लखनऊ का हजरतगंज इलाका न केवल व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र है, बल्कि यह ऐतिहासिक धरोहर के लिए भी जाना जाता है। हाल के दिनों में इस क्षेत्र में कानून व्यवस्था के मामले में गंभीर खामियां देखने को मिल रही हैं।
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बेतरतीब खड़ी कारें, नो पार्किंग में चल रही शराब पार्टी और सड़कों पर जाम की स्थिति ने लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। इन सबके बीच स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
लखनऊ के हजरतगंज में कुछ इस तरह से नो पार्किंग में कारें खड़ी रहती हैं।
अवैध शराब पार्टी की हुई शिकायत कुछ दिन पहले, हजरतगंज के एक व्यस्त क्षेत्र में नो पार्किंग जोन में एक शराब पार्टी का आयोजन हुआ। स्थानीय निवासियों ने जब इस स्थिति की शिकायत की, तब तक वहां से अधिकतर लोग भाग चुके थे।
यह घटना स्पष्ट करती है, कि किस प्रकार कुछ लोग बिना किसी भय के कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन की इस मामले में चुप्पी और कार्रवाई की कमी ने स्थिति को और खराब कर दिया है।
बेतरतीब खड़ी कारों से परेशानी हजरतगंज की मुख्य सड़कों पर कारें बेतरतीब खड़ी होती हैं। नो पार्किंग जोन में खड़ी कारों से ट्रैफिक जाम होता है। प्रतिदिन हजारों लोग इस इलाके से गुजरते हैं, लेकिन पार्किंग के नियमों का उल्लंघन लगातार बढ़ता जा रहा है। यह समस्या व्यापार पर भी असर डाल रही है।

हजरतगंज से सिविल हॉस्पिटल की तरफ जाने वाली सड़कर पर अक्सर जाम लगा रहता है।
हजरतगंज में जाम की गंभीर समस्या हजरतगंज से सीएम आवास की दूरी मात्र 500 मीटर है, लेकिन वहां पहुंचने में लोगों को घंटों जाम में फंसना पड़ता है। जाम की वजह से आपातकालीन सेवाओं को भी गंभीर खतरे में डाल दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या स्थानीय प्रशासन इस स्थिति को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम उठाने जा रहा है?
प्रशासन की निष्क्रियता जाम और बवाल की घटनाओं के बाद भी प्रशासन ने किसी प्रकार की प्रभावी कार्रवाई नहीं की है। जब भी स्थानीय लोग शिकायत करते हैं, तो पुलिस का जवाब अक्सर यह होता है कि ‘हम देखेंगे’, लेकिन यह देखने की प्रक्रिया कब तक चलेगी, यह बड़ा सवाल है।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन और स्थानीय पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
स्थानीय लोगों की समस्या स्थानीय निवासी इस स्थिति से बेहद परेशान हैं। एक स्थानीय दुकानदार ने कहा, “हम रोजाना इस समस्या का सामना कर रहे हैं। पुलिस कभी-कभी आती है, लेकिन कुछ देर बाद फिर वही स्थिति हो जाती है।” लोग अब इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यह समस्या दूर क्यों नहीं हो रही है।
क्षेत्रीय नेताओं की चुप्पी इस समस्या को लेकर क्षेत्रीय राजनीतिक नेताओं की चुप्पी भी सवाल उठाती है। चुनावों के समय यह नेता जनता के बीच में होते हैं, लेकिन जब वास्तविक मुद्दों की बात आती है, तो वे गायब हो जाते हैं।
यह दिखाता है कि किस प्रकार राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी इस समस्या को और जटिल बना रही है। हजरतगंज में बेतरतीब खड़ी कारें, अवैध शराब पार्टियां और बढ़ता जाम स्थानीय प्रशासन की नाकामी को उजागर कर रहे हैं।