Friday, April 18, 2025
Friday, April 18, 2025
Homeदेशविपक्ष की मांग-डीपीडीपी एक्ट की धारा 44 (3) निरस्त हो: INDIA...

विपक्ष की मांग-डीपीडीपी एक्ट की धारा 44 (3) निरस्त हो: INDIA ब्लॉक के 130 सांसदों का दावा- यह RTI को नष्ट करता है


नई दिल्ली9 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

प्रेस कॉन्फ्रेंस में गौरव गोगोई के अलावा एमएम अब्दुल्ला (डीएमके), प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना-यूबीटी), जॉन ब्रिटास, (सीपीआई-एम), जावेद अली खान, (एसपी) और नवल किशोर (आरजेडी) भी शामिल हुए।

विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ब्लॉक ने गुरुवार को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (DPDP) की धारा 44 (3) को निरस्त करने की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि यह सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम को नष्ट करती है।

INDIA ब्लॉक के 120 से ज्यादा सांसदों ने इस धारा को निरस्त करने की मांग वाले ज्ञापन पर साइन किए। इनमें राहुल गांधी, अखिलेश यादव, जॉन ब्रिटास, टीआर बालू जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसे सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को सौंपा जाएगा।

इंडिया ब्लॉक नेताओं की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि हम सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के सामने इस मुद्दे को उठाएंगे।

DPDP यानी डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन विधयेक 7 अगस्त 2023 को लोकसभा से और 9 अगस्त 2023 को राज्यसभा में पारित हुआ था। विधेयक को 11 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी।

हालांकि, विधेयक को लेकर उसी सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसे 10 अगस्त 2023 को लोकसभा में खारिज कर दिया गया।

विपक्ष का आरोप- RTI से जो अधिकार मिले, वह छिन रहे

प्रेस कॉन्फ्रेंस में गौरव ने कहा- मैं मीडिया से 2019 की जेपीसी रिपोर्ट देखने की अपील करता हूं। इसमें जो प्रावधान लाए गए हैं, उनमें से कई JPC की सिफारिशों के उलट हैं। यहां तक कि डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड ने भी इस बारे में सिफारिशें दी हैं कि सदस्यों की नियुक्ति कैसे की जानी चाहिए, जैसे कि उचित परिश्रम सुनिश्चित करने के लिए अटॉर्नी जनरल को शामिल करना। लेकिन इनमें से कुछ भी कानून में शामिल नहीं किया गया है।

गौरव ने कहा- जब विपक्ष मणिपुर संकट का विरोध कर रहा था, तब इस कानून को जल्दबाजी में बनाया गया था। सरकार का इरादा आरटीआई को खत्म करने का था। सिर्फ आरटीआई ही नहीं, यूपीए सरकार के दौरान के कई कानून जिन्होंने शासन को बदल दिया था, आज मोदी सरकार उन्हें कमजोर कर रही है।

गौरव ने आरोप लगाया कि सरकार ने बहुत ही गुप्त रूप से, दुर्भावनापूर्ण और शरारती तरीके से, नागरिकों के सूचना के अधिकार को डीपीडीपी अधिनियम लाकर छीन लिया है।

विपक्ष क्यों RTI और DPDP एक्ट का मुद्दा उठा रहा है

RTI अधिनियम की धारा 8(1)(j) के मुताबिक कोई सूचना पर्सनल हो, और उसका जनहित या सार्वजनिक गतिविधि से कोई लेना-देना न हो, या वह निजता का उल्लंघन करती हो, तो उसे रोका जा सकता है। लेकिन, सूचना अधिकारी यह मानता है कि जानकारी जनहित में है, तो वह सूचना दी जानी चाहिए।

DPDP अधिनियम की धारा 44(3) ने इस RTI की धारा 8(1)(j) को बदल दिया है। बदलाव के बाद अगर कोई सूचना पर्सनल है, तो उसे किसी भी हालत में शेयर नहीं किया जा सकता, चाहे वह जनहित में हो या नहीं।

खबरें और भी हैं…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular