मैनपुरी के भोगांवा थाना क्षेत्र के गांव की निवासी किशोरी को आठ वर्ष पहले फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने की वारदात के आरोपी और उसके साथियों को न्यायालय स्पेशल जज पॉस्को एक्ट की अदालत में दोषी पाते हुए मुख्य आरोपी को 10 साल कारावास की सज
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साथ ही घटना में साथ देने वाले आरोपी को 5 साल कारावास की सजा सुनाई है। सजा के साथ ही आरोपी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी
मामला भोगांवा थाना क्षेत्र के गांव से जुड़ा हुआ था। जहां के निवासी पीड़िता के पिता ने अपने ही गांव के राजन पुत्र राकेश, अन्नू पुत्र श्यामलाल और रंजीत पुत्र राकेश के ऊपर उसकी बेटी को बहला फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने की वारदात को अंजाम देने का आरोप लगाया था।
24 फरवरी 2016 को भोगांव थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पिता का आरोप था कि उसकी बेटी को आरोपियों ने दवा लेने के बहाने बुला लिया। फिर अगवा कर लिया और उसके साथ दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस ने पिता की तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करके उन्हें जेल भेज दिया था। पुलिस ने मुकदमे की विवेचना और जांच पड़ताल कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी।
पीड़िता की गवाही और सबूतों से मिली सजा
मुकदमे की सुनवाई जिला एवं सत्र स्पेशल जज पॉस्को एक्ट चेतन चौहान की अदालत में हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचक चिकित्सक और युवती ने गवाही दी। गवाहों और सबूत के आधार पर मुख्य आरोपी राजन को धारा 376 में दोषी पाते हुए 10 साल का कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
अदालत में घटना में साथ देने वाले अन्नू को दोषी पाते हुए 5 साल कारावास के साथ 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। तीसरे आरोपी रंजीत का अदालत में दोष सिद्ध नहीं हो पाया। जिसको लेकर उसे मुकदमे से बरी कर दिया गया। दोनों दोषियों को अदालत से सजा सुनाने के बाद जेल भेज दिया गया। मुकदमे की पैरवी एडीजीसी शैलेद्री देवी राजपूत ने की थी।