Thursday, June 19, 2025
Thursday, June 19, 2025
Homeराशिफलविष्णु कृपा के लिए करें श्री नारायण स्तोत्र का पाठ, पूरी होंगी...

विष्णु कृपा के लिए करें श्री नारायण स्तोत्र का पाठ, पूरी होंगी मनोकामनाएं, जानें ये 5 फायदे


भगवान विष्णु इस संसार के पालनहार हैं. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. वे अपने भक्तों के पाप मिटाते हैं और मोक्ष प्रदान करते हैं. यदि आपको भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करनी है तो आपको गुरुवार के दिन श्री नारायण स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. पाठ करने के लिए आपको सबसे पहले स्नान आदि से निवृत होकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. भगवान विष्णु को पंचामृत, तुलसी के पत्ते, हल्दी, पीले फूल, धूप, दीप, अक्षत्, चंदन आदि अर्पित करें. विष्णु चालीसा और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. फिर श्री नारायण स्तोत्र का पाठ करें. श्री नारायण स्तोत्र संस्कृत में लिखा है तो पढ़ते समय इसका सही से उच्चारण करें. आइए जानते हैं श्री नारायण स्तोत्र और इसके पाठ से होने वाले लाभ के बारे में.

नारायण स्तोत्र पाठ करने के फायदे

1. नारायण स्तोत्र का पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. विष्णु कृपा से व्यक्ति आध्यात्म की ओर आगे बढ़ता है.

2. जो नारायण स्तोत्र का पाठ करता है, उसके आर्थिक संकट मिटते हैं और मानसिक तनाव दूर होता है.

3. नारायण स्तोत्र का पाठ करने से रोग, भय और पापों का नाश होता है.

4. नारायण स्तोत्र पढ़ने से परिवार में सुख, शांति और प्रेम बढ़ता है.

5. जो लोग नारायण स्तोत्र का पाठ करते हैं, उनके जीवन में विष्णु कृपा से स्थायित्व, विजय और सुख प्राप्त होता है.

श्री नारायण स्तोत्र

नारायण नारायण जय गोपाल हरे॥
नारायण नारायण जय गोपाल हरे॥

करुणापारावारा वरुणालयगम्भीरा॥
घननीरदसंकाशा कृतकलिकल्मषनाशा॥

यमुनातीरविहारा धृतकौस्तुभमणिहारा ॥
पीताम्बरपरिधाना सुरकल्याणनिधाना॥

मंजुलगुंजा गुं भूषा मायामानुषवेषा॥
राधाऽधरमधुरसिका रजनीकरकुलतिलका॥

मुरलीगानविनोदा वेदस्तुतभूपादा॥
बर्हिनिवर्हापीडा नटनाटकफणिक्रीडा॥

वारिजभूषाभरणा राजिवरुक्मिणिरमणा॥
जलरुहदलनिभनेत्रा जगदारम्भकसूत्रा॥

पातकरजनीसंहर करुणालय मामुद्धर॥
अधबकक्षयकंसारेकेशव कृष्ण मुरारे॥

हाटकनिभपीताम्बर अभयंकुरु मेमावर॥
दशरथराजकुमारा दानवमदस्रंहारा॥

गोवर्धनगिरिरमणा गोपीमानसहरणा॥
शरयूतीरविहारासज्जनऋषिमन्दारा॥

विश्वामित्रमखत्रा विविधपरासुचरित्रा॥
ध्वजवज्रांकुशपादा धरणीसुतस्रहमोदा॥

जनकसुताप्रतिपाला जय जय संसृतिलीला॥
दशरथवाग्घृतिभारा दण्डकवनसंचारा॥

मुष्टिकचाणूरसंहारा मुनिमानसविहारा॥
वालिविनिग्रहशौर्यावरसुग्रीवहितार्या॥

मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर॥
जलनिधिबन्धनधीरा रावणकण्ठविदारा॥

ताटीमददलनाढ्या नटगुणगु विविधधनाढ्या॥
गौतमपत्नीपूजन करुणाघनावलोकन॥

स्रम्भ्रमसीताहारा साकेतपुरविहारा॥
अचलोद्घृतिद्घृञ्चत्कर भक्तानुग्रहतत्पर॥

नैगमगानविनोदा रक्षःसुतप्रह्लादा॥
भारतियतिवरशंकर नामामृतमखिलान्तर॥

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular