लखनऊ13 मिनट पहले
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सीएसआईआर-एनबीआरआई लखनऊ में बुधवार को दो दिवसीय ग्रीष्मकालीन पादप महोत्सव की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. राम राजशेखरन मौजूद रहे।
संस्थान के निदेशक डॉ. अजीत कुमार शासनी ने बताया कि इस विज्ञान महोत्सव का पूरा आयोजन छात्रों द्वारा किया जा रहा है। यह महोत्सव 2018 से हर साल 13 अप्रैल को मनाया जाता है। यह तारीख एनबीआरआई को सीएसआईआर की छठी राष्ट्रीय प्रयोगशाला का दर्जा मिलने की याद दिलाती है।
19 व्याख्यान और 17 पोस्टर प्रस्तुत हुए
महोत्सव की संयोजक डॉ. विधु साने के अनुसार इस कार्यक्रम में मौखिक व्याख्यान, पोस्टर प्रेजेंटेशन, फोटोग्राफी, क्विज, ट्रेजर हंट और साइंस आर्ट प्रतियोगिताएं होंगी। पहले दिन ही 19 व्याख्यान और 17 पोस्टर प्रस्तुत हुए। इस बार 200 से अधिक शोधार्थी भाग ले रहे हैं।
स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की
मुख्य अतिथि डॉ. राम राजशेखरन ने अपने व्याख्यान में स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सफेद तिल, सरसों और पपीता जैसे थर्मोजेनिक खाद्य पदार्थों से शरीर की वसा को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही गन्ने से प्राप्त सुक्रोज अवरोधक से डायबिटीज को रोका जा सकता है। महोत्सव का समापन 24 अप्रैल को होगा। उसी दिन सुबह 10:30 बजे प्रो. केएन कौल स्मारक व्याख्यान में पद्म भूषण प्रो. पी. बलराम मुख्य वक्ता होंगे।