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गोस्सनर कलीसिया ने बुधवार को प्रथम बपतिस्मा की स्मृति में कलीसिया का बाल दिवस मनाया। इसी दिन मार्था को पादरी इमिल वत्स ने बपतिस्मा संस्कार दिया था। इस अवसर पर जीईएल चर्च कब्रिस्तान में मार्था के कब्र के सामने विशेष प्रार्थना की गई। पादरी अनुप जॉली भेंगरा ने प्रार्थना की अगुवाई की। बिशप सीमांत तिर्की ने अपने उपदेश में कहा कि आज हम कलीसिया का बाल दिवस मना रहे हैं। आज बच्चों के लिए सोचे और कार्ययोजना बनाकर सामूहिक तौर पर मंडलियों में या व्यक्तिगत तौर पर काम करें। कलीसिया ने शुरू से ही बच्चों की शिक्षा के लिए काम किया है। आज हम बच्चों के लिए क्या कर सकते हैं यह सोचने का विषय है। येसु मसीह कहते हैं कि फिरों और बच्चों के समान बनो, तभी स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर पाओगे।
अर्थात बच्चों के समान कोमल, सरल, निश्छल और साफ हृदय का बनने की बात कही। कहा कि बच्चों को आध्यात्मिकता में आगे बढ़ाने के साथ अनाथ बच्चों के लिए काम करने की जरूरत है। अपने परिवार तक सीमित न हो, बल्कि दूसरों के लिए भी सोंचे। पादरी अनुप जॉली भेंगरा ने इस दिन के इतिहास के बारे में बताया। विश्वासियों ने मार्था की कब्र पर फूल चढ़ाए। मौके पर चर्च सेक्रेटरी अमित लकड़ा, पादरी निरल बागे, पादरी ममता बिलुंग और अन्य विश्वासी मौजूद थे।