Monday, June 16, 2025
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विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए 10 प्रकार का अवकाश निर्धारित – Jamui News



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सरकार ने सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए अवकाश प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी एवं ऑनलाइन कर दिया है। अब 23 जून के बाद किसी प्रकार के अवकाश से संबंधित आवेदन ऑफलाइन माध्यम से स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस संबंध में सरकार के उप सचिव ने डीईओ को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है।

निर्देश के अनुसार शिक्षकों को अब अवकाश के लिए शिक्षा विभाग के पोर्टल पर ही आवेदन करना होगा। जिला स्तर पर अनुमोदन की प्रक्रिया भी पोर्टल पर पूरी की जाएगी। विभाग का कहना है कि इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और अवकाश मंजूरी में अनियमितता नहीं होगी। साथ ही शिक्षकों को समय पर अवकाश की स्वीकृति मिल सकेगी। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए प्रमुख 10 प्रकार के अवकाशों को मान्यता दी है। इनमें आकस्मिक अवकाश जो वर्ष में अधिकतम 16 दिन ही मान्य होगा, विशेष आकस्मिक अवकाश, मातृत्व अवकाश, शिशु देखभाल अवकाश, पितृत्व अवकाश, उपार्जित अवकाश, आधे वेतन पर अवकाश, रूपांतरित अवकाश, असाधारण अवकाश एवं अदेय अवकाश शामिल हैं। उपरोक्त सभी प्रकार के अवकाश को लेकर विभाग द्वारा अलग अलग मापदंड एवं दिशा निर्देश जारी किया गया है।विभाग का मानना है कि अवकाश को लेकर किया गया बदलाव अवकाश की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने और डिजिटल प्रक्रिया को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। साथ ही डीईओ को निर्देश दिया गया है कि वे शिक्षकों को इस नई व्यवस्था की जानकारी दें और पोर्टल पर आवेदन की प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करें।

भास्कर न्यूज | जमुई रविवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के आदेशानुसार मलयपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र वार्ड संख्या 14 में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना था। वक्ताओं ने बताया कि कानून का पहला आधार वचन है,अच्छाई करनी चाहिए और बुराई से बचना चाहिए, जिसका सीधा संबंध न्याय से है। कानून का मुख्य उद्देश्य समाज में अच्छाई को बढ़ावा देना और बुराई को रोकना है, ताकि हर व्यक्ति बिना भेदभाव के सम्मानपूर्वक जीवन जी सके। शिविर में उपस्थित ग्रामीणों को आगामी 13 सितंबर को आयोजित होने वाली लोक अदालत की जानकारी दी गई। वक्ताओं ने ग्रामीणों से अपील की कि वे इस अवसर का लाभ उठाकर अपने लंबित मामलों का निपटारा अवश्य कराएं।कार्यक्रम का सफल संचालन अधिवक्ता हिमांशु कुमार पांडेय ने किया। उनके साथ पीएलवी विजय ठाकुर, रमेश गुप्ता, कंचन पांडेय, अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह, चंदन पांडेय, अजीत पांडेय, प्रदीप ठाकुर, टनटन साव, सोनू पासवान और कुंदन उपस्थित रहे। इस अवसर पर वार्ड सदस्य सरिता देवी, आंगनबाड़ी सेविका दर्शना कुमारी, दर्जनों ग्रामीण महिला, पुरुष और बच्चे भी शामिल हुए। सभी ने विधिक अधिकारों को समझने और समाज में न्याय की भावना को मजबूत करने की दिशा में इस शिविर को एक महत्वपूर्ण पहल बताया।



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