लाहौल में हुई बर्फबारी का दृश्य।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के लाहौल में भारी बर्फबारी के कारण सड़कें बंद हैं। ढाई से तीन फीट तक बर्फ जमी है। इस बीच चंडीगढ़ पीजीआई से लौटी 76 वर्षीय धर्म दासी को स्ट्रेचर पर 2 किलोमीटर पैदल चलकर उनके घर तक पहुंचाया गया। धर्म दासी को 12 मार्च को उनक
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बर्फबारी के कारण थक कर आराम करते मरीज के परिजन।
सरकार और प्रशासन के प्रति नाराजगी
चंडीगढ़ से वापस आने के बाद उन्हें लोट से लपशक गांव तक स्ट्रेचर पर ले जाया गया। गांव में कई अन्य मरीज और बुजुर्ग भी हैं। उनकी सेहत को लेकर ग्रामीण चिंतित हैं। स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन के प्रति नाराजगी जताई है। विधायक अनुराधा राणा को भी सड़क की स्थिति और गांव की समस्याओं से अवगत करा दिया गया है।
रास्ते साफ होने पर लगेंगे 15 दिन
लोट से लपशक गांव के बीच बर्फ हटाने का काम धीमी गति से चल रहा है। मौजूदा स्थिति में काम पूरा होने में 12 से 15 दिन और लग सकते हैं। अगर दोबारा बर्फबारी हुई, तो यह अवधि और बढ़ सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि तेज गति से काम होने पर 4-5 दिन में सड़क से बर्फ हटाई जा सकती है। ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां बर्फ लंबे समय तक जमी रहती है, जिससे सड़कों पर फिसलन बनी रहती है।

मरीज को स्ट्रेचर पर ले जाते ग्रामीण।
लाहौल-स्पीति को जोड़ने वाला रोड बंद
जिला लाहौल स्पीति को बर्फ का रेगिस्तान या शीत मरुस्थल कहकर भी पुकारा जाता है, क्योंकि सर्दियों की बर्फबारी के बाद यहां का जीवन करीब 4 महीने के लिए ठहर जाता है। अटल टनल रोहतांग बनने के बाद लाहौल व मनाली के बीच सड़क संपर्क 12 महीने बना रहता है। मगर लाहौल व स्पीति के गांवों को जोड़ने वाला रोड अभी भी काफी समय के लिए बंद रहते हैं।
जिसका कारण आधुनिक तकनीक की मशीनरी जनजातीय क्षेत्रों में ग्रामीण स्तर पर ना पहुंच पाना भी हो सकता है ।
अचानक दोबारा बर्फबारी, काम बाधित
वहीं जिला लाहौल स्पीति की अनुराधा राणा ने बताया कि जिला में अत्यधिक बर्फबारी हुई है। अनेक स्थानों पर सड़क बहाली का काम किया जा रहा है। बर्फ अधिक होने व अचानक दोबारा बर्फबारी शुरू हो जाने के कारण काम में बाधा आ रही है । उन्होंने कहा विभाग को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि जल्द से जल्द सड़कों को सुचारू किया जाए ।