खुद को उड़ाने वाले ड्रोन) सीधे रूसी बमवर्षक विमानों की तरफ भेजे गए

इन ड्रोन्स को बक्से में रखा गया था।

ड्रोन्स को स्टील की चादर के पीछे छुपा दिया गया था।
रूस के टेलीग्राम चैनल्स ने फुटेज शेयर किए, जिनमें कुछ लोग एक ट्रक पर चढ़कर ड्रोन को रोकने की कोशिश करते दिखे। रूस के अलग-अलग सैन्य एयरबेसों से आई तस्वीरों में जले हुए विमान और आग दिखाई दी, लेकिन कुल नुकसान का अब तक ठीक से अंदाजा नहीं लग पाया है।
मास्को के पास वोस्क्रेसेन्स्क में एक जलते हुए एयरबेस का वीडियो भी सामने आया, जिसमें एक रूसी सैनिक कह रहा है-

यहां सब कुछ बर्बाद हो गया है।
एक वायरल वीडियो में ड्रोन को Tu-95 फाइटर जेट को तबाह करते दिखाया गया है। करीब 40,000 रुपए की कीमत वाला FPV ड्रोन विमान के पास रुकता और उसके टैंक को निशाना बनाता है। ब्रिटिश मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के मुताबिक रूस के पास 2025 में लगभग 40 Tu-95 फाइटर जेट्स हैं। इसमें 4 इंजन हैं और यह बहुत ज्यादा हथियार ले जाने में सक्षम है।
यूक्रेन ने 3000 किमी दूर जाने वाले ड्रोन बनाने का किया था दावा इरकुत्स्क के गवर्नर ने भी पुष्टि की कि इलाके की एक सैन्य यूनिट पर ड्रोन हमला हुआ है। इसके अलावा, रूस के कुर्स्क और ब्रायंस्क इलाकों में दो रेल पुलों पर हुए विस्फोटों से भी तबाही हुई। ब्रायंस्क में एक यात्री ट्रेन पटरी से उतर गई, जिससे कम से कम 7 लोग मारे गए और कई घायल हुए।
कुर्स्क में भी एक मालगाड़ी पटरी से उतरी और उसका चालक घायल हो गया। ये दोनों इलाके यूक्रेन की सीमा से सटे हुए हैं। इसके अलावा, रूस के मरमंस्क इलाके में भी एक ड्रोन हमला हुआ है, जिसकी पुष्टि वहां के गवर्नर ने की है।
यूक्रेन ने पहले मार्च में दावा किया था कि उसने एक नया ड्रोन बनाया है, जो 3,000 किलोमीटर की दूरी तक उड़ सकता है, लेकिन उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई थी।
रूस का यूक्रेन पर सबसे बड़ा ड्रोन हमला यूक्रेन के रूसी एयरबेस पर हमले से कुछ ही घंटे पहले रूस ने यूक्रेन पर सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया था। यूक्रेन की वायु सेना ने बताया कि रूस ने एक साथ 472 ड्रोन यूक्रेन के ऊपर भेजे जो कि अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इसके साथ ही रूस ने सात मिसाइलें भी दागीं। यह जानकारी यूक्रेनी वायु सेना के संचार प्रमुख यूरी इग्नाट ने दी।
इग्नाट ने कहा कि मिलिट्री ट्रेनिंग यूनिट पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था, जिसमें कम से कम 12 सैनिक मारे गए थे। वहीं, 60 से ज्यादा घायल हो गए थे। जिस जगह पर हमला हुआ, वह सीमा से 1000 किमी दूर है। फिर भी रूस के ड्रोन वहां हमला करने में कामयाब रहे।

रूसी हमले के बाद कर्मचारी घर का मलबा हटाने का काम कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेनी सेना पहले से ही सैनिकों की कमी से जूझ रही है और अब वो बड़ी भीड़ से बचने के लिए और ज्यादा सतर्कता बरत रही है, क्योंकि आसमान में रूसी ड्रोन लगातार नजर रखे हुए हैं और हमले का मौका तलाश रहे हैं।
यूक्रेनी ग्राउंड फोर्सेज ने कहा कि इस घटना की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर जांच से यह पता चलता है कि इस नुकसान की वजह किसी अधिकारी की गलती या लापरवाही थी, तो उसे कड़ी सजा दी जाएगी।
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