भास्कर न्यूज | अमृतसर निगम चुनाव पारदर्शी तरीके से कराने के दावे प्रशासन कर रहा लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही है। वार्ड 63 के लोगों ने 700 लोगों का नाम वोटर लिस्ट से गायब करने का आरोप लगाते हुए चुनाव रद्द कराने के लिए डीसी को शिकायत दी है। वहीं डीसी न
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21 दिसंबर को वोट वाले दिन जब बूथ पर पहुंचे तो पोलिंग एजेंट ने बताया कि लिस्ट में उनका नाम नहीं है। एडवोकेट शर्मा ने बताया कि उनकी पत्नी-बेटी और उनका खुद का वोट गायब था, जबकि 35 साल से वोट डालते आ रहे हैं। नए वोट बनाने की मुहिम चलाने का क्या फायदा जब पुराने गायब करने हैं। वोटर पर्ची के लिए लोग भटकते रहे। बीएलओ के पास गए तो कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। प्रशासन ने ऐसी वेबसाइट पर वोटर लिस्ट अपलोड कराया जिसे कोई जानता तक नहीं है। ऐसा लगता है कि यह सब खानापूर्ति की गई थी। एडवोकेट शर्मा ने कहा कि अब सच्चाई आ रही सामने, लोगों के वोट ही अंदरखाते गायब किए गए थे। वार्ड 63 का चुनाव रद्द कर फिर से वोटिंग कराई जाए, चूंकि कोई एक-दो नहीं सैकड़ों वोट काट दिए गए।
इलाके के बाल किशन के घर से लेकर कृष्णा गली, मस्जिद के सामने वाली गली, बेदी गली, दर्शन ढाबे वाली, रघुनाथ मंदिर से लगता इलाका जोली पैसल, महाजन फ्रूट गली व अन्य इलाकों में वोट गैर-कानूनी तरीके से काट दिए गए। वोट वाले दिन हर कोई परेशान रहा लेकिन कोई हल नहीं निकाला गया। अगले दिन पड़ताल की तो पता चला कि लोगों के मौलिक अधिकार को दबाने के लिए बहुत बड़ी साजिश रची गई है। वार्ड 63 में हुए चुनाव का रिजल्ट रोक दिया जाए।
जो भी लोग वोट काटने में संलिप्त हों जांच कराकर कार्रवाई की जाए। यदि उनकी मांग नहीं सुनी गई तो अपने अधिकारों के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। वहीं डीसी ने मामले की जांच के लिए इंक्वायरी एडीसी डवलपमेंट रुरल को मार्क की है। इस मौके पर एडवोकेट मनीष पराशर, एडवोकेट अर्शजीत सिंह सोढ़ी, एडवोकेट सौरभ सहगल, एडवोकेट सुखमिंदर सिंह भल्ला, एडवोकेट चरनदीप सिंह व अन्य मौजूद रहे।