नई दिल्ली5 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
गृह मंत्रालय की तरफ से मिला आश्वासन पत्र दिखाते सोनम वांगचुक।
लद्दाख के स्टेटहुड की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे एनवायरमेंट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने सोमवार को अपना अनशन खत्म कर दिया।
वे पिछले 15 दिन से हड़ताल पर बैठे थे। सोमवार को उन्हें गृह मंत्रालय ने आश्वासन दिया कि लद्दाख की मांगों पर दिसंबर में फिर बातचीत शुरू की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के जॉइंट सेक्रेटरी प्रशांत लोखंडे ने दिल्ली के लद्दाख भवन में अनशन पर बैठे कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उन्हें गृह मंत्रालय का पत्र सौंपा।
इस पत्र में कहा गया कि मंत्रालय की उच्च स्तरीय समिति, जो लद्दाख के प्रतिनिधियों से वार्ता कर रही थी, अगली बैठक 3 दिसंबर को करेगी।

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के जॉइंट सेक्रेटरी प्रशांत लोखंडे ने सोनम वांगचुक को जूस का ग्लास देकर उनसे अनशन खत्म करने की अपील की।
वांगचुक बोले- हमारी मुख्य अपील को सुलझा लिया गया वांगचुक ने कहा, ‘मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारे अनशन के 16वें दिन हमारी मुख्य अपील को सुलझा लिया गया है। अभी-अभी गृह मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लद्दाख भवन आए और यह पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार के साथ लेह एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के बीच चल रही बातचीत बहुत जल्द फिर से शुरू होगी।’
उन्होंने उम्मीद जताई कि लद्दाख के दो प्रमुख सामाजिक-राजनीतिक संगठन- लेह एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के बीच होने वाली बातचीत के नतीजे अच्छे होंगे। वांगचुक ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में उन्हें फिर से अनशन पर बैठने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वार्ता का सुखद अंत होगा।

जूस पीकर 15 दिन की भूख हड़ताल खत्म करते सोनम वांगचुक।
लद्दाख बौद्ध संघ बोला- अभी तक कुछ हासिल नहीं किया लद्दाख बौद्ध संघ के अध्यक्ष चेरिंग दोरजे लक्रुक ने वांगचुक और उन सभी का धन्यवाद किया जिन्होंने बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए मार्च निकाला। उन्होंने कहा, ‘अभी तक हमने कुछ हासिल नहीं किया है। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी चार मांगों पर वार्ता सार्थक होगी।’
सितंबर में वांगचुक ने लेह से दिल्ली तक मार्च निकाला था

2 अक्टूबर की देर रात सोनम दिल्ली में राजघाट पहुंचे थे और उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों ने लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लेह से दिल्ली तक मार्च किया था, जो एक महीने का सफर तय कर 30 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें हैं कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, लद्दाख के लिए एक राज्य सेवा आयोग की स्थापना हो, और लेह और करगिल जिलों के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटें हों।
मार्च में सोनम वांगचुक ने 21 दिन की भूख हड़ताल की थी

सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने, स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण, लेह और कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की मांग को लेकर काफी समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसी साल मार्च में सोनम ने 21 दिन की भूख हड़ताल की थी। भूख हड़ताल खत्म करने के बाद सोनम वांगचुक ने कहा था- ये आंदोलन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। अपनी मांगों को लेकर हमें जब तक आंदोलन करना पड़े, हम करेंगे।
सोनम वांगचुक की हड़ताल से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
सोनम वांगचुक बोले- PM मोदी या राष्ट्रपति से मिलूंगा:गृह मंत्रालय ने आश्वासन दिया; एक दिन पहले रिहा हुए, लद्दाख को स्टेटहुड दिलाने की मांग

लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और 150 अन्य प्रदर्शनकारियों को दिल्ली के बवाना पुलिस थाने से 2 अक्टूबर को रिहा कर दिया गया। थाने से बाहर आने के बाद सोनम दिल्ली पुलिस की निगरानी में राजघाट गए। वहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
सोनम ने कहा- हमने सरकार को एक ज्ञापन दिया है कि लद्दाख को संवैधानिक प्रावधानों के तहत संरक्षित किया जाए। मुझे गृह मंत्रालय ने आश्वासन दिया गया है कि आने वाले दिनों में, मैं पीएम या राष्ट्रपति से मिलूंगा। पूरी खबर यहां पढ़ें…
वांगचुक बोले-लद्दाख में लोकतंत्र कम, हमसे तो पाकिस्तान बेहतर:बॉर्डर पर रहने वालों का दम घुटा, तो नुकसान होगा

सोनम वांगचुक का कहना है कि लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बना तो उम्मीद थी कि यहां सेल्फ गवर्नमेंट होगी, यहां के क्लाइमेट को प्रोटेक्ट करने के लिए संविधान की छठी अनुसूची का भी प्रावधान किया जाएगा। लअब हर समय हर चीज 100% पूरी नहीं होती। अगर पूर्ण राज्य न भी हो तो विधानसभा के साथ केंद्रशासित प्रदेश होना ही चाहिए। पढ़िए उनका इंटरव्यू…