दिल्ली29 मिनट पहले
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तस्वीर सोमवार की मीटिंग से विपक्षी सांसदों के वॉकआउट की है।
वक्फ बिल पर बनाई गई जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की मंगलवार को हुई दूसरे दिन की बैठक में भी विपक्ष ने वॉकआउट किया। दरअसल विपक्ष का आरोप है कि JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल नियमों के मुताबिक नहीं चल रहे हैं। इसे लेकर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को लेटर लिखकर शिकायत की।
शिकायत करने वाले नेताओं में कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन, इमरान मसूद, DMK पार्टी के नेता ए. राजा और एमएम अब्दुल्ला, AIMIM पार्टी नेता असदुद्दीन ओवैसी और TMC नेता कल्याण बनर्जी शामिल हैं। इनका कहना है कि जगदंबिका पाल भाजपा का पक्ष लेते हैं।
वहीं भाजपा सांसदों ने आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्य अध्यक्ष के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। वहीं मीटिंग में विधेयक पर चर्चा से ज्यादा मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ आरोपों का चर्चा हुई।
JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने शिकायत की है
NDA और विपक्ष नेताओं के बीच हुई तीखी बहस वक्फ बिल पैनल की बैठक के दूसरे दिन NDA और विपक्ष सांसदों के बीच तीखी बहस हुई। मंगलवार को वक्फ संशोधिन विधेयक की संसदीय समिति बैठक के दौरान विपक्ष ने भाजपा सांसदों पर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। इसके बाद लगातार दूसरे दिन बैठक से बाहर चले गए।
वक्फ बोर्ड में महिलाओं को शामिल करने के प्रस्ताव को लेकर भाजपा सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। भाजपा के निशिकांत दुबे, दिलीप सैकिया, अभिजीत गांगुली और तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी और कांग्रेस के गौरव गोगोई के बीच यह विवाद शुरू हुआ।
केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 28 जुलाई को पेश किया था। हालांकि, विपक्षी दलों की कड़ी आपत्तियों के बीच विधेयक को 8 अगस्त को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेज दिया गया था।
सोमवार को भी विपक्षी सांसद असदुद्दीन ओवैसी, संजय सिंह, ए राजा मीटिंग रूम से बाहर आ गए थे।
इससे पहले सोमवार को वक्फ बिल पर हुई JPC की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर वक्फ संपत्ति कब्जाने का आरोप लगा था। इससे नाराज विपक्षी दलों के सांसदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। साथ ही स्पीकर को चिठ्ठी लिखकर कमेटी के चेयरपर्सन जगदंबिका पाल को हटाने की मांग की। उन्होंने स्पीकर से मिलने का समय भी मांगा।
वहीं कर्नाटक माइनॉरिटी कमीशन के पूर्व चेयरपर्सन अनवर मणिप्पाडी ने एक प्रेजेंटेशन दिया। इसमें अनवर ने खड़गे पर वक्फ संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया, जिसका विपक्षी सांसदों ने विरोध किया।
दरअसल, मार्च, 2012 में वक्फ के 2.3 लाख करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाने वाली मणिप्पाडी कमेटी ने तत्कालीन CM सदानंद गौड़ा को अपनी रिपोर्ट दी थी।
अनवर मणिप्पाडी उस समय कर्नाटक माइनॉरिटी कमीशन के चेयरपर्सन थे। उन्होंने ही इस कमेटी की भी अध्यक्षता की थी। करीब आठ साल बाद सितंबर, 2020 में रिपोर्ट विधानसभा में रखी गई। उसमें कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम थे।
वहीं, केरल विधानसभा ने सोमवार बिल के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार इसे वापस लेने का आग्रह किया है। वक्फ (संशोधन) बिल 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और विपक्ष की आपत्ति के बीच इसे JPC को सौंपा था। कमेटी को अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के आखिर तक अपनी रिपोर्ट लोकसभा को सौंपनी है।
विपक्ष के सांसदों का आरोप है कि कमेटी पक्षपात कर रही है।
वक्फ बिल पर JPC की चार बैठकें
22 अगस्त, पहली बैठक: कमेटी चेयरपर्सन बोले- सबकी बात सुनी जाएगी 22 अगस्त को 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक हुई थी। इसमें कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा था कि बिल पर विचार करने के दौरान सभी 44 अमेंडमेंट्स पर चर्चा होगी। सबकी बात सुनी जाएगी। अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालय के अधिकारी ने कमेटी को ड्राफ्ट कानून में जो बदलाव के बारे में बताया। पूरी खबर पढ़ें…
30 अगस्त, दूसरी बैठक: विपक्षी सांसदों ने वॉक आउट किया दूसरी बैठक में विपक्षी सदस्यों ने कुछ देर के लिए बैठक से वॉक आउट किया। यह बैठक करीब 8 घंटे चली। बैठक में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा और इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स, राजस्थान मुस्लिम वक्फ, दिल्ली और UP सुन्नी वक्फ बोर्ड के विचारों को सुना गया। पूरी खबर पढ़े…
तस्वीर 6 सितंबर की है। JPC मीटिंग के लिए असदुद्दीन ओवैसी और जगदंबिका पाल एक साथ मीटिंग रूम की ओर गए।
30 अगस्त, दूसरी बैठक: विपक्षी सांसदों ने वॉक आउट किया दूसरी बैठक में विपक्षी सदस्यों ने कुछ देर के लिए बैठक से वॉक आउट किया। यह बैठक करीब 8 घंटे चली। बैठक में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा और इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स, राजस्थान मुस्लिम वक्फ, दिल्ली और UP सुन्नी वक्फ बोर्ड के विचारों को सुना गया। पूरी खबर पढ़े…
5 सितंबर, तीसरी बैठक: विपक्ष ने कहा- मंत्रालय ने जानकारी छिपाई तीसरी बैठक में मंत्रालयों के अधिकारियों ने वक्फ बिल पर प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान अधिकारियों की विपक्षी सांसदों से तीखी बहस हुई। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि प्रेजेंटेशन के दौरान सरकारी अधिकारी बिल पर पूरी जानकारी नहीं दे रहे थे। सबसे ज्यादा विरोध AAP सांसद संजय सिंह और TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने किया। पूरी खबर पढ़े…
6 सितंबर, चौथी बैठक: ASI ने पुराने कानून पर आपत्ति की बैठक में आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम भी शामिल हुई। टीम ने प्रेजेंटेशन के जरिए बताया कि नया संशोधन बिल पुराने स्मारकों को संरक्षित रखने के लिए भी जरूरी है। ASI ने पुराने वक्फ कानून पर अपनी पांच आपत्तियां भी दर्ज कराई थीं।
विभाग का कहना था कि कई संपत्तियां जो पहले भारत सरकार ने संरक्षित की थीं, उन पर वक्फ ने बिना किसी सबूत के दावा कर दिया। वक्फ एक्ट 1995 (पुराना कानून) वक्फ बोर्ड को दान के नाम पर किसी भी प्रॉपर्टी को वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार देता है। पूरी खबर पढ़े…
JPC में लोकसभा से 21 सदस्य- भाजपा के 7, कांग्रेस के 3 सांसद
- जगदंबिका पाल, कमेटी के चेयरपर्सन (भाजपा)
- निशिकांत दुबे (भाजपा)
- तेजस्वी सूर्या (भाजपा)
- अपराजिता सारंगी (भाजपा)
- संजय जायसवाल (भाजपा)
- दिलीप सैकिया (भाजपा)
- अभिजीत गंगोपाध्याय (भाजपा)
- डीके अरुणा (YSRCP)
- गौरव गोगोई (कांग्रेस)
- इमरान मसूद (कांग्रेस)
- मोहम्मद जावेद (कांग्रेस)
- मौलाना मोहिबुल्ला (सपा)
- कल्याण बनर्जी (TMC)
- ए राजा (DMK)
- एलएस देवरायलु (TDP)
- दिनेश्वर कामत (JDU)
- अरविंत सावंत (शिवसेना, उद्धव गुट)
- सुरेश गोपीनाथ (NCP, शरद पवार)
- नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना, शिंदे गुट)
- अरुण भारती (LJP-R)
- असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM)
JPC में राज्यसभा से 10 सदस्य- भाजपा के 4, कांग्रेस का एक सांसद
- बृज लाल (भाजपा)
- डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी (भाजपा)
- गुलाम अली (भाजपा)
- डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (भाजपा)
- सैयद नसीर हुसैन (कांग्रेस)
- मोहम्मद नदीम उल हक (TMC)
- वी विजयसाई रेड्डी (YSRCP)
- एम मोहम्मद अब्दुल्ला (DMK)
- संजय सिंह (AAP)
- डॉ. धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े (राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत)
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