वारासिवनी की अदालत ने दुर्गा प्रसाद ठाकुर की हत्या में उसकी पत्नी सिंधु ठाकरे और प्रेमी शंकर हलमारे को उम्रकैद और अलग-अलग धाराओं में 3 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
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दरअसल, आरोपी शंकर गोंदिया (महाराष्ट्र) के नागरा का रहने वाला है। वहीं सिंधु वारासिवनी थाना क्षेत्र के गोपीटोला में रहती थी। इस मामले में पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की थी।
विशेष लोक अभियोजक ऋतुराज कुमरे के मुताबिक, 9 अप्रैल 2017 कोतुमाड़ी-गोपीटोला मार्ग पर दुर्गा प्रसाद ठाकरे के मर्डर की सूचना उसके साले सुरेन्द्र सोनवाने ने वारासिवनी थाने में दी थी। दुर्गा के गले, सिर पर गहरे चोट के निशान थे। घटना स्थल पर खून पड़ा था और शव से करीब 30 फीट दूर खून से सनी साइकिल पड़ी थी। साइकिल के पास ही चाकू का मुट्ढा और कुछ दूर पर खून लगा चाकू का फलक पड़ा था। दुर्गा के साले ने संदेह जाहिर किया था कि जीजा दुर्गा प्रसाद ठाकरे की 8 अप्रैल की रात हत्या कर फेंका गया है।पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि आरोपी शंकर हलमारे और सिंधु ठाकरे के बीच प्रेम संबंध था। इसका पता दुर्गा काे चल गया था। उसने इस पर आपत्ति जताई तो दोनों ने मिलकर उसे रास्ते से अलग करने का फैसला किया। इसके बाद मौका देखकर 8 अप्रैल की रात तुमाड़ी नाले के पास सुनसान रास्ते पर सिंधु ने कुल्हाड़ी से दुर्गा प्रसाद के सिर पर वार किए और जब वह जमीन पर गिर गया, तब शंकर ने चाकू से गर्दन पर वार किया। शव के पोस्टमॉर्टम के दौरान पूरे शरीर में कुल 23 घाव की बात सामने आई थी।
19 लोगों ने दी थी गवाही
कोर्ट में ट्रायल के दौरान अभियोजन की ओर से कुल 19 गवाह तथा वैज्ञानिक, मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए थे। केस में पेश किए गए सबूतों के आधार पर कोर्ट ने पाया कि साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से मृतक के शव को छिपाया गया था। जिस पर कोर्ट ने आरोपियों को विभिन्न धाराओं में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और अर्थदंड से दंडित किया।