वाराणसी में गिरफ्तार जासूस तुफैल ने पाकिस्तानी सेना के अफसर की पत्नी नफीसा का कनेक्शन यूपी में फैलाया है। तुफैल ने मजलिस और तकरीरों के बहाने कई युवाओं को नफीसा से जोड़ा। सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में नफीसा का वाराणसी, लखनऊ, बरेली, कन्नौज, मुरादाबाद
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ATS की जांच में सामने आया कि नफीसा की फ्रेंड लिस्ट में 240 भारतीय युवा हैं। इनमें से यूपी के 6 लोग हैं, जिनसे नफीसा रोज लंबी बातें करती। चैट, वॉयस कॉल और वीडियो कॉल करती थी। कहती थी- तुम भारत में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार का बदला लो, बाबरी को भूल जाओगे क्या?
एटीएस ने तुफैल के जरिए नफीसा का स्कैच भी तैयार करवाया है। हालांकि, अभी इसे सार्वजनिक नहीं किया है। तुफैल के अलावा बाकी 5 लोग ATS और NIA की रडार पर हैं। नफीसा का यूपी में कनेक्शन कैसे बढ़ा, कौन से युवा उसके टारगेट में थे? उसने अपना नेटवर्क कैसे फैलाया? पढ़िए रिपोर्ट…
पाकिस्तानी नेता की तकरीरें पढ़कर उकसाती थी नफीसा नफीसा की भारतीय युवाओं में खासी रुचि नजर आई है। उसने 9 शहरों में 200 से अधिक युवाओं को फॉलो कर रखा है। इनमें वो कौम के युवाओं को प्राथमिकता देती थी। जासूस तुफैल यूपी के युवाओं का कनेक्शन नफीसा से करवा रहा था।
नफीसा उन्हें इस्लामी चरमपंथी दल तहरीक-ए-ब्लैक पाकिस्तान के नेता मौलाना साद रिजवी की तकरीरों से कट्टर समर्थक बनाने की कोशिश करती थी। सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए पहले युवाओं को धार्मिक भावनाओं के साथ जोड़ती और फिर बात बढ़ा देती।
यूपी में नफीसा के नेटवर्क में कई मुस्लिम लड़के थे, जिन्हें वो अपने हक की लड़ाई लड़ने का मैसेज भेजा करती थी। मौलाना साद की तरह तकरीर करने के लिए प्रेरित करती थी।

पुलिस ने वाराणसी के हनुमान फाटक के इसी मकान से तुफैल को अरेस्ट किया था।
तुफैल को बाबरी का बदला लेने के लिए उकसाया सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ में पता चला है कि नफीसा ने सबसे पहले तुफैल का ब्रेनवॉश कर उसे बाबरी का समर्थक बना दिया। फिर उसे बाबरी का बदला लेने के लिए कुछ करने को प्रेरित करने लगी।
तुफैल ने नफीसा की बातों में आकर बाबरी का बदला लेने की मुहिम चलाई। वह मस्जिद और मदरसों में जुटने वाले युवाओं को मौलाना साद की मजलिसों में होने वाली तकरीरें सुनाता था। मौका मिलने पर खुद भी तकरीरें करता था।
तुफैल के साथ एक पाकिस्तानी हैंडलर भी था, जो पंजाब के सरहिंद का रहने वाला है। नफीसा ने उसे पाकिस्तान के अलग-अलग वॉट्सऐप ग्रुप में जुड़वा दिया। हालांकि, उस पाकिस्तानी हैंडलर की तुफैल से मुलाकात या वीडियो चैट नहीं मिली है। तुफैल वाराणसी के अलावा लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर की कई मस्जिदों में तकरीर पढ़ने जाता था।
यहां पर जो भी युवा उसकी विचारधारा के साथ जुड़ना चाहते थे, उनकी चैट के जरिए नफीसा से बात करवाता था। यहीं से नफीसा का नेटवर्क बढ़ता चला गया। अब एटीएस इन शहरों के उन युवाओं को सर्च कर रही है, जो तुफैल के साथ-साथ नफीसा से जुड़े हैं।

तुफैल के घर के अंदर एक स्कूटर खड़ा मिला। उसके कमरे से कई डायरी, किताब और अखबार की कटिंग ATS ने जब्त की हैं।
सूचनाओं के बहाने जासूसी करवा रही थी नफीसा नफीसा बहुत ही शातिर है। उसने युवाओं से पहले उनके शहर की जानकारी मांगी, फिर फोटो-वीडियो मांगे। इसके बाद में वीडियो कॉल में उन जगहों को देखा। कंटेंट, हिस्ट्री और तमाम जानकारियां जुटाकर वह युवाओं से जासूसी करवा रही थी। बताया जा रहा है कि ये इनपुट नफीसा आईएसआई तक पहुंचा रही थी।
तुफैल की गिरफ्तारी ने खुफिया एजेंसियों को नई लीड दी। भारत में जासूस और स्लीपर सेल तैयार करने की पूरी प्रक्रिया सामने आई है। पाकिस्तानी महिलाएं भारत के युवाओं को हनीट्रैप में फंसा रही हैं, फिर उन्हें कौम और गजवा-ए-हिंद की कहानियां सुनाकर भड़का रही हैं।
हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के युवाओं पर सोशल मीडिया के जरिए नजदीकियां बढ़ाने का प्रयास करती हैं। कभी धार्मिक नजरिए से गुमराह करती हैं तो कभी नाम बदलकर उनसे जानकारियां जुटाती हैं। पाकिस्तानी महिलाएं ऐसा अपने लिए नहीं, बल्कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए करती हैं।

तुफैल अपने भाइयों के साथ मिलकर अपने नाना की साड़ियों की दुकान संभालता था।
तुफैल से लिया वाराणसी समेत यूपी का डेटा नफीसा ने 2 साल के अंदर तुफैल को पूरी तरह से अपने शिकंजे में फंसा लिया था। खुद बातचीत के साथ उसने सेना में अफसर अपने पति से भी तुफैल की जान-पहचान करवा दी थी।
हालांकि, पति खुद सामने आकर बात नहीं करता था। नफीसा ने भारत आने की बात कहकर वहां की मशहूर इमारतों और चर्चित जगहों का डेटा, फोटो तुफैल से मांगा था। तुफैल के जरिए उसके परिवार और दोस्तों के बारे में जानकारी ली।
देश में अलग-अलग जगह तकरीर में मिलने वालों की चर्चा भी की। उन्हें मुहिम से जोड़ने को प्रेरित किया। कन्नौज की मजलिस, पंजाब के सरहिंद और बरेली की मजलिस में तुफैल ने कई विदेशी कनेक्शन बनाए, जिन्हें नफीसा से साझा किया।
सोशल प्लेटफॉर्म पर भड़काऊ बातें लिखता था तुफैल तुफैल अपने वॉट्सऐप ग्रुप पर लिखता कि पाकिस्तान ही नहीं, हिंदुस्तान के अलावा पूरी दुनिया को इस्लाम और शरिया कानून ही सही राह दिखा सकता है। बाबरी विध्वंस के विरोध में वीडियो शेयर कर वह अपने वॉट्सऐप ग्रुप्स पर कहता था कि जो सच्चा मुसलमान इस अन्याय को कभी नहीं भूलेगा, उसे अल्लाह एक दिन मौका जरूर देगा।

6 दिसंबर 1992 को बाबरी का विवादित ढांचा ढहाया गया था। तुफैल बाबरी विध्वंस के वीडियो स्टेटस पर लगाता था।
डेटा रिकवर कर रही ATS, कई मैसेज डिलीट मिले तुफैल और नफीसा घंटों की बातचीत के साथ ही अपनी चैटिंग डिलीट कर देते थे। कॉलिंग डिटेल भी डिलीट रखते थे। वॉट्सऐप चैट में चंद धार्मिक लिंक और तकरीर के अलावा कुछ नहीं रखते थे। हालांकि, कुछ फोटोज और चैट वॉट्सऐप बैकअप अपडेट करने पर ATS को मिल गए।
ATS को नफीसा के कई फोटो मिले हैं, हालांकि अभी इन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया है। अब तुफैल के मोबाइल का बैकअप पुलिस-ATS के लिए सबसे मजबूत आधार बनेगा। उसकी चैट से ATS ने लगभग 70% डेटा रिकवर कर लिया है। तुफैल का 100% बैकअप मिलते ही पता चल जाएगा कि अब तक पाक समेत विदेश को कितना डेटा भेजा है।
ATS को तुफैल की रिमांड का इंतजार तुफैल इस समय लखनऊ की जेल में बंद है। उसके मोबाइल, डायरी और किताबों की जांच के बाद ATS ने कई सवाल तैयार कर लिए हैं। अगले तीन दिनों में उसे रिमांड पर लेने की तैयारी है। उम्मीद है कि मंगलवार को रिमांड मंजूर हो सकती है। साथ ही तुफैल की निशानदेही पर 2 और लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।

तुफैल-नफीसा के 5 करीबियों से पूछताछ करेगी ATS पाकिस्तानी हैंडलर का नेटवर्क खंगालने में जुटी ATS ने तुफैल के करीबी, रिश्तेदारों और परिजनों की सूची तैयार की है। मंगलवार को ATS उसकी रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करेगी। इसके बाद एक सप्ताह की रिमांड मंजूर हो सकती है। तुफैल की रिमांड के बीच उसके पांच करीबियों से पूछताछ की जाएगी।
जरूरत पड़ने पर परिजनों और रिश्तेदारों से भी पूछताछ होगी। ATS की रडार में 19 वॉट्सऐप ग्रुप के पांच मोबाइल नंबर ऐसे मिले हैं, जिनसे सबसे ज्यादा तुफैल और नफीसा बात करते थे। इनमें वाराणसी, लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर के युवा शामिल हैं।

तुफैल ने नफीसा को पाकिस्तान भेजे गिफ्ट ATS की शुरुआती पूछताछ में सामने आया कि तुफैल वाराणसी में गोल गड्डा स्थित एक मदरसे में पढ़ाई कराता था। करीब 14 साल पहले उसने पढ़ाई छोड़ दी थी। मजलिसों में जाना शुरू कर दिया था। वह हिंदी और उर्दू लिख-पढ़ लेता है। उसने मोबाइल में ऐसे चैनल, साइट को फॉलो और सब्सक्राइब किया है, जिसमें धार्मिक रूप से उन्माद फैलाने वाले भाषण दिए जाते हैं।
ATS के अफसरों के मुताबिक, कस्टडी रिमांड के बाद उसे उन सभी जगहों पर ले जाया जाएगा, जहां वह पाकिस्तान के लोगों से मिला। उन दुकानों पर भी उसे ले जाया जाएगा, जहां से उसने नफीसा को देने के लिए गिफ्ट आइटम खरीदे। किस रास्ते और किस एजेंसी के माध्यम से उसने नफीसा को पाकिस्तान गिफ्ट भेजे, इसकी भी पड़ताल कराई जाएगी।
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