गांव बलंभा में लाइब्रेरी शुरू करने से पहले सफाई करते हुए
रोहतक के गांव बलंभा में एक साथ 37 युवाओं की सरकारी नौकरी लगने से पूरे गांव में खुशी का माहौल है। वहीं अब ग्रामीणों ने गांव में ही बच्चों के पढ़ने के लिए लाइब्रेरी बनाने का फैसला किया और तैयार कर दी। ताकि युवाओं को पढ़ने के लिए गांव से बाहर ना जाना पड़े।
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रोहतक के गांव बलंभा में बनाई गई लाइब्रेरी में पढ़ाई करते हुए युवा
गांव बलंभा में युवाओं के लिए पढ़ने व सरकारी नौकरी की तैयारी करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। इसलिए बच्चे या तो महम जाते या फिर रोहतक। गांव बलंभा से महम करीब 7-8 किलोमीट दूर है और रोहतक करीब 35 किलोमीटर दूर है। लेकिन अब इस लाइब्रेरी के बनने से बच्चों को पढ़ने के लिए गांव से बाहर जाने की जरूरत नहीं है। इससे एक तो बच्चों का समय बचेगा और दूसरा पैसा। क्योंकि शहर में जाने-आने के लिए जो समय लता था, बच्चे अब उस समय को पढ़ने के लिए सदुपयोग कर पाएंगे।

गांव बलंभा में लाइब्रेरी शुरू करने के दौरान पहुंचे ग्रामीण
लाइब्रेरी संचालन के लिए बनाई 5 सदस्यीय कमेटी गांव में लाइब्रेरी बनाने के बाद उसका संचालन करने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाई है। जिसमें अभिषेक अत्री, सतीश कुमार शर्मा, सरपंच प्रतिनिधि मोहित, राधेश्याम व संदीप आजाद को शामिल किया गया है। जो इस लाइब्रेरी का संचालन करेगी।

गांव बलंभा में बनाई गई लाइब्रेरी के लिए सामन को व्यवस्थित ढंग से रखते हुए युवा
सरकार से भी मिली मदद गांव लाइब्रेरी बनाने में सरकार की भी मदद ली गई है। जिसके लिए सरकार द्वारा 36 कुर्सी, 10 टेबल, 1 काउंटर, एक नोटिस बोर्ड व 2 रैक मिले हैं। जबकि अन्य व्यवस्थाएं गांव वालों ने खुद के दम पर उपलब्ध करवाई हैं। ताकि सभी बच्चों को गांव में ही पढ़ने की सहुलियत मिले।

गांव बलंभा निवासी संदीप आजाद
शिक्षा के लिए लाइब्रेरी तैयार की गांव बलंभा निवासी संदीप आजाद ने बताया कि उन्होंने शहीद चंद्र शेखर आजाद के नाम से गांव में पुस्तकालय बनाया है। इसका उद्देश्य है कि किसी भी समाज को विकास करना है और आगे बढ़ना है तो उसमें शिक्षा का अहम योगदान है। हम जब साथी बैठते थे तो बात होती थी कि आजकल बच्चे फोन व सोशल मीडिया में घुस गए। बच्चों के लिए कुछ अच्छा किया जाए। पहले खेल का मैदान तैयार किया था। वहां पार्क भी तैयार किया। उन्होंने कहा कि यह लाइब्रेरी बच्चों के लिए निशुल्क रहेगी। वहीं बाहर आने-जाने में बच्चों को काफी दिक्कत होती थी, समय व धन खर्च करने के अलावा मानसिक तनाव भी होता था। यह लाइब्रेरी बनने से बच्चों को शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

गांव बलंभा निवासी अभिषेक अत्री
40 बच्चों के बैठकर पढ़ने की व्यवस्था गांव बलंभा निवासी अभिषेक अत्री ने कहा कि युवाओं के भविष्य को देखते हुए लाइब्रेरी शुरू की है। बिना पर्ची-खर्ची नौकरी का युवाओं में क्रेज बढ़ रहा है। इसलिए लाइब्रेरी बनाई है, इसमें सरकार व समाज से सहयोग मिला है। इस लाइब्रेरी में 40 बच्चों के बैठकर पढ़ने की व्यवस्था की गई है। बच्चों की पढ़ाई के लिए हर संभव मदद की जाएगी और जो भी दिक्कत आएगी, उसका भी समाधान किया जाएगा। लाइब्रेरी में फ्री वाईफाई की व्यवस्था भी की गई है। अन्य जरूरी व्यवस्थाएं भी की गई है। आने वाले समय में गर्मी में एसी की व्यवस्था भी की जाएगी। गांव के पांच लोगों की जो कमेटी बनाई है, उनकी देखरेख में यह लाइब्रेरी संचालित रहेगा।