Wednesday, April 30, 2025
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वक्फ कानून के खिलाफ आज ‘लाइट बंद करो’ अभियान: मुस्लिम बोर्ड की अपील- रात 9 बजे से 15 मिनट तक लाइट ऑफ रखें; कानून को असंवैधानिक बताया


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कुछ ही क्षण पहले

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मुस्लिम संगठन ‘वक्फ बचाव अभियान’ के तहत देशभर में वक्फ कानूना का विरोध कर रहे हैं।

नए वक्फ कानून के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) आज बुधवार को देशभर में ‘लाइट बंद करो’ अभियान के तहत प्रदर्शन करेगा। इसके तहत रात 9 बजे से 9:15 बजे तक लोगों को घर-दुकान और ऑफिस में लाइट ऑफ करने की अपील की है।

AIMPLB ने कहा- वक्फ कानून अन्यायपूर्ण, अलोकतांत्रिक और इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ है। यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों और धार्मिक संपत्तियों में सरकार की दखलअंदाजी को बढ़ावा देगा। यह सिर्फ एक समुदाय का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र का मुद्दा है। सरकार जब तक कानून को वापस नहीं लेती, शांतिपूर्ण विरोध जारी रहेगा।

AIMPLB के ‘वक्फ बचाव अभियान’ का पहला फेज 11 अप्रैल से शुरू हुआ, जो 7 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जो PM मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी।

AIMPLB ने 22 अप्रैल को दिल्ली में प्रदर्शन किया।

AIMPLB ने 22 अप्रैल को दिल्ली में प्रदर्शन किया।

8 दिन पहले दिल्ली में हुआ था प्रदर्शन इससे पहले 22 अप्रैल को AIMPLB ने दिल्ली में प्रदर्शन किया था। ‘वक्फ बचाव अभियान’ के तहत तालकटोरा स्टेडियम में ‘तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां’ (वक्फ की हिफाजत) नाम से आयोजन हुआ।

कार्यक्रम में जमात-ए-इस्लामी हिंद समेत देशभर के मुस्लिम संगठनों के अध्यक्ष और प्रतिनिधि पहुंचे हैं। IMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए हैं। बैठक में वक्फ कानून के खिलाफ आगे की कानून लड़ाई लड़ने को लेकर चर्चा हुई।

वक्फ कानून के विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें…

बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग ने प्रदर्शन किया। इस दौरान हिंसा हो गई थी।

बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग ने प्रदर्शन किया। इस दौरान हिंसा हो गई थी।

हैदराबाद के चारमीनार में जुमे की नमाज के बाद वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लोग तख्तियां लेकर निकले।

हैदराबाद के चारमीनार में जुमे की नमाज के बाद वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लोग तख्तियां लेकर निकले।

वक्फ कानून को लेकर AIMPLB की आपत्तियां

  • वक्फ संपत्तियों पर कब्जा: बोर्ड का दावा है कि विधेयक वक्फ संपत्तियों को सरकार या व्यक्तियों के लिए हड़पना आसान बनाएगा।
  • स्वायत्तता में कमी: नए कानून में गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने और जिला कलेक्टरों को संपत्तियों का मूल्यांकन करने का अधिकार देने का विरोध।
  • धार्मिक स्वतंत्रता का हनन: AIMPLB का कहना है कि यह विधेयक संविधान के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है, क्योंकि यह हिंदू और सिख धार्मिक संस्थानों के साथ समान व्यवहार नहीं करता।
  • अनुचित हस्तक्षेप: बोर्ड का मानना है कि वक्फ बोर्डों की शक्तियों को कम करना और सरकारी नियंत्रण बढ़ाना स्वीकार्य नहीं है।

मोदी सरकार पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने का आरोप लगाया

AIMPLB महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों को इस अभियान में शामिल होने की अपील की है।

AIMPLB महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों को इस अभियान में शामिल होने की अपील की है।

AIMPLB महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने वीडियो मैसेज जारी किया। वीडियो में मुजद्दिदी ने सरकार पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने और धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करने का आरोप लगाया है।

उन्होंने वीडियो में कहा- यह अभियान वक्फ संपत्तियों की रक्षा और विधेयक को निरस्त करने की मांग को लेकर चलाया जा रहा है। AIMPLB का मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों की प्रकृति और स्वायत्तता को नुकसान पहुंचाएगा, जिसे वे इस्लामी मूल्यों, शरीयत, धार्मिक स्वतंत्रता और भारतीय संविधान के खिलाफ मानते हैं।

बोर्ड के मुताबिक आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक विधेयक पूरी तरह निरस्त नहीं हो जाता। इसे ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ अभियान का नाम दिया गया है, क्योंकि बोर्ड इसे संवैधानिक अधिकारों से जोड़ता है।

AIMPLB बोली- शाह बानो मामले जैसा जन आंदोलन बनाया जाएगा

AIMPLB ने इसे शाह बानो मामले (1985) की तरह व्यापक जन आंदोलन बनाने की बात कही है, जो शहरों से लेकर गांवों तक फैलेगा। AIMPLB की महिला विंग अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को जागरूक करेगी। बोर्ड ने समुदाय से संयम बरतने और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से बचने की अपील की गई है।

वक्फ बचाव अभियान के तहत होने वाले कार्यक्रम

  • 22 अप्रैल: दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां’ (वक्फ की हिफाजत) नाम से बड़ा आयोजन किया जाएगा।
  • 30 अप्रैल: रात 9 बजे देशभर में लोग अपने घरों, दफ्तरों, और फैक्ट्रियों में आधे घंटे के लिए लाइट बंद कर ‘ब्लैकआउट’ के जरिए प्रतीकात्मक विरोध करेंगे।
  • 7 मई: दिल्ली के रामलीला मैदान में एक और बड़ा कार्यक्रम।

क्या-क्या करने वाला है पर्सनल लॉ बोर्ड

  • जुमे की नमाज के बाद मानव श्रृंखला (ह्यूमन चेन) बनाकर विरोध प्रदर्शन। सभी राज्यों की राजधानियों और जिला मुख्यालयों पर धरना, प्रतीकात्मक गिरफ्तारियां, राष्ट्रपति-गृह मंत्री को ज्ञापन सौंपने की योजना।
  • दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, रांची, लखनऊ, अहमदाबाद जैसे 50 बड़े शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस। इन शहरों में इस्लामिक रिसर्च स्कॉलर्स और धर्मगुरुओं के साथ बैठकें होंगी, जहां वक्फ कानून के नुकसान बताए जाएंगे।

5 अप्रैल को राष्ट्रपति ने कानून को मंजूरी दी, गजट नोटिफिकेशन जारी

वक्फ संशोधन बिल (अब कानून) 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिल को 5 अप्रैल की देर रात मंजूरी दी। सरकार ने नए कानून को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग नोटिफिकेशन जारी करेगी।

बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था- कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे पक्षपात, दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकना है। बिल को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने समर्थन दिया था, 95 ने विरोध किया। लोकसभा में यह बिल 2 अप्रैल की आधी रात पारित हुआ था। इस दौरान 288 सांसदों ने समर्थन में और 232 ने विरोध में वोट डाला था।

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SC बोला- बार काउंसिल सदस्य ही बनेंगे वक्फ बोर्ड मेंबर:मुस्लिम होना अनिवार्य, 2 शर्तें लागू कीं; मणिपुर हाईकोर्ट के फैसले को पलटा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य वक्फ बोर्ड में नियुक्ति को लेकर अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा- राज्य बार काउंसिल का एक्टिव मेंबर ही राज्य वक्फ बोर्ड का सदस्य बन सकता है। जस्टिस एम.एम.सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड का सदस्य बनने के लिए 2 अनिवार्य शर्तें पूरी करनी होंगी। पूरी खबर पढ़ें…

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