लखनऊ में महिला की रेप के बाद हत्या हुई। इसको लेकर योगी सरकार ने प्रदेश के सभी ऑटो और ई-रिक्शा ड्राइवरों का वेरिफिकेशन कराने के आदेश दिए। जिन ड्राइवर पर मुकदमे दर्ज हैं या अपराधी प्रवृत्ति के हैं, उन पर कार्यवाही करने का भी हुक्म दिया। इसके बाद एक्शन
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अभियान को अब एक हफ्ते से अधिक समय बीत चुका है। लखनऊ में हर दिन लगभग 80 से 90 ई-रिक्शा सीज किया जा रहे हैं। इससे अब थानों में ई-रिक्शा रखने की जगह नहीं बची है। जमीनी हकीकत जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम ने शहर के पांच थानों का जायजा लिया। पढ़िए रिपोर्ट…
परिवहन विभाग ई-रिक्शा के अवैध संचालन और शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए अभियान चला रहा है।
महानगर थाना: ई-रिक्शा जंजीर से बांधे गए
टीम सबसे पहले लखनऊ के महानगर थाने पहुंची। यहां हमने देखा कि थाने के बाहर लगभग 30 ई-रिक्शा खड़े हैं, जिन्हें जंजीर से बांधा गया है। जैसे ही हम अंदर गए। वहां भी बाउंड्री के अंदर दर्जन भर ई-रिक्शा खड़े नजर आए। कुल 50 से ज्यादा ई-रिक्शा को सीज करके एक स्थान पर रखा गया है। वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी ने कैमरे पर बात करने से मना कर दिया, लेकिन उसने बताया- इन सीज ई-रिक्शा को नाबालिग चला रहे थे।

यह तस्वीर महानगर थाने की है। यहां थाना परिसर के बाहर ई-रिक्शा को रखा गया है।
गाजीपुर थाना: कैंपस में ई-रिक्शा का जमावड़ा
पॉलिटेक्निक चौराहे से महज 500 मीटर की दूरी पर गाजीपुर थाना है। यहां थाना परिसर में 50 से ज्यादा ई-रिक्शा को सीज करके रखा गया है। इस पर जब हमने गाजीपुर थाने के एसीपी अनिंद्य विक्रम सिंह से बात करना चाहा तब उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया। कहा- हमारे सीनियर ही इस पर बयान दे पाएंगे। उन्होंने यह बताया कि ज्यादातर उन ई-रिक्शा को सीज किया गया है, जिनके कागज ठीक नहीं थे या जिनका संचालन नाबालिग कर रहे थे।
चिनहट थाना: 25 ई रिक्शा सीज किए गए
चिनहट थाने के अंदर लगभग 20 से 25 ई-रिक्शा अलग-अलग जगह पर खड़े हैं। इसके साथ ही ऑटो भी खड़े किए गए हैं। जब हमने वहां मौजूद पुलिसकर्मी से पूछा कि यह ई-रिक्शा क्यों खड़े किए हैं? उन्होंने बताया- 1 अप्रैल से अवैध ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। हम मटियारी चौराहे के पास सघन चेकिंग करते हैं। इस दौरान जिनके ई-रिक्शा पर नंबर प्लेट नहीं है या जिनके कागज पूरे नहीं हैं। उनको सीज किया जाता है। चिनहट थाने में अब तक ढाई सौ से ज्यादा वाहनों के चालान किए गए हैं। दर्जन भर से ज्यादा वाहनों को सीज किया गया है।

हजरतगंज थाने में 44 ई रिक्शा सीज किए गए।
हजरतगंज थाना: 44 ई रिक्शा सीज किए गए
हजरतगंज चौराहे पर पुलिस की टीम वहां से गुजरने वाले वाहनों की चेकिंग कर रही है। नाबालिगों के द्वारा चलाए जाने वाले ई-रिक्शा के विरुद्ध कार्रवाई भी की जा रही है। फिर जब हम थाने पहुंचे तो हमने देखा कि पूरा कैंपस ई-रिक्शा से भरा हुआ है। हजरत थाने के प्रभारी विक्रम सिंह ने बताया कि 1 अप्रैल से अब तक 44 ई-रिक्शा को सीज किया गया है। लगभग 200 से ज्यादा वाहनों के चालान किए गए हैं।
विभूतिखंड थाना: सबसे कम ई-रिक्शा मिले
विभूतिखंड थाने में सबसे कम ई-रिक्शा सीज हैं। यहां महज तीन ई-रिक्शा को ही सीज किया गया है। यहां एक सब इंस्पेक्टर ने बताया कि 3 ई-रिक्शा ही सीज किए गए हैं। हमने अन्य गाड़ियों को भी सीज किया है। इनके कागज नहीं हैं या जिनका नंबर प्लेट नहीं है।
जानिए पड़ताल में सामने आया फैक्ट…
ई-रिक्शा चला रहे नाबालिग
दैनिक भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि महानगर से बादशाह नगर रेलवे स्टेशन महज 400 मीटर की ही दूरी पर है और यहां पर सबसे ज्यादा ई-रिक्शा का संचालन किया जाता है। जैसे ही कोई ट्रेन आती है तब ई-रिक्शा चलाने वाले स्टेशन के चारों तरफ भीड़ लगा लेते हैं। जिनमें ज्यादातर रिक्शा 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे चलाते हैं। इनके पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं होता।
वाहनों का पंजीकरण नहीं
एक अप्रेल से चलाए जा रहे अभियान में अब तक सैकड़ों ई रिक्शा सीज किए गए है। इनमें से अधिकांश का पंजीकरण नहीं है। गाड़ियों के पूरे कागजात भी नहीं है। वाहन मालिक कोई और है। चालक किराए पर ई-रिक्शा लेकर चलाते है।

ADCP ट्रैफिक अशोक कुमार सिंह ने कहा- अब थानों में ई-रिक्शा रखने की जगह नहीं बची है।
कल्ली पश्चिम ट्रैफिक यार्ड में रखी जाती गाड़ियां
लखनऊ के ज्यादातर थाने ई-रिक्शा से फुल होने को लेकर जब हमने ADCP ट्रैफिक अशोक कुमार सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया- 1 अप्रैल से लगातार अवैध ई-रिक्शा के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अब इन्हें थानों में खड़ा करने की जगह नहीं बची है। हमने कल्ली पश्चिम में ट्रैफिक यार्ड बनाया है, जहां पर सीज किए गए वाहनों को रखा जा रहा है। हमारे पर ऐसे वाहनों को रखने के लिए भरपूर जगह है।
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