Sunday, March 23, 2025
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विश्व जल दिवस पर विशेष:खतरनाक माइंस से पीने का पानी लेने को मजबूर ग्रामीण, नगर निगम ने दिया टैंकर जलापूर्ति का आश्वासन

धनबाद,–धनबाद के बेड़ा कोलियरी बस्ती के हजारों लोग सिरमुहन ( सीढ़ीनुमा ) माइंस के दीवार से रेसता हुआ पानी को पत्ता लगाकर बाल्टी और गैलन में भरा जाता है। कोयलांचल में पानी की समस्या ऐसी है कि लोग जान हंथेली पर रख कर बूंद बूंद पानी भरते हैं। बीसीसीएल द्वारा खतरनाक घोषित की गई बंद माइंस से पानी भरने को मजबूर ग्रामीण महिलाएं अपनी जान जोखिम में डालकर जल संग्रह कर रही हैं। कभी कोयला उत्पादन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इन माइंस में अब महिलाएं जीवनयापन के लिए पानी लेने को विवश हैं।

बीसीसीएल प्रबंधन ने माइंस को बंद कर दिया है और इसके अंदर प्रवेश पर रोक लगा रखी है, लेकिन स्थानीय लोगों के पास कोई अन्य विकल्प नहीं होने के कारण महिलाएं रिसने वाले पानी को पीने और घरेलू कामों के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। पानी गिरने वाले मुहाने पर पत्ते लगाकर महिलाएं बाल्टी, टब और डेकची से घंटों तक पानी भरने का काम करती हैं।

स्थानीय महिलाओं ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि चुनाव के समय नेता आते हैं और पानी की समस्या दूर करने का आश्वासन देकर चले जाते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही कोई झांकने तक नहीं आता।

नगर निगम क्षेत्र में आने के बावजूद इस बस्ती की पानी की समस्या पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था। हालांकि, नगर आयुक्त रविराज शर्मा ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा है कि जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या होगी, वहां टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति की जाएगी।

अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान निकालता है या फिर यह आश्वासन भी चुनावी वादों की तरह धुंधला हो जाएगा।

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