भिवानी जिले के लोहारू में बुधवार को अवैध कब्जा हटवाने पहुंची प्रशासन की टीम को लोगों के विरोध के चलते बैरंग लोटना पड़ा। जमीन पर काबिज लोगों ने सांकेतिक धरना दिया और प्रशासन व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
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उन्होंने कहा कि वे करीब 35 वर्षों से इस जमीन पर काबिज हैं। किसी भी सूरत में जमीन को खाली नहीं करेंगे। कई वर्षों से विवादों में रही अस्थाई सब्जी मंडी क्षेत्र की भूमि को पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय ने तीन महीने में मालिकों को कब्जा दिलवाए जाने के आदेश पारित किए थे। वहीं इस मामले की सुनवाई कर रही अदालत को भी तीन महीने की अवधि में सुनवाई पूरी कराने के निर्देश दिए थे।
कोर्ट ने 11 नवंबर को दिया था आदेश
इस भूमि पर कब्जा कार्रवाई में देरी होने के चलते स्वामित्व के आधार पर नीतू दहिया ने पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में सिविल रिविजल याचिका दायर की थी। जिस पर अदालत द्वारा 11 नवंबर को कब्जा हटाने के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन 27 नवंबर बुधवार को कार्रवाई करने पहुंचा प्रशासनिक अमले को लोहारू कोर्ट के बेलिफ के छुट्टी पर होने के कारण खाली हाथ लौटना पड़ा।
6600 जग भूमि पर है कब्जा
गौरतलब है कि पुराने कबालों के आधार पर लोहारू शहर की सबसे बेशकीमती कथित जमीन बस स्टैंड से रेलवे रोड के बीच 6 हजार 600 गज भूमि की मलकियत को लेकर लोहारू में कई वर्षों से विवाद चला आ रहा है। इस कथित जमीन पर महेंद्र जयपुरिया परिवार के लोगों द्वारा दावा किया गया था।