रेवाड़ी के आउटर बाइपास को शुरू करने से पहले की गई पूजा।
हरियाणा के रेवाड़ी के वेस्टर्न डेडिकेटेड रेल फ्रेट कॉरिडोर पर भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया 111.5 मीटर लंबाई का स्टील ओवरब्रिज किसी नायाब तोहफे से कम नहीं है। यह ओवर ब्रिज पूरे एशिया के प्रमुख स्टील ओवर ब्रिज में से एक है। जिसका एक हिस्सा आज र
.
इससे 3 नेशनल हाईवे की शहर के बाहर से सीधी कनेक्टिविटी हो गई है। दिल्ली से नारनौल और महेंद्रगढ़ के बीच भारी वाहनों का सफर 8 किलोमीटर तक कम हो जाएगा। जिससे उनके समय में 20 मिनट से एक घंटे तक की बचत हो सकेगी। शहर से ट्रैफिक दबाव कम होने के बाद सर्कुलर रोड पर लगने वाले जाम की समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा।
शहर में नहीं होगा भारी वाहनों का प्रवेश
आउटर बाइपास का निर्माण नारनौल और महेंद्रगढ़ से दिल्ली व जयपुर की ओर आवाजाही करने वाले भारी वाहनों के लिए कराया गया है। इससे यह वाहन शहर में प्रवेश करने की बजाय बाहर से ही निकल सकेंगे। भारी वाहनों को अभी शहर के सर्कुलर रोड से ही निकलना पड़ रहा है। जिस कारण दिन भर सर्कुलर रोड पर वाहनों का दबाव रहता है। रात के समय तेज रफ्तार डंपर हादसों को अंजाम देने का कारण साबित हो रहे हैं।
रेवाड़ी के आउटर बाइपास को शुरू करने से पहले की गई पूजा।
800 करोड़ रुपए की लागत से हुआ निर्माण
शहर से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर ने नारनौल रोड से दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे को जोड़ने के लिए आउटर बाइपास की घोषणा वर्ष 2015 में की थी। सड़क निर्माण के लिए वर्ष 2018 में नारनौल रोड से नेशनल हाईवे तक 18 गांवों के 1274 किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। 800 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनने वाले आउटर बाइपास रोड का निर्माण हुआ है
एक तरफ से वाहनों के लिए हुआ शुरू
एजी इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड के एचआर हेड राज सिंह नंबरदार ने बताया है आउटर बाइपास पर बन रहे ओवरब्रिज का टीम ने सेफ्टी ऑडिट किया था। उन्होंने बताया कि एक साइड का आउटर बाइपास को रविवार को शुरू कर दिया गया है। जिससे लोगों को राहत मिलेगी।