श्रीनगर6 मिनट पहले
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श्रीनगर के खान्यार इलाके के इसी घर में सेना और आतंकियों के बीच एनकाउंटर चला था। ग्रेनेड फेंकेने के कारण घर में आग लग गई थी।
2 नवंबर को ढेर हुए लश्कर के टॉप कमांडर उस्मान के एनकाउंटर को लेकर सेना नए खुलासे किए हैं। सेना ने बताया कि कैसे 8 साल से घाटी में एक्टिव मॉस्ट वांटेड आतंकी को ढेर करने के लिए कुछ बिस्किट ने अहम भूमिका निभाई
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना को इनपुट मिला था कि उस्मान श्रीनगर के खान्यार इलाके के भीड़भाड़ वाले इलाके में रह रहा है। सूचना मिलते ही सेना ने श्रीनगर पुलिस के साथ मिलकर उस्मान को ढेर करने के लिए 9 घंटे तक प्लानिंग की।
सेना ने 2 नवंबर को सुबह की नमाज के पहले खान्यार के उस घर में पहुंचे, जहां उस्मान छिपा हुआ था। सेना ने उस घर के आसपास के 30 घरों को खाली कराया और घेराबंदी की। गली के कुत्तों के भौंकने से उस्मान अलर्ट न हो जाए, इसलिए जवानों ने कुत्तों को बिस्किट खिलाए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिस्किट खिलाने से कुत्ते पूरे ऑपरेशन के दौरान शांत रहे, जिस कारण उस्मान को भनक नहीं लगी कि जवान उसके घर के करीब पहुंच गए हैं।
टॉप लश्कर कमांडर आतंकी उस्मान उर्फ छोटा वलीद घाटी में 2016-17 से एक्टिव था।
उस्मान के पास एके-47, ग्रेनेड थे… सेना के 4 खुलासे
- मीडिया रिपोर्ट के मुतबिक, उस्मान ने पहले सुरक्षाबलों पर फायरिंग की, जिसके बाद एनकाउंटर शुरू हुआ। उस्मान के पास एके-47, एक पिस्तौल और कई ग्रेनेड थे।
- सुरक्षाबलों और उस्मान के बीच भारी गोलबारी के दौरान कुछ ग्रेनेड उसी घर में फट गए, जिसमें उस्मान था। इससे घर में आग लग गई।
- आग पर सुरक्षाबलों ने तुरंत काबू पाया। अगर आग आसपास के घरों में फैल जाती, तो सुरक्षाबलों के लिए स्थिति को काबू में करना मुश्किल होता।
- कई घंटों तक चली इस मुठभेड़ में उस्मान को ढेर कर दिया गया। एनकाउंटर में चार जवान घायल हुए, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि, वहां अब उनकी हालत स्थिर है।
24 साल पहले भी घाटी में एक्टिव था उस्मान सेना ने बताया कि उस्मान कश्मीर घाटी को अच्छी तरह से जानता था। वह सन 2000 से घाटी में एक्टिव था। हालांकि, बाद में पाकिस्तान चले गया था। वह 2016-17 के फिर से श्रीनगर में एक्टिव हुआ और लश्कर से जुड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में जुट गया। 2023 में पुलिस इंस्पेक्टर मसरूर वानी की गोली मारकर हत्या करने में भी उस्मान का हाथ था।
सेना का यह ऑपरेशन इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि लश्कर पिछले कुछ दिनों से गैर-कश्मीरियों को निशाना बना रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लश्कर के इन ऑपरेशन में उस्मान अहम भूमिका निभा रहा था। वह पाकिस्तान मैं बैठे हैंडलर्स के संपर्क में था।
घाटी में गैर-कश्मीरियों की हत्या का कारण
खुफिया एजेंसियों ने बताया था कि टारगेट किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई साजिश है। माना जा रहा है कि इसका मकसद, आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना है।
आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें खास तौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी निशाना बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।
पिछले 18 दिन में 9 हमले
- 3 नवंबर: श्रीनगर के टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर के नजदीक संडे मार्केट में रविवार को ग्रेनेड ब्लास्ट हुआ। इसमें 12 लोग घायल हुए। घटना के तुरंत बाद हमलावरों को पकड़ने के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई।
- 1-2 नवंबर को 3 एनकाउंटर: 36 घंटे के अंदर श्रीनगर, बांदीपोरा और अनंतनाग में सेना और आतंकियों के बीच 3 एनकाउंटर हुए। श्रीनगर में लश्कर का कमांडर ढेर हुआ। सेना ने अनंतनाग में 2 आतंकी मार गिराए।
- 28 अक्टूबर: अखनूर में 3 आतंकी ढेर हुए। LoC के पास आतंकियों ने आर्मी एंबुलेंस पर फायरिंग की थी। इसके बाद वे जंगल की ओर भाग गए थे। 5 घंटे तक चले एनकाउंटर में सेना का कोई जवान घायल नहीं हुआ।
- 24 अक्टूबर: बारामूला में सेना की गाड़ी पर आतंकियों ने हमला किया। इसमें 3 जवान शहीद हुए। 2 मजदूरों की भी मौत हुई। हमले की जिम्मेदारी PAFF संगठन ने ली थी।
- 24 अक्टूबर: दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के बटगुंड में आंतकवादियों ने एक गैर कश्मीरी मजदूर पर गोलीबारी की। गोलीबारी से मजदूर घायल हुआ ।
- 20 अक्टूबर: गांदरबल के सोनमर्ग में कश्मीर के डॉक्टर, MP के इंजीनियर और पंजाब-बिहार के 5 मजदूरों की जान गई थी। इसकी जिम्मेदारी लश्कर के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली।
- 16 अक्टूबर: शोपियां में आतंकियों ने गैर-स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमले के बाद इलाके में आतंकियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
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