Monday, December 23, 2024
Monday, December 23, 2024
Homeराशिफलविदेश घूमने का हो सपना या फिर हो मनचाहा जीवनसाथी, हर मनोकामना...

विदेश घूमने का हो सपना या फिर हो मनचाहा जीवनसाथी, हर मनोकामना होगी पूरी, अमावस्या पर लगाएं भगवान शिव को ये भोग



हाइलाइट्स

इस वर्ष, 30 दिसंबर को सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है.अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है.

Somvati Amavasya 2024 : अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. यह दिन हर माह के अंत में आता है और विशेष रूप से पितरों को श्रद्धा और सम्मान देने के लिए जाना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या का दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने, पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है. इस दिन की गई पूजा-अर्चना से जीवन में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है. विशेष रूप से जब अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है, तो इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं, जो बहुत शुभ मानी जाती है. इस वर्ष, 30 दिसंबर को सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है, जो कि विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए खास है.

सोमवती अमावस्या का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन भगवान शिव, श्री हरि विष्णु और पितरों की पूजा का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन उपासना और पितरों के तर्पण से न केवल आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है. इस दिन यदि विशेष रूप से पूजा थाली में भोग रखा जाए, तो यह पितरों और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम तरीका माना जाता है. भोग में क्या लगाएं आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

यह भी पढ़ें – Vastu For Swords: घर के मुख्य द्वार पर सजा रखी है तलवार? जान लें इससे जुड़े वास्तु के नियम, इस ग्रह से संबंध

सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव को लगाएं ये भोग
सोमवती अमावस्या के दिन पूजा करने के बाद, पूजा थाली में भगवान शिव और श्री हरि को भोग अर्पित करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. भोग में हलवा, दही, शहद, दूध, सफेद मिठाई, पंचामृत और भांग जैसे पदार्थ रखे जाते हैं. यह माना जाता है कि भगवान शिव इन पदार्थों से प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इसके साथ ही, पितरों को खीर और तिल का भोग अर्पित किया जाता है, जो पितृ दोष के निवारण में मदद करता है और पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है.

सोमवती अमावस्या के विशेष मुहूर्त
इस दिन पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए विशेष मुहूर्त का पालन करना भी जरूरी है. पंचांग के अनुसार, इस बार सोमवती अमावस्या की तिथि 30 दिसंबर को सुबह 04:01 बजे से शुरू होकर 31 दिसंबर को 03:56 बजे तक रहेगी. विशेष मुहूर्त में पूजा करने से बहुत ज्यादा लाभ मिलता है.

– ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:24 से 06:19 तक
– विजय मुहूर्त: दोपहर 02:07 से 02:49 तक
– गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:32 से 05:59 तक
– अमृत काल: शाम 05:24 से 07:02 तक

इन मुहूर्तों के दौरान पूजा करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है और भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है.

कैसे करें पूजा?
1. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में सबसे पहले स्नान करके शुद्ध हो जाएं. उसके बाद पूजा स्थान पर दीप जलाएं और शिवलिंग पर ताजे पानी से स्नान कराएं. अब पूजा में भगवान शिव को हलवा, दूध, शहद और अन्य भोग अर्पित करें.

पितरों का तर्पण करें
पितरों के तर्पण के लिए तिल और खीर का भोग अर्पित करें. अंत में, भगवान शिव और पितरों के प्रति श्रद्धा भाव से प्रार्थना करें और मानसिक शांति के लिए ध्यान लगाएं.

यह भी पढ़ें – Tulsi Puja Diwas 2024: ना सिर्फ पितृ दोष, बल्कि आर्थिक तंगी भी दूर करता है ये उपाय, तुलसी में तिल चढ़ाने के हैं कई लाभ

इन मंत्रों का करें जा

1. ॐ पितृ देवतायै नम:.
2. ॐ आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम’
3. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात.
4. ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्.
5. ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च
नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular