सुकमा के कोंटा-एर्राबोर रोड में डोंड्रा के पास आईईडी विस्फोट में शहीद एडिशनल एसपी आकाश राव गिरिपूंज मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। इससे पहले माना पुलिस बटालियन में उस वक्त हर आंख नम हो गई जब शहीद को पत्नी ने रोते हुए उन्हें सैल्यूट किया। पिता ग
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माना स्थित चौथी बटालियन में शहीद आकाश को आखिरी सलामी देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप और महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े मौजूद थे। सीएम साय ने कहा कि सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से नक्सली बौखलाए हुए हैं। कोंटा में उन्होंने कायराना हरकत की है। इसमें गिरिपूंजे शहीद हो गए। उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। बस्तर से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा।
फिर सीएम, विस अध्यक्ष और दोनों उप मुख्यमंत्री ने शहीद को कंधा देकर अंतिम विदाई दी। माना से शहीद की अंतिम यात्रा शुरू हुई। इसमें जनसैलाब उमड़ गया था। आकाश के 7 साल के बेटे ने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।
आकाश ने 5 राज्यों की पीएससी क्रैक की, यूपीएससी की मुख्य परीक्षा भी दी
शहीद एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे बड़े संघर्ष से इस मुकाम पर पहुंचे थे। माता-पिता अनपढ़ हैं। ईदगाहभाठा इलाके की संकरी गलियों में उनका बचपन गुजरा। रायपुर में ही बीएससी पास हुए। उसके बाद पीएससी-यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। 2006 में यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली चले गए।
वहां यूपीएससी प्रीलिम्स की परीक्षा पास कर ली। उसके बाद मेंस की परीक्षा दी। 2008 में सीजी पीएससी में बैठे। इसी परीक्षा को पास कर 2013 में डीएसपी बने। आकाश के साथ पीएससी की तैयारी करने वाले चंद्र कुमार साहू ने बताया कि आकाश बहुत प्रतिभावान थे।
उन्होंने यूपीएससी का मेंस भी दिया। तैयारी के दौरान ही उन्होंने कई राज्यों की पीएससी दी। 5 राज्यों में सफल भी रहे। पुलिस अधिकारी बनने के पहले आकाश बैंक में भी रहे। बैंक में मैनेजर की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद पुलिस में आए।
देशभक्ति गानों से बढ़ाते थे उत्साह: आकाश के बैचमेट अविनाश ठाकुर ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान हम थक जाते तो आकाश देशभक्ति गानों से उत्साह बढ़ाते थे। उनकी आवाज इतनी मधुर थी कि गाना सुनकर थकान दूर हो जाती थी।