रोहतासगढ़ किला परिसर में बुधवार को कला संस्कृति एवं युवा विभाग ने वनवासी कल्याण महोत्सव 2025 का आयोजन किया। माघी पूर्णिमा के अवसर पर रोहतासगढ़ तीर्थयात्रा महोत्सव में शामिल होने के लिए कई राज्यों से आदिवासी समाज के लोग पहुंचे है।
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कार्यक्रम की शुरुआत वनवासी कल्याण आश्रम के जिलाध्यक्ष गोविंद नारायण सिंह, छत्तीसगढ़ के पूर्व वन मंत्री गणेश राम भगत, वरीय उप समाहर्ता नेहा कुमारी और वनवासी कल्याण आश्रम राष्ट्रीय अध्यक्ष सतेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
चेरो, खरवार और उरांव समुदाय के लोगों ने रोहतासगढ़ किला परिसर में स्थित प्रसिद्ध चार करम वृक्ष (चार धाम) की पूजा कर ध्वजारोहण किया। उन्होंने अपने पूर्वजों की मिट्टी को नमन करते हुए उनके प्रति आस्था प्रकट किया। साथ ही अपनी संस्कृति की रक्षा के रोहतास चौरासन मंदिर से किले तक रक्षा दौड़ लगाई।
आदिवासी समाज के लोग अपना लोक नृत्य प्रस्तुत कर रहे है।
राष्ट्रीय संयोजक महरंग उरांव ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम की शुरूवात वनवासियों ने मांदर थाप पर नृत्य कर और पारंपरिक स्वागत गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया। वनवासियों ने अपने पारंपरिक लोक गीत-नृत्य से वहां मौजूद लोगो को मंत्रमुग्ध किया। दूर दराज से आए प्रमुख लोगों ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाए रखने के लिए सभी आगंतुकों से अपील की। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति, भाषा और खान-पान को नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है। साथ ही, रोहतासगढ़ किला महोत्सव के आयोजकों के प्रति आभार प्रकट किया।
कई राज्य के लोग हुए शामिल
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम,मेघालय, नगालैंड सहित अन्य राज्यों से वनवासी सम्मिलित हुए। मौके पर पूर्व वन मंत्री गणेश राम भगत ने कहा कि आज हम चाहे जहां भी रह रहे है। लेकिन रोहतास गढ़ किला हमारे पूर्वजों का घर है, जब तक मैं जीवित हूं तब तक यहां आता रहूंगा। मौके पर पूर्व जिला पार्षद महेंद्र पासवान,पूर्व जिला पार्षद संजीव गुप्ता,अजय पाठक,प्रेम पाठक,कमलेश कुमार,कृष्ण सिंह यादव, जंगलेश प्रसाद चौरसिया, शशि भूषण प्रसाद, सहित कई लोग मौजूद रहे।