नई दिल्ली31 मिनट पहले
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने वित्त वर्ष 2025-26 की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठकों का शेड्यूल जारी कर दिया है। अगले वित्तीय वर्ष में MPC की कुल 6 बैठकें होंगी, जिनमें से पहली बैठक 7-9 अप्रैल को होगी।

मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी क्या है? मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी में 6 सदस्य होते हैं। जिनमें से 3 RBI के होते हैं, जबकि बाकी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। समिति को प्राइस स्टेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए मॉनिटरी पॉलिसी बनाने के अलावा प्रमुख ब्याज दरें निर्धारित करने का काम सौंपा गया है।
रेपो रेट, जो बैंकों के ऋण और जमा दरों को निर्धारित करता है, MPC की बैठक के दौरान तय की जाती है। ये बैठक आमतौर पर हर दो महीने में होती है। घरेलू और आर्थिक स्थितियों पर चर्चा के बाद द्विमासिक मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा की जाती है। MPC के निर्णय सरकार को मुद्रा को स्थिर स्थिति में रखने और महंगाई को नियंत्रित करने में मदद करने में महत्व रखते हैं।
वर्तमान MPC के मेंबर
- RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा
- RBI के कार्यकारी निदेशक डॉ राजीव रंजन
- RBI के डिप्टी गवर्नर M राजेश्वर राव
- डॉ नागेश कुमार, डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव, औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान, नई दिल्ली
- सौगता भट्टाचार्य, अर्थशास्त्री
- प्रोफेसर राम सिंह, डायरेक्टर, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय
फरवरी में ब्याज दर में की थी कटौती इससे पहले चालू वित्त वर्ष यानी 2024-25 की आखिरी मीटिंग में RBI ने ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की थी। फरवरी में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया। ये कटौती करीब 5 साल बाद की गई।