नई दिल्ली6 मिनट पहले
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भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने JPC बैठक की तस्वीरें X पर शेयर की थी।
वक्फ बिल में संशोधन के लिए गुरुवार (5 सितंबर) को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की तीसरी बैठक हुई। इसमें मंत्रालयों के अधिकारियों ने कमेटी को वक्फ बिल के बारे में प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान अधिकारियों की विपक्षी सांसदों से तीखी बहस हुई।
इसके अलावा भाजपा के सांसदों और विपक्षी सांसदों में भी बहस हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मीटिंग में हंगामा भी हुआ। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि प्रेजेंटेशन के दौरान सरकारी अधिकारी कमेटी को बिल के बारे में पूरी जानकारी नहीं दे रहे।
साथ ही कहा कि मिनिस्ट्री के अधिकारी अपना स्वतंत्र दृष्टिकोण नहीं अपना रहे। वे बिना किसी विचार-विमर्श के सरकार के रुख को ही बढ़ावा दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सबसे ज्यादा विरोध AAP सांसद संजय सिंह और TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने किया।
दरअसल, संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल को मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष के विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के JPC को भेज दिया गया था।
8 पॉइंट में समझिए तीसरी बैठक में क्या-क्या हुआ
- शहरी मामले और सड़क परिवहन सचिव अनुराग जैन, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश गौतम, रेलवे बोर्ड के सदस्य (इंफ्रास्ट्रक्चर) अनिल कुमार खंडेलवाल ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर JPC के सामने एक प्रेजेंटेशन दिया।
- शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों ने पैनल को 1911 में दिल्ली के निर्माण के लिए ब्रिटिश सरकार की भूमि अधिग्रहण प्रोसेस के बारे में जानकारी दी। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने अधिकारियों से कुछ सवाल पूछे।
- DMK सासंद ए राजा ने कहा- वक्फ अधिनियम 1913 में पारित किया गया था। शहरी मामलों के मंत्रालय के इस प्रेजेंटेशन में इस बात का उल्लेख क्यों नहीं है। इसके बाद सांसदों और अधिकारियों में तीखी बहस हुई।
- अधिकारी कुछ सवालों के जवाब भी नहीं दे पाए। सांसदों ने कहा- अधिकारी अधूरी जानकारी दे रहे हैं। कमेटी अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने बीचबचाव कर हंगामा रुकवाया।
- अधिकारियों ने आगे बताया कि वक्फ बोर्ड ने 1970 से 1977 के बीच 138 संपत्तियों का दावा किया था। इन संपत्तियों को ब्रिटिश सरकार ने नई दिल्ली के निर्माण के लिए अधिग्रहित किया था।
- नेशनल केपिटल रीजन में भी कुल 341 वर्ग किलोमीटर भूमि अधिग्रहित की गई थी। इससे प्रभावित लोगों को मुआवजा भी दिया गया था। सरकार के इस दावे का भी विपक्षी सांसदों ने विरोध किया।
- मंत्रालयों ने कहा- वक्फ संशोधन विधेयक से उन्हें सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाकर विकास प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी। विपक्ष ने कहा- मौजूदा कानूनों में अतिक्रमण को लेकर प्रावधान है।
- विपक्षी सांसदों ने मीटिंग में कहा- सरकार नहीं चाहती कि की सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन पर कोई उससे सवाल पूछे। इसके लिए सरकार अतिक्रमण और विकास प्रोजेक्ट की बात करेगी।
वक्फ बोर्ड की पिछली बैठक में क्या-क्या हुआ?
30 अगस्त, दूसरी बैठक: विपक्षी सांसदों ने वॉक आउट किया

JPC की दूसरी बैठक में शामिल ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा के सदस्य।
JPC की दूसरी बैठक में विपक्षी सदस्यों ने कुछ देर के लिए बैठक से वॉक आउट किया। यह बैठक करीब 8 घंटे तक चली बैठक में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा और इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स, राजस्थान मुस्लिम वक्फ, दिल्ली और यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के विचारों को सुना।
सूत्रों के अनुसार, मुस्लिम संगठनों ने बिल के कई प्रावधानों पर कहा कि यह मुसलमानों के लिए चिंता का विषय हैं। बैठक में ‘वक्फ बाय यूजर्स’ पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि यह धार्मिक आस्था और व्यवहार का मामला है। इसलिए सरकार को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। बैठक के बारे में जानने के लिए क्लिक करें…
पहली बैठक के बाद समिति अध्यक्ष बोले थे- सभी हिस्सेदारों की बात सुनी जाएगी

जेपीसी की पहली बैठक में शामिल हए मेंबर्स
22 अगस्त को 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक हुई थी। इसमें समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया था कि बिल पर विचार करने के दौरान सभी 44 बदलावों (अमेंडमेंट्स) पर चर्चा होगी। सभी हिस्सेदारों की बात सुनी जाएगी। मुस्लिम जानकारों से भी राय ली जाएगी।
अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालय के अधिकारी ने समिति को ड्राफ्ट कानून में जो बदलाव किये गए हैं, उसके बारे में बताया। बैठक के बारे में जानने के लिए क्लिक करें…

JPC में लोकसभा से 21 सदस्य- भाजपा के 7, कांग्रेस के 3 सांसद
1. जगदंबिका पाल (भाजपा)
2. निशिकांत दुबे (भाजपा)
3. तेजस्वी सूर्या (भाजपा)
4. अपराजिता सारंगी (भाजपा)
5. संजय जायसवाल (भाजपा)
6. दिलीप सैकिया (भाजपा)
7. अभिजीत गंगोपाध्याय (भाजपा)
8. श्रीमती डीके अरुणा (YSRCP)
9. गौरव गोगोई (कांग्रेस)
10. इमरान मसूद (कांग्रेस)
11. मोहम्मद जावेद (कांग्रेस)
12. मौलाना मोहिबुल्ला (सपा)
13. कल्याण बनर्जी (TMC)
14. ए राजा (DMK)
15. एलएस देवरायलु (TDP)
16. दिनेश्वर कामत (JDU)
17. अरविंत सावंत (शिवसेना, उद्धव गुट)
18. सुरेश गोपीनाथ (NCP, शरद पवार)
19. नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना, शिंदे गुट)
20. अरुण भारती (LJP-R)
21. असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM)
JPC में राज्यसभा से 10 सदस्य- भाजपा के 4, कांग्रेस का एक सांसद
1. बृज लाल (भाजपा)
2. डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी (भाजपा)
3. गुलाम अली (भाजपा)
4. डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (भाजपा)
5. सैयद नसीर हुसैन (कांग्रेस)
6. मोहम्मद नदीम उल हक (TMC)
7. वी विजयसाई रेड्डी (YSRCP)
8. एम मोहम्मद अब्दुल्ला (DMK)
9. संजय सिंह (AAP)
10. डॉ. धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े (राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत)

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