असद सरकार गिरने के बाद सीरिया में पहला बड़ा त्योहार क्रिसमस आया है। जश्न की तैयारी हो चुकी है। मार्केट में भीड़ है, चर्च सज गए हैं। तख्तापलट के 10 दिन बाद ही 19 दिसंबर से क्रिसमस मार्केट खुल गए थे। लोगों को डर था कि कट्टरपंथी संगठन HTS के दमिश्क पर कब्
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गृह युद्ध शुरू होने से पहले तक सीरिया में करीब 15 लाख क्रिश्चियन रहते थे। ये कुल आबादी का 10% थे। बीते 14 साल में घटकर 2% से भी कम रह गए हैं। अभी देश में करीब तीन लाख क्रिश्चियन आबादी है। इनमें ज्यादातर दमिश्क और आसपास के इलाके में रहते हैं। दूसरे बड़े शहर अलेप्पो में इनकी आबादी 12% से गिरकर 2023 में 1.4% रह गई।। ऊपर दिए वीडियो में देखिए दमिश्क में क्रिसमस की तैयारियां…
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1. महिलाएं बोलीं- हमारे बिना NO आजादी, बच्चियों ने कहा- अब स्कूल जाना चाहते हैं
सीरिया की राजधानी दमिश्क के सबसे बड़े चौराहे उमय्यद स्क्वायर पर आजादी के नारे गूंज रहे हैं। 8 दिसंबर को राष्ट्रपति बशर-अल-असद के देश छोड़कर भागने के बाद इसी चौराहे पर जश्न मना था। लोगों ने कहा कि अब सीरिया आजाद है, लेकिन दमिश्क की महिलाएं अब भी मानती हैं कि ये आजादी अधूरी है। वे आराम से जीना चाहती हैं। बच्चियां स्कूल जाना चाहती हैं। देखिए वीडियो
2. एक रोटी की कीमत 1300 सीरियन पाउंड, दुकानों के बाहर लंबी लाइनें
सीरिया की राजधानी दमिश्क में लोगों की सुबह ब्रेड यानी रोटियां खरीदने से शुरू होती है। रोटी की बाकायदा दुकानें हैं। इनके सामने सुबह 7 बजे से ही लंबी लाइनें लगने लगती हैं। एक रोटी की कीमत करीब 1300 सीरियन पाउंड है। गृह युद्ध की वजह से सीरिया में बहुत ज्यादा महंगाई है। इसलिए लोगों को जरूरत की चीजें जुटाना भी भारी पड़ रहा है। देखिए वीडियो