जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह को एक बार फिर विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची में जगह मिली है। यह सूची प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई है, जिसमें 2024 के लिए उनके साथ विश्वविद्य
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प्रो. वंदना सिंह का नैनोटेक्नोलॉजी में योगदान
प्रो. वंदना सिंह ने पॉलीमर और बायोपॉलीमर नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विशेष रूप से, उन्होंने पॉलिसैकेराइड आधारित नैनो पदार्थ के संश्लेषण, वर्णन और अनुप्रयोगों पर सराहनीय शोध किया है। प्रो. सिंह को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और फैलोशिप प्राप्त हुई हैं, जिसमें एडवांस्ड मटेरियल लेटेस्ट पत्रिका का सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार ‘एएमएल मेडल’ भी शामिल है। उन्होंने अब तक 29 विद्यार्थियों का पीएचडी में मार्गदर्शन किया है और वर्तमान में तीन छात्रों का शोध निर्देशन कर रही हैं। कुलपति बनने से पहले, वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रसायन विभाग की अध्यक्ष पद पर कार्यरत थीं।
डॉ. सुधीर उपाध्याय और डॉ. मिथिलेश यादव की उपलब्धियाँ
डॉ. सुधीर उपाध्याय के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च कोटि के 90 शोध पत्र स्कोपस में प्रकाशित हो चुके हैं, और उनका गूगल स्कॉलर साइटेशन 3000 से अधिक है। उनके तीन पुस्तकों और कई अंतरराष्ट्रीय लेखों का भी प्रकाशन हुआ है। उन्हें रूस की साउदर्न फेडरल यूनिवर्सिटी द्वारा विजिटिंग प्रोफेसर का सम्मान प्राप्त हुआ है।
रज्जू भैय्या संस्थान के डॉ. मिथिलेश यादव के 70 से अधिक शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने एमडीपीआई के “पॉलिमर” जर्नल में संपादक के रूप में भी कार्य किया है और वर्तमान में बायोपॉलिमर नैनोकम्पोजिट पर शोध कर रहे हैं। उनके गूगल साइटेशन स्कोर 2808 और h-इंडेक्स 29 हैं। वर्तमान में वे तीन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, जिनकी कुल अनुदान राशि 30 लाख रुपये है।
शिक्षकों को बधाई
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, उप कुलसचिव दीपक सिंह सहित अन्य शिक्षकों ने उन्हें बधाई दी है।