बोकारो अपर समाहर्त्ता कार्यालय।
बोकारो के तेतुलिया में वन भूमि घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की बुधवार शाम भी कार्रवाई जारी रही। जांच एजेंसी बोकारो डीसी ऑफिस स्थित अपर समाहर्त्ता कार्यालय और धनबाद के बंदोबस्त कार्यालय पहुंची। यहां ईडी की टीम ने कार्यालय में कागजात की जांच की।
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कल कहां-कहां हुई थी छापेमारी
जांच एजेंसी ने मंगलवार को भी झारखंड और बिहार में 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी रांची, बोकारो और धनबाद के अलावा बिहार के बांका जिले के बौंसी में की गई थी। रांची में हरिओम टॉवर स्थित राजवीर कंस्ट्रक्शन के ऑफिस-घर, बोकारो में अपर समाहर्ता ऑफिस, एलआरडीसी ऑफिस, रजिस्ट्री ऑफिस, चास अंचल ऑफिस,वन विभाग ऑफिस, इजहार हुसैन का घर, अख्तर हुसैन के सिवनडीह स्थित आवास, तेतुलिया स्थित बिल्डर का ऑफिस, सेक्टर तीन स्थित बिल्डर का आवास, बखराईबेड़ा स्थित, राजस्व उप निरीक्षक का कार्यालय, पूर्व सीओ निर्मल टोप्पो के चीरा चास स्थित फार्महाउस, बोकारो व धनबाद में डीटीओ दिवाकर द्विवेदी का आवास और धनबाद में रजिस्ट्रार रामेश्वर प्रसाद सिंह का आवास में छापेमारी की गई थी।
2022 में अफसरों ने 10 डिसमिल जमीन को फर्जी दस्तावेज पर बना दिया 74.38 एकड़ मामला 2022 का है। बोकारो में अफसरों ने एक कंपनी को वन विभाग की 74.38 एकड़ जमीन आवंटित कर दी थी। जनवरी 2025 में बोकारो के वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने आयुक्त से शिकायत की। बताया कि बोकारो के कुछ अफसरों ने 2022 में महेंद्र मिश्रा की 10 डिसमिल जमीन के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर शुद्धि पत्र से संबंधित आवेदन में हेराफेरी कर उसे 74.38 एकड़ कर दिया था। इसकी जानकारी महेंद्र मिश्रा को हुई तो उन्होंने इजहार हुसैन, अख्तर हुसैन, रहमत हुसैन, ललन सिंह व शैलेश सिंह पर 2024 में केस दर्ज कराया।