भिंड जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग के
भिंड जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण आहार वितरण में अनियमितताओं के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) संजय जैन को विभाग ने निलंबित कर दिया है। निलंबन का प्रमुख कारण विधानसभा में आंगनबाड़ी औ
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भिंड जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित किए जाने वाले पोषण आहार के लिए स्व-सहायता समूहों को कानूनी नियमों को नजरअंदाज कर ठेके दिए गए। इस मामले को भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह और गोहद विधायक केशव देसाई ने विधानसभा में उठाया था।
विभाग की ओर से इन प्रश्नों के असंतोषजनक उत्तर दिए गए। जब जांच में पता चला कि विधानसभा को गलत जानकारी भेजी गई थी, तब भोपाल से डीपीओ संजय जैन को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया।
कुपोषण के मामलों में वृद्धि
डीपीओ संजय जैन के कार्यकाल के दौरान भिंड जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति बिगड़ गई थी। दैनिक भास्कर ने इस संबंध में “भिंड में एक साल में बढ़े 4700 कुपोषण के केस: आंगनबाड़ी केंद्रों पर लटक रहे ताले; पोषण आहार की आड़ में घोटाले का आरोप” शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
भिंड जिले के जनप्रतिनिधियों को लगातार आंगनबाड़ी केंद्रों की खराब स्थिति की शिकायतें मिल रही थीं। पोषण आहार में घोटाले की आशंका को लेकर विधानसभा में प्रश्न उठाए गए, लेकिन जवाब गलत और भ्रामक पाए गए। इसके बाद डीपीओ संजय जैन के खिलाफ कार्रवाई की गई।
निलंबन की अवधि के दौरान संजय जैन को शहडोल संभाग में पदस्थ किया गया है। शासन के नियमानुसार, उन्हें जीवन-निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक डीके सिद्धार्थ ने दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए कहा-
विधानसभा में जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए प्रश्नों की गलत जानकारी भिंड से भेजी गई थी। इसी कारण जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय जैन को निलंबित किया गया है।
संयुक्त संचालक ने की पुष्टि
महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक डीके सिद्धार्थ ने दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए कहा, “विधानसभा में जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए प्रश्नों की गलत जानकारी भिंड से भेजी गई थी। इसी कारण जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय जैन को निलंबित किया गया है।”