वीरांगना झलकारी बाई का 195वां प्रकटोत्सव 22 नवंबर से 1 दिसंबर तक मनाया जाएगा। जिसका आयोजन अखिल भारतीय वीरांगना झलकारी महासंघ विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से करेगा।
.
महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश महावर कोली और राष्ट्रीय संयोजक घनश्याम शेर ने बताया कि 22 नवंबर झलकारी जयंती पर पाटनीपुरा स्थित झलकारी द्वार, नेहरू नगर गली नंबर 2 पर सुबह 10 बजे माल्यार्पण होगा। इसके बाद इंदौर के विभिन्न क्षेत्रों में संगोष्ठी एवं बैठकें होगी। 24 नवंबर को बड़वानी जिले की ठीकरी तहसील के केरवा गांव में झलकारी जयंती मनाई जाएगी।
1 दिसंबर को झलकारी महोत्सव का मुख्य आयोजन माई मंगेशकर सभागृह, पंचशील नगर, लोहा मंडी, इल्वा स्कूल के पास आयोजित होगा। इसमें केंद्रीय मंत्री एल. मुरगन, केंद्रीय राज्यमंत्री निम्बू बेन बांभनिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री भानुप्रताप वर्मा, अखिल भारतीय कोली समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गुजरात के कैबिनेट मंत्री कुंवरजी भाई बावलिया, अखिल भारतीय युवा कोली समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजी. खेमचंद कोली सहित समाज के जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।
मुख्य आयोजन में समाज की 11 उत्कृष्ट समाजसेवी महिलाओं को वीरांगना झलकारी अलंकरण से अंलकृत किया जाएगा। पांच वरिष्ठ समाजसेवी पुरुषों को कोली रत्न की उपाधि से नवाजा जाएगा। अलंकरण समारोह के साथ ही ‘झांसी की झलकारी’ नाट्य मंचन होगा।
1 दिसंबर को आयोजन में कोली कुल के जन्मदाता, अयोध्या के प्रथम राजा भगवान मांधाता के वंशज व ओंकारेश्वर ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी श्रीमंत राव देवेंद्र सिंह, मांधाता जनपद के अध्यक्ष राव पुष्पेंद्र सिंह, वीरांगना झलकारी बाई के वंशज घनश्याम वर्मा जतारिया और योगेश वर्मा (झांसी) शामिल होंगे।
इन वंशजों को सपना-संगीता मेन रोड से कार्यक्रम स्थल माई मंगेशकर सभागृह, पंचशील नगर, लोहा मंडी, इल्वा स्कूल के पास बग्गी में बैठा कर जुलूस के रूप में बैंड बाजे के साथ ले जाया जाएगा।