पिछले 5 दिन से मऊगंज जिला प्रदेश भर में चर्चा में है। भाजपा विधायक प्रदीप पटेल मंदिर से लगी जमीन पर अतिक्रमण हटाने को लेकर अड़े हैं। जेसीबी लेकर पहुंच गए। पत्थरबाजी हुई। 19 नवंबर को हुई पत्थरबाजी के बाद तीन दिन तक विधायक को रीवा, चौथे दिन नईगढ़ी के रेस
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इधर, स्थानीय लोग भी हटने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि विधायक ने जहां अतिक्रमण बताया है, वहां वर्षों से रहते आ रहे हैं। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जमीन का पट्टा भी दिया था। पिछले चार दिन से यहां 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं।
दैनिक भास्कर ने ग्राउंड पर जाकर देखा। वहां रहने वाले लोगों, प्रशासन से जुड़े अफसरों, विधायक और हिंदूवादी संगठन के लोगों से बात की। जाना कि आखिर विवाद की शुरुआत कैसे हुई…।
भाजपा विधायक को हिरासत में नई गढ़ी रेस्ट हाउस लाया गया। उन्हें अलग कमरे में रखा।
राजस्व रिकॉर्ड में सरकारी जमीन, इसी पर विवाद जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर मऊगंज–बनारस रोड पर देवरा गांव है। यहां ओवरब्रिज बना है। इसी ब्रिज के नीचे से देवरा महादेवन मंदिर के लिए रास्ता जाता है। गांव में अंदर जाते समय पहले सड़क है। इसी जगह कुल 9 एकड़ 27 डिसमिल जमीन है। इसमें कुछ पर मकान, सड़क और कुछ खाली जमीन है। खाली पड़ी जमीन पर ग्राम पंचायत ने बाउंड्री बना दी है।
सड़क के एक तरफ लगी बाउंड्री के अंदर शिव मंदिर है। दूसरी तरफ बस्ती है। यहां मुस्लिम और दलित समाज के करीब 45 से 50 घर हैं। यहां कच्चे-पक्के मकान बने हैं। कुछ पीएम आवास योजना के हैं। इसके अलावा भी लोगों ने पक्के मकान बनवा लिए हैं। राजस्व रिकॉर्ड में यह भूमि सरकारी है। लोगों ने यहां कई साल पहले कब्जा करके घर बनाए हैं। भाजपा विधायक प्रदीप पटेल इन्हीं मकानों को हटाने की मांग कर रहे हैं।
19 नवंबर को दूसरे पक्ष ने विरोध में पथराव शुरू कर दिया था।
बैरिकेड्स लगे, 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात देवरा गांव में बीएनएस की धारा 163 (पहले धारा 144) लागू है। गांव के बाहर पुलिसकर्मी तैनात हैं। गांव में हर आने-जाने वाले से पूछताछ की जा रही है। घटनास्थल के आसपास 300 से ज्यादा जवान पिछले 5 दिन से 24 घंटे डटे हैं।जिस जगह विवाद हुआ, वहां जालियों से कवर्ड कर दिया गया है। चारों ओर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं।
एक तरफ का रास्ता ब्लॉक कर दिया है। वहां किसी को भी नहीं जाने दिया जा रहा। इसी के पास ग्राउंड पर पुलिसकर्मियों ने कैंप कर रखा है। ठंड में यहां पुलिसकर्मियों को स्कूल में ठहराया गया है। एडिशनल एसपी, डीएसपी, एसडीओपी, थाना प्रभारी समेत 30 अधिकारियों और 250 से ज्यादा बल तैनात है। संदिग्ध लोगों पर भी नजर रखी जा रही है।
जिस जगह विवाद हुआ, वहां एक तरफ का रास्ता जाली लगाकर बंद कर दिया गया है।
लोग बोले- पहले अतिक्रमण नजर नहीं आया देवरा गांव की रहने वाली पार्वती साकेत (62) कहती हैं- ‘ पिछले 55 साल से हम यहां रह रहे हैं। सात साल पहले मेरे पति दुर्गा साकेत के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना का घर भी मिला हुआ है। फिर भी बेदखली की साजिश की जा रही है।’
वहीं, गुड़िया साकेत बताती हैं, ‘हमारे सास-ससुर 50 साल से यहां रह रहे हैं। शादी के बाद मुझे रहते यहां 35 साल हो गया। पति को प्रधानमंत्री आवास योजना का घर मिला है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह की ओर से पट्टा भी दिया गया है। अब कुछ लोग यहां से हटने के लिए धमका रहे हैं। हम परिवार को लेकर कहां जाएंगे।’
वहीं, मीना साकेत ने बताया, ‘हम यहां लंबे समय से रह रहे हैं। इसका पट्टा भी दिया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना का घर भी मिला है। परिवार के सभी सदस्यों के साथ रह रही हूं। आखिर, इस तरह हटाने की साजिश की जा रही है। सरकार ने आवास भी दिया है। घर देकर अब हटाया जा रहा है।
रब्बतून निशा (55) ने कहा कि मुझे भी मुख्यमंत्री ने जमीन का पट्टा दिया था। क्या सरकार के दिए गए पट्टे का भी महत्व नहीं है। पिछले 50 साल से ज्यादा समय से यहां रह रहे हैं। अब कहां जाएंगे। वहीं, हकीकुन निशा (32) ने बताया, ‘यहां स्थायी तौर पर सास-ससुर का घर बना था। मैं शादी करके यहीं आई थी। अब सच्चाई तो राजस्व के अधिकारी ही बता सकते हैं।’
हिंदूवादी नेता बोले- प्रशासन से भरोसा उठ गया जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाने की कोशिश में जुटे हिंदूवादी नेता संतोष तिवारी कहते हैं – 19 नवंबर को विधायक प्रदीप पटेल को मौके पर हमने ही बुलाया था। पहले अतिक्रमण हटाने को लेकर कलेक्टर से मुलाकात की थी। कलेक्टर ने 2 महीने का समय मांगा था। कहा था कि आप 3 महीने का समय ले लीजिए।
3 महीने बाद भी जब अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो प्रशासन से भरोसा उठ गया। इसके बाद प्रशासन को 16 नवंबर का अल्टीमेटम दिया था। कहा था कि ऐसा नहीं होने पर हम मिलकर अतिक्रमण हटा देंगे। 16 नवंबर से धरने पर भी बैठे, फिर भी आवाज नहीं सुनी गई।
विधायक प्रदीप पटेल पार्टी के कामों में व्यस्त थे, जिस वजह से वे 19 नवंबर को मौके पर पहुंचे। हमारे साथ प्रशासनिक टीम मौजूद थी। जैसे ही विधायक पहुंचे, दूसरे पक्ष के लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। विवादित बाउंड्री के दोनों तरफ 500 से ज्यादा लोग थे। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता भी इसे लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन दे चुके हैं।
विधायक बोले- घटना के लिए प्रशासन जिम्मेदार विधायक प्रदीप पटेल ने बताया कि 17 नवंबर से लगातार अनशन चल रहा था। विवादित बाउंड्री को गिराए जाने की मांग की जा रही थी, लेकिन कोई भी अधिकारी और कर्मचारी और न ही एसपी-कलेक्टर मौके पर पहुंचे, जिसकी वजह से लोग नाराज थे।
अगर लगातार अनशन चल रहा था तो प्रशासनिक टीम को वहां पर पहुंचकर लोगों से बातचीत करनी चाहिए थी। उनकी समस्या को जानना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस वजह से खुद ही लोगों ने समस्या का निदान करने की कोशिश की। इस घटना के लिए पूरी तरह से प्रशासन जिम्मेदार है।
विधायक का आरोप- पाकिस्तानी झंडे लगाए गए थे विधायक प्रदीप पटेल ने आरोप लगाया कि मौके पर पाकिस्तानी झंडे लगाए गए थे। वहां पर पाकिस्तान के झंडे बेचे जा रहे हैं। इतना ही नहीं पाकिस्तान के नारे लगाए जा रहे। कई लोगों पर मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। मैं हिंदू समाज के साथ मिलकर इस लड़ाई को लडूंगा। पुलिस और प्रशासन के लोग ही बता सकते हैं कि आखिरकार मेरे ऊपर क्या मुकदमा लगाया गया। मुझे क्यों नजरबंद करके रखा गया।
अब प्रशासन से मेरा कोई सवाल भी नहीं है। मैं जैसे ही यहां से छूटूंगा, फिर वही करूंगा जो करने मैं गया था। कांग्रेस क्या कह रही है, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरा एक ही लक्ष्य है कि मैं यहां से मुक्त होते ही दोबारा अतिक्रमण मुक्त करवाने जाऊं।
तहसील कोर्ट में याचिका खारिज, हाईकोर्ट में चुनौती यहां रहने वाले लोगों को प्रशासन की ओर से एक साल पहले नोटिस जारी किया गया। इसके बाद 32 लोगों ने हनुमना तहसील कोर्ट में याचिका लगा दी। हनुमना तहसील कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। 3 सितंबर 2024 को इनमें से 25 लोगों ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।
हाईकोर्ट में स्थानीय निवासियों की पैरवी करने वाले वकील देशराज कुशवाह ने बताया कि जो पट्टा अलॉट हुआ है, वह सरकार ने किया है। उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 248 के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती। जब तक पट्टा निरस्त नहीं होगा, तब तक एक्शन नहीं लिया जा सकता।
यह जो कार्रवाई की गई थी, वह जानबूझ कर की गई। नियम को ताक पर रखकर की गई। इस मामले में 22 नवंबर को 10 लोगों की सुनवाई हुई। कोर्ट ने इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अभी स्टे लगा दिया है। फिलहाल, आदेश की कॉपी ऑनलाइन अपलोड नहीं हुई।
विधायक प्रदीप पटेल (बाएं) से मिलने रीवा में मऊगंज के प्रभारी मंत्री लखन पटेल पहुंचे थे।
कांग्रेस बोली- अतिक्रमण हटाना प्रशासन का काम मऊगंज कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद्यमेश गौतम ने कहा, मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण आज का नहीं है। वर्षों पहले से विवाद चल रहा है। इसके पहले, कांग्रेस व दूसरे विधायक रहे, सभी ने शांति से काम लेने का प्रयास किया। अतिक्रमण हटाना प्रशासन का काम है, लेकिन यहां भाजपा विधायक खुद बुलडोजर लेकर पहुंच गए। मामले में सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई है। विधायक क्षेत्र में कोई काम नहीं करा पा रहे। विफलता छिपाने के लिए सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ रहे हैं।’
एसडीएम बोले– नोटिस की समय अवधि 29 नवंबर है
हनुमना एसडीएम कमलेश पुरी ने बताया कि देवरा महादेवन की मध्य प्रदेश शासन की 3.064 हेक्टेयर भूमि है, जिस पर अतिक्रमण है। जिस आक्रमण की भूमि के रहवासियों को 8 नवंबर को नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस 14 नवंबर को लोगों को तामील हो गया है। नोटिस की समय अवधि 29 नवंबर तक है।
रीवा कमिश्नर वीएस जामोद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार 15 दिन का नोटिस दिया गया था। कोर्ट ने भी इसे अवैध माना है। समयावधि पूरी होते ही कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में सावधानी बरतना आवश्यक होती है। प्रशासन की ओर से लापरवाही नहीं की गई है।
नईगढ़ी रेस्ट हाउस के पास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
सोमवार को हुए विवाद की 8 तस्वीरें…
सोमवार को दीवार तोड़ने के दौरान सामने से दूसरे पक्ष ने पथराव शुरू कर दिया था।
इसके बाद दोनों पक्षों की ओर से पत्थरबाजी होने लगी।
लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में एक-दूसरे पर जमकर पत्थर बरसाए।
दोनों ओर से हुई पत्थरबाजी में तीन लोग घायल हो गए हैं।
कलेक्टर-एसपी जब विधायक पटेल से मिलने पहुंचे तो उन्होंने दोनों को पहले प्रणाम किया था।
विधायक प्रदीप पटेल अपने सामने ही अतिक्रमण हटाने की बात पर अड़े रहे।
भाजपा विधायक प्रदीप पटेल को वज्र वाहन में बैठाकर पुलिस रीवा ले गई थी।
हंगामे के दौरान किसी ने झोपड़ियों में आग लगा दी थी। पथराव करते भी दिखे।
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भाजपा विधायक बोले-जब तक अतिक्रमण नहीं हटता, अन्न नहीं खाऊंगा
रीवा में दो दिन तक नजरबंद रहे मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल गुरुवार रात को पुलिस से झड़प कर भाग गए। वे समर्थकों के साथ सीधे देवरा गांव के महादेवन मंदिर पहुंच गए। जहां पुलिस ने उन्हें दोबारा हिरासत में ले लिया। गुरुवार रात को हुए इस घटनाक्रम से पहले दैनिक भास्कर ने विधायक पटेल से बात की। उन्होंने कहा कि जब तक मौके पर जाकर अतिक्रमण को गिरा नहीं देता, तब तक अन्न का एक दाना ग्रहण नहीं करूंगा। मैं यहां से छूटते ही अतिक्रमण हटाने हथौड़ा लेकर जाऊंगा। पढ़ें पूरी खबर
अतिक्रमण विवाद में बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल नजरबंद
रीवा के मऊगंज में मंदिर से लगी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर बवाल हो गया। भाजपा विधायक प्रदीप पटेल मंगलवार शाम अतिक्रमण हटाने के लिए जेसीबी लेकर पहुंच गए। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और दूसरे पक्ष की ओर से एक-दूसरे पर पथराव किया गया। पढ़ें पूरी खबर