Saturday, June 28, 2025
Saturday, June 28, 2025
Homeमध्य प्रदेशवक्फ बोर्ड अध्यक्ष बोले- नियमों के तहत हो रहा काम: कोर्ट...

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष बोले- नियमों के तहत हो रहा काम: कोर्ट के बेनामी-झूठी याचिका खारिज करने पर सनवर पटेल ने कहा- हमारा काम पूरी तरह वैधानिक – Bhopal News



वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ सनवर पटेल।

एमपी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनवर पटेल ने कहा है कि वक्फ की संपत्ति को लेकर बेनामी और झूठी याचिकाएं लगाने वालों को हाईकोर्ट ने सही रास्ता दिखाया है।

.

वक्फ बोर्ड द्वारा नियमों के आधार पर की जा रही कार्यवाही को कोर्ट ने उचित ठहराते हुए कहा है कि वक्फ की जो कृषि भूमि नीलाम की जा रही है वह वैधानिक है।

वक्फ बोर्ड की सीईओ को अपात्र ठहराने को लेकर दायर याचिका को भी कोर्ट ने नकार दिया है। इस निर्णय से समाज हित में काम करने में और तेजी आएगी और वक्फ की संपत्ति का सही उपयोग हो सकेगा।

पटेल ने यह बातें उच्च न्यायालय की डबल बैंच द्वारा कोर्ट में दायर पीआईएल याचिका क्रमांक 18916/ 25 के आदेश को लेकर कहीं।

डॉ. सनवर पटेल ने कहा कि इस याचिका के खारिज होने से वक्फ बोर्ड के कामों को प्रमाणिकता मिली हैं। कोर्ट ने 22 मई को दिए आदेश में जनहित याचिका को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने यह फैसला अमीर आजाद अंसारी व अन्य द्वारा दायर याचिका पर दिया है।

याचिका में ये आपत्तियां की गई थीं

पहली आपत्ति यह थी कि वक्फ बोर्ड के आदेश पर हस्ताक्षर करने वाली मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. फरजाना गजल पूर्णकालिक सीईओ नहीं हैं, जो कि वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 23 के खिलाफ है।दूसरी आपत्ति यह थी कि वर्ष 1994 के एक पुराने परिपत्र के अनुसार वक्फ संपत्ति की नीलामी केवल मुतवल्ली द्वारा की जा सकती है, बोर्ड द्वारा नहीं की जा सकती।

न्यायालय का आदेश यह रहा

कोर्ट ने सुनवाई के बाद इन दोनों दलीलों को निराधार मानते हुए कहा कि डॉ. फरजाना गजल वक्फ अधिनियम की धारा 23 के प्रावधानों अनुसार एक मुस्लिम महिला उप सचिव स्तर से उच्च स्तर की अधिकारी हैं और इनकी सेवाएं उच्च शिक्षा विभाग से पिछड़ा वर्ग तथा अल्प संख्यक कल्याण विभाग में तीन वर्षों के लिए तीन प्रतिनियुक्ति पर ली गई हैं। सरकार ने उन्हें वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का उत्तरदायित्व सौंपा है। उनके नियुक्ति आदेश में अस्थायी शब्द सीमित अवधि तीन वर्षों के के संदर्भ में उपयोग किया गया है। इसे अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन नहीं माना जा सकता है। इसलिए उन्हें पूर्णकालिक सीईओ न मानने का कोई आधार नहीं है।

दूसरे बिंदु पर अदालत ने कहा कि 1994 का परिपत्र अब मान्य नहीं है, क्योंकि उसे 2014 के वक्फ संपत्ति लीज नियमों ने प्रतिस्थापित कर दिया है। इन नियमों के अनुसार वक्फ संपत्तियां अब बोर्ड अथवा मुतवल्ली दोनों द्वारा लीज पर दी जा सकती हैं।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular