जुलाई में होने वाले मानसून सत्र की तैयारियां वित्त विभाग ने शुरू कर दी हैं। वित्त विभाग की ओर से इस सत्र में पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा जिसके लिए सभी विभागों से अनुपूरक बजट संबंधी प्रस्ताव मांगे गए हैं। प्रस्तावों का परीक्षण करने के बाद वित्त मं
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वित्त विभाग ने वर्ष 2025-26 के पहले अनुपूरक बजट की तैयारियों के मद्देनजर सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि 13 जून तक वे अपने विभाग से संबंधित अनुपूरक बजट के प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दें। जीरो बेस बजट प्रणाली के आधार पर समीक्षा के बाद पूर्व में लंबित बिलों का भी बजट में प्रावधान किया जा चुका है। ऐसे में अब विभागों की जिम्मेदारी है कि तय प्रावधानों के अंतर्गत ही आईएफएमआईएस पर ऑनलाइन प्रस्ताव भेजें।
इस आधार पर मांगे बजट प्रस्ताव
- जिन विभागों के लिए राज्य की आकस्मिक निधि से एडवांस जारी किया गया हो।
- जिन विभागों के लिए वित्त विभाग द्वारा परमिशन दी गई है।
- जिन विभागों के लिए भारत सरकार या अन्य एजेंसी से वित्तीय सहायता या केंद्रांश मंजूर किया गया हो तथा जो तय मद से अलग न किया जा सकता हो और जिसके लिए अतिरिक्त संसाधन की व्यवस्था प्रशासकीय विभाग की अन्य योजनाओं में उपलब्ध राशि में कटौती कर बचत के रूप में नहीं दी जा सकती है।
- जिन विभागों द्वारा भारत सरकार के निर्देशों के आधार पर अलग से बजट लाइन खोलने की जरूरत है।
- भारत सरकार द्वारा स्वीकृति पाने वाले कार्यों के अतिरिक्त अगर किसी विभाग के लिए बजट की जरूरत है।
- वित्त विभाग ने साफ किया है कि ऐसे नए मद के प्रस्ताव मंजूर नहीं किए जाएंगे जिसमें राज्य के वित्तीय संसाधनों से अलग डिमांड की जा रही है। साथ ही वाहन खरीदी के लिए भी अनुपूरक बजट में प्रस्ताव शामिल नहीं होंगे।
पिछले साल खर्च राशि और बजट का ब्योरा भी देना होगा
अनुपूरक बजट के लिए राशि मांगने वाले को प्रस्ताव के साथ वित्त वर्ष 2024-25 का कुल बजट बताना होगा और कितनी राशि खर्च की गई है, यह जानकारी भी देना होगी। वर्ष 2025-26 में अब तक कुल कितना बजट विभाग को मिला है और कितना उपयोग किया गया है। कितनी और राशि की जरूरत है। इस तरह की जानकारी फार्मेट में मांगी गई है।