लखनऊ स्थित डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के योगदान पर चर्चा हुई। विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य संजय सिंह ने अध्यक्षता की।
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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (यूपी चैप्टर) के अध्यक्ष कुंवर शशांक और विशिष्ट अतिथि के रूप में विद्यान्त हिंदू पीजी कॉलेज की आचार्य प्रो. नीतू सिंह, विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो. वी के सिंह उपस्थित रहे।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना महत्वपूर्ण
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में संगोष्ठी में मौजूद लोग।
कुलपति आचार्य संजय सिंह ने कहा- भारतीय संविधान की प्रस्तावना आधुनिक भारत का आईना है। डॉ. आंबेडकर ने 1950 में संविधान लागू करके नए भारत की नींव रखी। उन्होंने बाबा साहब की तर्कसंगत और दृष्टिकोण की महत्ता पर चर्चा की।
दलित और वंचित उद्यमी बने
कुंवर शशांक ने कहा- दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में दलितों और वंचितों को उद्योग की मुख्य धारा में आने की जरूरत है। उन्होंने कहा- समान अवसर देने के लिए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
प्रो. नीतू सिंह ने कहा- वीमेन लिबरेशन का इतिहास बाबा साहब के बिना अधूरा है, क्योंकि उन्होंने न केवल दलितों, बल्कि महिलाओं को भी सामाजिक गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए अभियान चलाया।
कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय के प्रो. सीके दीक्षित और सांस्कृतिक संयोजन डॉ. कौशकी सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।