लखनऊ10 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
लखनऊ हाईकोर्ट ने राजधानी के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं की जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को सभी सरकारी अस्पतालों का सर्वेक्षण कर शपथ पत्र के साथ रिपोर्ट देने को कहा है। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश ज्योति राजपूत की जनहित याचिका पर दिया। याचिका में निराश्रित वार्डों की स्थिति का मुद्दा उठाया गया था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने बलरामपुर अस्पताल के निराश्रित वार्ड की स्थिति दिखाते हुए एक पेन ड्राइव पेश की। कोर्ट ने इसकी एक कॉपी स्वास्थ्य विभाग को भी भेजने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि सर्वेक्षण में इमरजेंसी और निराश्रित वार्डों की पूरी जांच की जाए। इसमें स्ट्रेचर, व्हील चेयर, साफ-सफाई, मुफ्त दवाओं की उपलब्धता और स्टाफ की मौजूदगी जैसे पहलुओं को देखा जाए। याचिका में इन सुविधाओं को लेकर गंभीर आपत्तियां उठाई गई हैं। कोर्ट ने कहा कि वह किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सक्षम अधिकारी से स्थिति की जांच करवाना चाहते हैं। अगली सुनवाई 8 मई को होगी।